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Chandigarh- अध्यापक स्थानांतरण नीति पर राजनीति कर रही है कांग्रेस, कोई स्कूल बंद नहीं किया, कुछ मर्ज किए हैं: मुख्यमंत्री


𝐓𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐢𝐬 𝐢𝐧 𝐩𝐫𝐨𝐜𝐞𝐬𝐬 𝐨𝐟 𝐫𝐞𝐜𝐫𝐮𝐢𝐭𝐢𝐧𝐠 𝟏𝟏,𝟎𝟎𝟎 𝐭𝐞𝐚𝐜𝐡𝐞𝐫𝐬, 𝐨𝐟 𝐰𝐡𝐢𝐜𝐡 𝟓𝟎𝟎𝟎 𝐏𝐆𝐓𝐬 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐛𝐞 𝐫𝐞𝐜𝐫𝐮𝐢𝐭𝐞𝐝 𝐛𝐲 𝐇𝐏𝐒𝐂 𝐚𝐧𝐝 𝟔𝟎𝟎𝟎 𝐓𝐆𝐓𝐬 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐛𝐞 𝐫𝐞𝐜𝐫𝐮𝐢𝐭𝐞𝐝 𝐛𝐲 𝐇𝐒𝐒𝐂. 𝐓𝐢𝐥𝐥 𝐩𝐞𝐫𝐦𝐚𝐧𝐞𝐧𝐭 𝐫𝐞𝐜𝐫𝐮𝐢𝐭𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐢𝐬 𝐦𝐚𝐝𝐞, 𝐩𝐨𝐬𝐬𝐢𝐛𝐢𝐥𝐢𝐭𝐢𝐞𝐬 𝐚𝐫𝐞 𝐞𝐱𝐩𝐥𝐨𝐫𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐟𝐢𝐥𝐥 𝐭𝐡𝐞𝐬𝐞 𝐩𝐨𝐬𝐭𝐬 𝐭𝐡𝐫𝐨𝐮𝐠𝐡 𝐊𝐚𝐮𝐬𝐡𝐚𝐥 𝐑𝐨𝐳𝐠𝐚𝐫 𝐍𝐢𝐠𝐚𝐦, 𝐚𝐝𝐝𝐞𝐝 𝐌𝐚𝐧𝐨𝐡𝐚𝐫 𝐋𝐚𝐥. 



चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्कूलों को बंद करने और शिक्षकों के रिक्त पदों की खबरों को भ्रामक और निराधार बताया है।

मुख्यमंत्री ने आज यहां आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार न तो किसी स्कूल को बंद करेगी और प्रदेश में शिक्षकों के पद खाली नहीं हैं। 

राज्य सरकार 𝟏𝟏,𝟎𝟎𝟎 शिक्षकों की भर्ती करेगी, जिनमें से एचपीएससी द्वारा 𝟓𝟎𝟎𝟎 पीजीटी और एचएसएससी द्वारा 𝟔𝟎𝟎𝟎 टीजीटी की भर्ती की जाएगी। नियमित भर्ती होने तक अध्यापकों की भर्ती कौशल रोजगार के माध्यम से करवाने की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी। पिछले 𝟖 वर्षों में हमने 𝟖,𝟔𝟎𝟎 पीजीटी और टीजीटी की भर्ती की है।

माननीय सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे पीआरटी शिक्षकों के मामले का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार उन शिक्षकों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि ये सभी शिक्षक योग्य हैं और सरकार ऐसे शिक्षकों को नई भर्ती प्रक्रिया में भर्ती करने पर भी विचार कर सकती है। इन शिक्षकों ने पदों के विज्ञापित होने के बाद एचटीईटी परीक्षा उत्तीर्ण की थी, जिसके कारण उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाया गया था।

उन्होंने कहा कि कोविड-𝟏𝟗 महामारी के कारण शिक्षकों के ऑनलाइन स्थानांतरण की प्रक्रिया रुकी हुई थी। इस दौरान कई शिक्षक सेवानिवृत्त हुए और कई पदोन्नत हुए। अब राज्य सरकार ने फिर से स्थानांतरण अभियान शुरू किया है और 𝟗𝟎 प्रतिशत से अधिक शिक्षक ऑनलाइन स्थानांतरण से संतुष्ट हैं।

उन्होंने कहा कि जब कुछ विद्यालयों में शिक्षक स्थानांतरण नीति का कार्य रुका तो विद्यार्थियों की संख्या की तुलना में शिक्षकों की संख्या में कमी आई, जबकि कुछ विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या की तुलना में शिक्षकों की संख्या अधिक थी। इसलिए शिक्षक छात्र अनुपात यानी 𝟑𝟎:𝟏 के अनुसार शिक्षकों का युक्तिकरण अनिवार्य हो गया।

उन्होंने कहा कि जब हमने इस साल फिर से ऑनलाइन स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू की तो हमने पाया कि 𝟏𝟏𝟕 सरकारी माध्यमिक विद्यालय थे, जिनमें कोई शिक्षक नहीं था और 𝟐,𝟎𝟎𝟎 से अधिक पीजीटी ऐसे उच्च विद्यालयों में कार्यरत थे जहां कक्षा नौंवी और दसंवी में केवल एक या दो सेक्शन थे, इसलिए शिक्षकों को कार्यभार के अनुसार युक्तिसंगत बनाने का निर्णय लिया गया है।

कांग्रेस के कार्यकाल में 509 स्कूलों का हुआ विलय


स्कूलों के विलय पर शोर मचाने पर विपक्ष पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में 𝟓𝟎𝟗 स्कूलों का विलय हुआ था, जबकि हमारे कार्यकाल में 𝟏𝟐𝟎 स्कूलों का ही विलय हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विलय के बाद सीनियर सेकेंडरी स्कूल की संख्या 𝟐𝟑𝟎𝟒, हाई स्कूल की 𝟏𝟎𝟐𝟕, मिडिल की 𝟐𝟏𝟐𝟐, प्राइमरी की 𝟒𝟏𝟖𝟒 है। कांग्रेस के विपरीत, हमने इन मर्ज किए गए स्कूलों को कभी भी निष्क्रिय नहीं छोड़ा।

उन्होंने कहा कि हरियाणा देश में एक बच्चे की शिक्षा पर सर्वाधिक राशि खर्च कर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने स्कूलों के नाम पर राजनीति की। वे अपने कार्यकाल में एक ही भवन में 𝟒-𝟒 स्कूल चलाते थे। एक ही भवन में चल रहे इन स्कूलों के लिए सिर्फ पद सृजित करने के लिए चार अलग-अलग प्रमुख नियुक्त किए गए थे। हमने ऐसे स्कूलों का विलय किया है और अब केवल एक ही मुखिया द्वारा चलाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने स्कूलों का विलय करने और स्कूल प्रमुख की जिम्मेदारी हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक को सौंपने का निर्णय लिया है।

सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मॉडल संस्कृति स्कूलों में भी दखिले में संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। राज्य सरकार ने प्रदेशभर में 𝟓𝟎𝟎 मॉडल संस्कृति स्कूल खोलने की योजना बनाई है।

चिराग योजना गरीब छात्रों के लिए वरदान

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लागू की गई चिराग योजना उन गरीब छात्रों के लिए वरदान साबित हो रही है जो निजी स्कूल में पढ़ना चाहते हैं।

इस योजना के तहत, सरकार दूसरी से पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों के लिए निजी स्कूलों को 𝟕𝟎𝟎 रुपये दे रही है, जबकि छठी से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों के लिए 𝟗𝟎𝟎 रुपये और 𝟗वीं से 𝟏𝟐वीं के लिए 𝟏𝟏𝟎𝟎 रुपये का भुगतान कर रही है। यह राशि प्रति छात्र प्रति माह दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अब तक लगभग 𝟑𝟖𝟏 निजी स्कूलों ने 𝟐𝟒𝟗𝟖𝟕 सीटों पर छात्रों को प्रवेश देने के लिए अपनी सहमति दी है, जिनमें से लगभग 𝟐𝟓𝟎𝟎 बच्चों का दखिला हो चुका है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ अमित अग्रवाल सहित संबंधित विभागों के प्रशासनिक सचिव मौजूद रहे।

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