𝗧𝗵𝗶𝘀 𝗰𝗮𝗺𝗲 𝘁𝗼 𝗹𝗶𝗴𝗵𝘁 𝗱𝘂𝗿𝗶𝗻𝗴 𝗮 𝗺𝗲𝗲𝘁𝗶𝗻𝗴 𝗵𝗲𝗹𝗱 𝘂𝗻𝗱𝗲𝗿 𝘁𝗵𝗲 𝗖𝗵𝗮𝗶𝗿𝗺𝗮𝗻𝘀𝗵𝗶𝗽 𝗼𝗳 𝘁𝗵𝗲 𝗖𝗵𝗶𝗲𝗳 𝗠𝗶𝗻𝗶𝘀𝘁𝗲𝗿, 𝗠𝗮𝗻𝗼𝗵𝗮𝗿 𝗟𝗮𝗹 𝘄𝗶𝘁𝗵 𝘁𝗵𝗲 𝗺𝗲𝗺𝗯𝗲𝗿𝘀 𝗼𝗳 𝘁𝗵𝗲 𝗦𝗖/𝗦𝗧 𝗮𝗻𝗱 𝗕𝗖 𝗖𝗼𝗺𝗺𝗶𝘁𝘁𝗲𝗲. 𝗗𝘂𝗿𝗶𝗻𝗴 𝘁𝗵𝗲 𝗺𝗲𝗲𝘁𝗶𝗻𝗴, 𝗠𝗮𝗻𝗼𝗵𝗮𝗿 𝗟𝗮𝗹 𝘀𝗽𝗼𝗸𝗲 𝘁𝗼 𝘁𝗵𝗲 𝗺𝗲𝗺𝗯𝗲𝗿𝘀 𝗼𝗳 𝘁𝗵𝗲 𝗖𝗼𝗺𝗺𝗶𝘁𝘁𝗲𝗲 𝗶𝗻 𝗱𝗲𝘁𝗮𝗶𝗹 𝘄𝗶𝘁𝗵 𝗿𝗲𝗴𝗮𝗿𝗱 𝘁𝗼 𝘁𝗵𝗲 𝗶𝗺𝗽𝗹𝗲𝗺𝗲𝗻𝘁𝗮𝘁𝗶𝗼𝗻 𝗼𝗳 𝘃𝗮𝗿𝗶𝗼𝘂𝘀 𝘄𝗲𝗹𝗳𝗮𝗿𝗲 𝘀𝗰𝗵𝗲𝗺𝗲𝘀 𝗳𝗼𝗿 𝘁𝗵𝗲 𝗦𝗖/𝗦𝗧 𝗮𝗻𝗱 𝗕𝗖 𝗮𝗻𝗱 𝘁𝗵𝗲 𝗯𝗲𝗻𝗲𝗳𝗶𝘁𝘀 𝗯𝗲𝗶𝗻𝗴 𝗲𝘅𝘁𝗲𝗻𝗱𝗲𝗱 𝘁𝗼 𝘁𝗵𝗲𝗺. 𝗛𝗲 𝗮𝘀𝗸𝗲𝗱 𝘁𝗵𝗲 𝗺𝗲𝗺𝗯𝗲𝗿𝘀 𝘁𝗼 𝗽𝗿𝗲𝗽𝗮𝗿𝗲 𝗮 𝗹𝗶𝘀𝘁 𝗼𝗳 𝗰𝗮𝘀𝗲𝘀 𝗽𝗲𝗿𝘁𝗮𝗶𝗻𝗶𝗻𝗴 𝘁𝗼 𝗮𝘁𝗿𝗼𝗰𝗶𝘁𝗶𝗲𝘀, 𝗺𝘂𝗿𝗱𝗲𝗿 𝗮𝗻𝗱 𝗿𝗮𝗽𝗲 𝘄𝗵𝗲𝗿𝗲𝗶𝗻 𝗰𝗼𝗺𝗽𝗲𝗻𝘀𝗮𝘁𝗶𝗼𝗻 𝗶𝘀 𝘀𝘁𝗶𝗹𝗹 𝗽𝗲𝗻𝗱𝗶𝗻𝗴.
चंडीगढ़।। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल पिछले साढ़े सात वर्षों में प्रभावी रूप से अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और पिछड़ा वर्ग (बीसी) के लोगों के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक सामाजिक वातावरण मुहैया करवाने में सक्षम रहे हैं।
𝐈𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐥𝐚𝐬𝐭 𝐬𝐞𝐯𝐞𝐧 𝐚𝐧𝐝 𝐚 𝐡𝐚𝐥𝐟 𝐲𝐞𝐚𝐫𝐬 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐨𝐟 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚, 𝐮𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐥𝐞𝐚𝐝𝐞𝐫𝐬𝐡𝐢𝐩 𝐨𝐟 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫, 𝐌𝐚𝐧𝐨𝐡𝐚𝐫 𝐋𝐚𝐥 𝐡𝐚𝐬 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐞𝐟𝐟𝐞𝐜𝐭𝐢𝐯𝐞𝐥𝐲 𝐚𝐛𝐥𝐞 𝐭𝐨 𝐞𝐱𝐭𝐞𝐧𝐝 𝐬𝐞𝐜𝐮𝐫𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐫𝐞𝐬𝐩𝐞𝐜𝐭𝐚𝐛𝐥𝐞 𝐬𝐨𝐜𝐢𝐚𝐥 𝐞𝐧𝐯𝐢𝐫𝐨𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐞𝐨𝐩𝐥𝐞 𝐛𝐞𝐥𝐨𝐧𝐠𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐒𝐜𝐡𝐞𝐝𝐮𝐥𝐞𝐝 𝐂𝐚𝐬𝐭𝐞𝐬(𝐒𝐂), 𝐒𝐜𝐡𝐞𝐝𝐮𝐥𝐞𝐝 𝐓𝐫𝐢𝐛𝐞𝐬 (𝐒𝐓) 𝐚𝐧𝐝 𝐁𝐚𝐜𝐤𝐰𝐚𝐫𝐝 𝐂𝐥𝐚𝐬𝐬𝐞𝐬 (𝐁𝐂).
मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित अनुसूचित जाति और
पिछड़ा वर्ग समिति की बैठक के दौरान यह बात समिति के सदस्यों ने कही। बैठक में
समिति के सदस्य विधायक ईश्वर सिंह, धर्मपाल गोंदर, रामकरण, लक्ष्मण नापा, राजेश नागर, सत्यप्रकाश जरावता, चिंरजीव राव, श्रीमति रेणू बाला व
शीशपाल सिंह मौजूद थे। बैठक में समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को शॉल भेंट कर
सम्मानित भी किया।
समिति के सदस्य भी लोगों को आनलाइन लाभ लेने के लिए करें जागरूक
बैठक में मुख्यमंत्री ने समिति के सदस्यों को सलाह दी कि वे भी
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लोगों को राज्य सरकार द्वारा
विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत व्यक्तिगत रूप से फाइल स्थानांतरित करने के
बजाए पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन लाभ लेने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि
राशि का लाभ ऑनलाइन ट्रांसफर बेहतर है क्योंकि यह सीधे लाभार्थी के खाते में
पहुंचता है।
मनोहर लाल ने समिति के सदस्यों से अनुसूचित जाति/जनजाति एवं
पिछड़ा वर्ग के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन एवं उन्हें दिए जा
रहे लाभों के संबंध में विस्तार से बात करते हुए कहा कि सरकार गरीब लोगों के हित
में कार्य कर रही है ताकि यह भी समाज की मुख्यधारा में जुड़ सकें। बैठक के दौरान मनोहर
लाल ने समिति के सदस्यों से कहा कि हत्या, बलात्कार या इनसे जुड़े मामलों की एक सूची
तैयार कर दी जाए ताकि दिए जाने वाले मुआवजा मे देरी के कारणों का पता लगाया जाए और
जल्द ही लंबित मामलों का निपटान किया जाए।
मुख्यमंत्री लोकहित में कर रहे कार्य
𝐓𝐡𝐞 𝐦𝐞𝐦𝐛𝐞𝐫𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐨𝐦𝐦𝐢𝐭𝐭𝐞𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐢𝐭 𝐰𝐚𝐬 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐢𝐫𝐬𝐭 𝐭𝐢𝐦𝐞 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐚𝐧 𝐢𝐧𝐢𝐭𝐢𝐚𝐭𝐢𝐯𝐞 𝐡𝐚𝐝 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐭𝐚𝐤𝐞𝐧 𝐛𝐲 𝐚𝐧𝐲 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐰𝐞𝐥𝐟𝐚𝐫𝐞 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐒𝐂/𝐒𝐓 𝐚𝐧𝐝 𝐁𝐂 𝐜𝐨𝐦𝐦𝐮𝐧𝐢𝐭𝐢𝐞𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐬𝐮𝐜𝐡 𝐚 𝐂𝐨𝐦𝐦𝐢𝐭𝐭𝐞𝐞 𝐡𝐚𝐝 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐜𝐨𝐧𝐬𝐭𝐢𝐭𝐮𝐭𝐞𝐝. 𝐓𝐡𝐞𝐲 𝐞𝐥𝐚𝐛𝐨𝐫𝐚𝐭𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐝𝐮𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐂𝐎𝐕𝐈𝐃 𝐜𝐫𝐢𝐬𝐢𝐬 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐡𝐢𝐥𝐝𝐫𝐞𝐧 𝐨𝐟 𝐬𝐮𝐜𝐡 𝐟𝐚𝐦𝐢𝐥𝐢𝐞𝐬 𝐰𝐞𝐫𝐞 𝐮𝐧𝐚𝐛𝐥𝐞 𝐭𝐨 𝐬𝐭𝐮𝐝𝐲 𝐚𝐬 𝐭𝐡𝐞𝐲 𝐝𝐢𝐝 𝐧𝐨𝐭 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐞𝐱𝐩𝐞𝐧𝐬𝐢𝐯𝐞 𝐞𝐥𝐞𝐜𝐭𝐫𝐨𝐧𝐢𝐜 𝐠𝐚𝐝𝐠𝐞𝐭𝐬 𝐥𝐢𝐤𝐞 𝐭𝐚𝐛𝐥𝐞𝐭𝐬, 𝐥𝐚𝐩𝐭𝐨𝐩𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐦𝐨𝐛𝐢𝐥𝐞 𝐩𝐡𝐨𝐧𝐞𝐬 𝐝𝐮𝐞 𝐭𝐨 𝐟𝐢𝐧𝐚𝐧𝐜𝐢𝐚𝐥 𝐢𝐬𝐬𝐮𝐞𝐬. 𝐈𝐭 𝐰𝐚𝐬 𝐭𝐡𝐞𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐭𝐨𝐨𝐤 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐚𝐭𝐭𝐞𝐫 𝐬𝐞𝐫𝐢𝐨𝐮𝐬𝐥𝐲 𝐚𝐧𝐝 𝐞𝐧𝐡𝐚𝐧𝐜𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐛𝐮𝐝𝐠𝐞𝐭 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐚𝐦𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐬𝐮𝐛𝐬𝐞𝐪𝐮𝐞𝐧𝐭𝐥𝐲 𝐭𝐡𝐞 𝐭𝐚𝐛𝐥𝐞𝐭𝐬, 𝐥𝐚𝐩𝐭𝐨𝐩𝐬 𝐰𝐞𝐫𝐞 𝐩𝐫𝐨𝐯𝐢𝐝𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐚𝐥𝐥 𝐬𝐮𝐜𝐡 𝐟𝐚𝐦𝐢𝐥𝐢𝐞𝐬. 𝐓𝐡𝐞 𝐜𝐡𝐢𝐥𝐝𝐫𝐞𝐧 𝐰𝐞𝐫𝐞 𝐭𝐡𝐮𝐬 𝐚𝐛𝐥𝐞 𝐭𝐨 𝐩𝐮𝐫𝐬𝐮𝐞 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐬𝐭𝐮𝐝𝐢𝐞𝐬 𝐞𝐯𝐞𝐧 𝐝𝐮𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐎𝐕𝐈𝐃 𝐜𝐫𝐢𝐬𝐢𝐬 𝐭𝐡𝐫𝐨𝐮𝐠𝐡 𝐨𝐧𝐥𝐢𝐧𝐞 𝐦𝐨𝐝𝐞 𝐛𝐲 𝐮𝐬𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞𝐬𝐞 𝐠𝐚𝐝𝐠𝐞𝐭𝐬.
बैठक में समिति के सदस्यों ने कहा कि कोविड-19 संकट के दौरान भी
समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को पढ़ाई में आई समस्यों को देखकर
मुख्यमंत्री ने लोकहित में काम करते हुए सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों को
टैबलेट देने का काम किया है, जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और कहा कि
समाज हित में इसकी जरूरत थी, ताकि वंचित बच्चे भी आगे बढ़े।
यह पहली सरकार जिसने इस समिति का किया गठन
𝐓𝐡𝐞 𝐦𝐞𝐦𝐛𝐞𝐫𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐒𝐂/𝐒𝐓 𝐚𝐧𝐝 𝐁𝐂 𝐂𝐨𝐦𝐦𝐢𝐭𝐭𝐞𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐰𝐡𝐢𝐥𝐞 𝐞𝐱𝐩𝐫𝐞𝐬𝐬𝐢𝐧𝐠 𝐠𝐫𝐚𝐭𝐢𝐭𝐮𝐝𝐞 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫, 𝐌𝐚𝐧𝐨𝐡𝐚𝐫 𝐋𝐚𝐥 𝐟𝐨𝐫 𝐩𝐫𝐨𝐯𝐢𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐞𝐥𝐞𝐜𝐭𝐫𝐨𝐧𝐢𝐜 𝐠𝐚𝐝𝐠𝐞𝐭𝐬 𝐥𝐢𝐤𝐞 𝐭𝐚𝐛𝐥𝐞𝐭𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐥𝐚𝐩𝐭𝐨𝐩𝐬 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐞𝐨𝐩𝐥𝐞 𝐛𝐞𝐥𝐨𝐧𝐠𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐞𝐜𝐨𝐧𝐨𝐦𝐢𝐜𝐚𝐥𝐥𝐲 𝐰𝐞𝐚𝐤𝐞𝐫 𝐬𝐞𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐨𝐜𝐢𝐞𝐭𝐲 𝐝𝐮𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐎𝐕𝐈𝐃-𝐜𝐫𝐢𝐬𝐢𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐚𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐤𝐞𝐞𝐧 𝐢𝐧𝐭𝐞𝐫𝐞𝐬𝐭 𝐢𝐧 𝐮𝐩𝐥𝐢𝐟𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐞𝐨𝐩𝐥𝐞 𝐛𝐞𝐥𝐨𝐧𝐠𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐨 𝐒𝐂/𝐒𝐓 𝐚𝐧𝐝 𝐁𝐂 𝐜𝐨𝐦𝐦𝐮𝐧𝐢𝐭𝐢𝐞𝐬.
बैठक में समिति के सदस्यों ने कहा कि यह पहली बार है कि किसी सरकार द्वारा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए पहल की गई है और ऐसी समिति का गठन किया गया है। उन्होंने विस्तार से बताया कि कोविड-19 संकट के दौरान गरीब परिवारों के बच्चे पढ़ने में असमर्थ थे क्योंकि उनके पास वित्तीय अभाव के कारण टैबलेट, लैपटॉप और मोबाइल फोन जैसे महंगे इलेक्ट्रॉनिक साधन नहीं थे। मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसके लिए बजट बढ़ाया और बाद में ऐसे सभी परिवारों को टैबलेट प्रदान किए गए। इस प्रकार बच्चे इन माध्यमों का उपयोग करके ऑनलाइन मोड से अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने में सक्षम हुए।
बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी.एस ढेसी, वित्त एवं
योजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन प्रसाद, स्कूल शिक्षा विभाग
के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ महावीर सिंह, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग
के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, माध्यमिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक जे.गणेशन
सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
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