शिक्षकों के सामने बच्चों को पढ़ाना किसी चुनौती से कम नहीं
Report By :- Rahul Sahajwani
यमुनानगर | NEWS - आज समय के साथ पढ़ाई का तरीका बदल गया है। शिक्षकों के सामने बच्चों को पढ़ाना किसी चुनौती से कम नहीं है। शिक्षकों के कंधों पर अब बड़ी जिम्मेदारी आ गई है। 21वीं सदी में हमें तकनीक का इस्तेमाल केवल पढ़ाई व अपना ज्ञान बढ़ाने के लिए करना है। मुझे गर्व है कि मैं 39 साल तक गुरु नानक गर्ल्स कॉलेज का हिस्सा रहीं। 4 दशक में मुझे केवल बड़ों से ही नहीं बल्कि अपनी छात्राओं से भी काफी कुछ सीखने को मिला है। यह बात जीएनजी कॉलेज में कॉमर्स विभाग की एचओडी मधू कपूर ने मंगलवार को अपनी सेवानिवृत्ति पर कही। वह 39 साल से कॉलेज में छात्राओं को कॉमर्स पढ़ा रही थी।
मुकंद लाल नेशनल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. शैलश कपूर की पत्नी सैक्टर-17 निवासी मधू कपूर ने कहा कि 1983 में जब उन्होंने जीएनजी कॉलेज ज्वाइन किया था तो वह संत निश्चल जी महाराज से मिली थी। उनसे मिलने के बाद जीवन में बड़ा बदलाव आया। तब उन्होंने ठान लिया था कि लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए वह भी हर संभव प्रयास करेंगी। इतने सालों में कॉलेज में हर वर्ग की छात्राओं को पढ़ाने का मौका मिला। जिससे यह पता चला कि उच्च शिक्षा हर कोई प्राप्त कर सकता है। अच्छी शिक्षा पर किसी गरीब या अमीर का नाम नहीं लिखा है। उन्होंने ऐसी छात्राओं को भी पढ़ाया जिनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, लेकिन उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा मुकाम हासिल किया। कॉलेज की निदेशिका डॉ. वरिंद्र गांधी ने उन्हें स्मृति चिह्न भेंट करते हुए कहा कि मधू कपूर ने कॉलेज में अपना जो योगदान दिया है उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। इस दौरान डॉ. शैलेश कपूर व कॉलेज का अन्य स्टॉफ, कपूर परिवार के रिश्तेदार व डॉक्टर अनिल अग्रवाल भी मौजूद रहे। इस दौरान विदेश में रह रहे कपूर के बेटा-बेटी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से बात की। विदाई के समय सबकी आंखें नम हो गई।
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