जीपीएस से रखी जाएगी ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर नजर
कुछ ट्रैक्टर ट्रॉलियां निगम के पास पहले से थी, जबकि 44 ट्रैक्टर ट्रॉलियां नई ली गई है। इनके माध्यम से रोजाना डोर टू डोर कचरा कलेक्शन किया जाएगा। हर वार्ड में ट्रैक्टर ट्रॉलियां मिलने से शहर की कचरा उठान की समस्या का समाधान होगा। वहीं, शहर की सफाई व्यवस्था सुदृढ़ होगी।
कुछ दिन पहले डोर टू डोर कचरा उठान का टेंडर खत्म हो गया था। जिसके बाद से शहर में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की समस्या पैदा हो गई थी। इसके समाधान के लिए नगर निगम ने टिप्परों के साथ साथ हर वार्ड में दो से तीन ट्रैक्टर ट्रॉलियां से कचरा कलेक्शन करना शुरू कर दिया है। निगम ने हाल में ली 44 ट्रैक्टर ट्रॉलियों को प्रत्येक वार्ड में आवंटित किया है। जोन नंबर एक में वार्ड एक से सात शामिल किए गए है।
इसका इंचार्ज सीएसआई हरजीत सिंह को बनाया गया है। जोन नंबर दो का इंचार्ज सीएसआई अनिल नैन को बनाया गया है। इसमें आठ से 15 वार्ड शामिल किए गए। इसी तरह 16 से 22 वार्ड को जोन नंबर तीन में शामिल किया गया। सीएसआई सुरेंद्र चौपड़ा की देखरेख में जोन तीन की सफाई व्यवस्था होगी। कार्यकारी अधिकारी सुशील भुक्कल के नेतृत्व में तीनों सीएसआई की देखरेख में कचरा उठान का कार्य किया जा रहा है।
मेयर मदन चौहान व नगर निगम उप निगम आयुक्त अशोक कुमार ने बताया कि शहर की सफाई व्यवस्था बेहतर करने के लिए नगर निगम प्रयास कर रहा है। सफाई व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए सभी वार्डों में नगर निगम 44 और ट्रैक्टर ट्रॉलियां लगाई गई है। इसके अलावा जो ट्रैक्टर ट्रॉलियां व टिप्पर पहले लगे हुए है, वे भी उसी तरह कचरा कलेक्शन का काम करते रहेंगे। प्रत्येक वार्ड में न्यूनतम दो ट्रैक्टर ट्रॉलियां लगाई गई है। इससे हमारे शहर की कचरा कलेक्शन की समस्या खत्म होगी।
जीपीएस से रखी जाएगी ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर नजर
कार्यकारी अधिकारी सुशील भुक्कल ने बताया कि सभी ट्रॉलियों पर नीला रंग करवाया गया है। सभी पर नगर निगम यमुनानगर-जगाधरी व स्वच्छता संबंधित स्लोगन लिखवाए जा रहे है। इसके अलावा सभी ट्रैक्टर ट्रॉलियों में जीपीएस लगाए जाएंगे। जीपीएस के माध्यम से इन ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर निगरानी रखी जाएगी। एजेंसी को जीपीएस की रिपोर्ट हर माह बिल के साथ देनी होगी।यदि इसमें ट्रैक्टर ट्रॉली व चालक द्वारा गैर हाजिर व अपने रूट चार्ट के अलावा अन्य स्थानों पर पाए गए तो फर्म के बिल से रुपये काटे जाएंगे। इसके अलावा निगम अधिकारियों के निरीक्षण में यदि मौके पर वाहन कम मिले तो प्रति वाहन दो हजार रुपये जुर्माना फर्म को लगाया जाएगा। यह जुर्माना फर्म के मासिक बिल से काटा जाएगा।