शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर। 𝐁𝐑𝐄𝐀𝐊𝐈𝐍𝐆
चंडीगढ़।। हरियाणा में आज से इतिहास का सलेब्स बदला, स्कूल में बच्चे अब महात्मा गांधी के साथ वीर सावरकर को भी पढ़ेंगे, प्रदेश इस बार छठी से दसवीं तक की इतिहास की किताबों के सलेब्स में हुआ बदलाव, प्रदेश में अब नए तरीके का नया इतिहास पढ़ाया जाएगा।
शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर आज नई किताबें लॉन्च की।
नए सलेब्स विदेशी आक्रमण को एक पेज में है जबकि महापुरुषों को एक पेरे की जगह एक पेज दिया गया है।
महात्मा गांधी और अन्य महापुरुषों के साथ वीर सावरकर को भी पढ़ाया जाएगा।
छठी के साथ अब 10वीं में भी सरस्वती नदी के बारे में पढ़ने को मिलेगा।
1857 के संघर्ष को विद्रोह या गदर नहीं आजादी की पहली क्रांति के रूप में प्रस्तुत किया है और इसमें हरियाणा के योगदान को प्रमुखता से रखा है।
इससे पहले अब तक पुस्तकों में बच्चे पढ़ते थे ये क्रांति मेरठ से शुरू हुई, अब क्रांति के अम्बाला से शुरू होने के बारे में पढ़ने को मिलेगा।
हरियाणा का अपना इतिहास इस बार किताबों में बाहर का इतिहास कम और प्रदेश का इतिहास ज्यादा शामिल किया है।
प्रदेश के महापुरुषों की संख्या बढ़ाई है।
सरस्वती नदी औऱ सिन्धु सभ्यता को विस्तार से बताया है।
कैथल के वीर मोहन सिंह मंढार से लेकर स्थानीय राजाओं का इतिहास भी पढ़ाया जाएगा।
इसी तरह 8वीं में सिख गुरु परंपरा का विशेष पाठ दिया है और कई प्रमुख गुरुद्वारों को फोटो के माध्यम से भी दर्शाया है।
प्रेरणा दिवंगत दर्शन लाल जैन और दिवंगत सतीश चन्द्र मित्तल को बताया गया है।
दर्शन लाल जैन और सतीश चंद्र मित्तल दोनों ही खुद भी संघ से जुड़े रहे हैं।
1857 की क्रांति की शुरुआत को लेकर सीबीएसई और हरियाणा की किताबों में इस बार अलग-अलग तथ्य पढ़ने को मिलेंग
सीबीएसई में क्रांति की शुरुआत मेरठ से बताई है लेकिन हरियाणा की किताबों में एक दिन पहले ही इसकी शुरुआत अम्बाला से दिखा।

