लंपी स्किन रोग की रोकथाम के लिए अभी तक नहीं चला पा रहे सघन अभियान
चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को 15 दिन बीतने पर भी गायों की तड़पन सुनाई नहीं दे रही है। प्रदेश में लंपी स्किन रोग तेजी से फैल रहा है और सरकार आराम से अंजान बनी हुई है।
सैंकड़ों गायों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 30 हजार पशुओं को लंपी स्किन वायरस अपनी चपेट में ले चुका है। इसके बावजूद संवेदनहीन गठबंधन अभी तक पूरे प्रदेश में लंपी रोग की रोकथाम के लिए सघन अभियान नहीं चला पा रही है।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी गायों का राजनीतिक इस्तेमाल करती रही है। समय-समय पर गायों का नाम लेकर वोटों के धुर्वीकरण का प्रयास करती रही है। इसके बावजूद आज जब गायों को अपनी जिंदगी बचाने के लिए सरकार की मदद की दरकार है तो यही पार्टी और इसकी सरकार ने इस ओर से मुंह फेर लिया है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा में 15 दिन से अधिक समय से गायों में लंपी वायरस आना शुरू हुआ। इसके तेजी से फैलने के साथ ही पशुओं की जान जाने का सिलसिला शुरू हो गया। लोग दवा के लिए इधर-उधर धक्के खा रहे हैं।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी गायों का राजनीतिक इस्तेमाल करती रही है। समय-समय पर गायों का नाम लेकर वोटों के धुर्वीकरण का प्रयास करती रही है। इसके बावजूद आज जब गायों को अपनी जिंदगी बचाने के लिए सरकार की मदद की दरकार है तो यही पार्टी और इसकी सरकार ने इस ओर से मुंह फेर लिया है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा में 15 दिन से अधिक समय से गायों में लंपी वायरस आना शुरू हुआ। इसके तेजी से फैलने के साथ ही पशुओं की जान जाने का सिलसिला शुरू हो गया। लोग दवा के लिए इधर-उधर धक्के खा रहे हैं।
जबकि, जिस गाय के नाम का सहारा भाजपा ने चुनाव के समय लिया आज जरूरत के समय उन्हें भुला दिया। गायों को बचाने के नाम पर सिर्फ ढाेंग किया जा रहा है। अगर सरकार गंभीर होती तो आज प्रदेश में लंपी वायरस को लेकर भयावह स्थिति नहीं बनती।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लंपी वायरस 16 जिलों के 2354 गांवों तक पहुंच चुका है। लोग एक-एक पशु के इलाज पर दस-दस हजार रुपये खर्च करने को मजबूर हैं और फिर भी उन्हें पशु के बचने की गारंटी नहीं मिल रही।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लंपी वायरस 16 जिलों के 2354 गांवों तक पहुंच चुका है। लोग एक-एक पशु के इलाज पर दस-दस हजार रुपये खर्च करने को मजबूर हैं और फिर भी उन्हें पशु के बचने की गारंटी नहीं मिल रही।
सिर्फ 3 दिन में ही 48 प्रतिशत केस बढ़ना प्रदेश की गठबंधन सरकार के गाय हितैषी होने की पोल खोलने के लिए काफी है। पशुओं व पशुपालकों के लिए बनी विपरित परिस्थितियों में प्रदेश सरकार को लंपी की रोकथाम के लिए शीघ्र कदम उठाने चाहिएं।
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