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Rohtak- धान के निर्यात पर 20% एक्साइज ड्यूटी और टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किसान विरोधी: हुड्डा


𝐅𝐨𝐫𝐦𝐞𝐫 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐚𝐧𝐝 𝐋𝐞𝐚𝐝𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐎𝐩𝐩𝐨𝐬𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐁𝐡𝐮𝐩𝐢𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡 𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚 𝐡𝐚𝐬 𝐭𝐞𝐫𝐦𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐞𝐧𝐭𝐫𝐚𝐥 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭'𝐬 𝐝𝐞𝐜𝐢𝐬𝐢𝐨𝐧 𝐭𝐨 𝐢𝐦𝐩𝐨𝐬𝐞 𝟐𝟎 𝐩𝐞𝐫 𝐜𝐞𝐧𝐭 𝐝𝐮𝐭𝐲 𝐨𝐧 𝐞𝐱𝐩𝐨𝐫𝐭 𝐨𝐟 𝐧𝐨𝐧-𝐛𝐚𝐬𝐦𝐚𝐭𝐢 𝐫𝐢𝐜𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐛𝐚𝐧 𝐨𝐧 𝐞𝐱𝐩𝐨𝐫𝐭 𝐨𝐟 𝐛𝐫𝐨𝐤𝐞𝐧 𝐫𝐢𝐜𝐞 𝐚𝐬 𝐚𝐧𝐭𝐢-𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫. 𝐇𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐰𝐨𝐮𝐥𝐝 𝐧𝐨𝐭 𝐛𝐞 𝐚𝐛𝐥𝐞 𝐭𝐨 𝐛𝐞𝐧𝐞𝐟𝐢𝐭 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐭𝐡𝐞 𝐡𝐢𝐠𝐡 𝐩𝐫𝐢𝐜𝐞𝐬 𝐨𝐟 𝐟𝐨𝐨𝐝 𝐠𝐫𝐚𝐢𝐧𝐬 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐢𝐧𝐭𝐞𝐫𝐧𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧𝐚𝐥 𝐚𝐫𝐢𝐬𝐢𝐧𝐠 𝐨𝐮𝐭 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐑𝐮𝐬𝐬𝐨-𝐔𝐤𝐫𝐚𝐢𝐧𝐞 𝐰𝐚𝐫.



हाइलाइट्स

धान के निर्यात पर 20% एक्साइज ड्यूटी और टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किसान विरोधी

निर्यात पर रोक लगाने और शुल्क बढ़ाने से किसानों को होगा भारी नुकसान

20 सितंबर से मंडियों में धान की खरीद शुरू करे सरकार

नौकरियों की खुली बोली को ही सरकार ने दिया पारदर्शिता का नाम

मारुति के खरखौदा प्लांट को लेकर कांग्रेस कार्यकाल में ही बन चुकी थी सहमति

बीजेपी सरकार के कारण हुई 8 साल की देरी


रोहतक, डिजिटल डेक्स।। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्र सरकार द्वारा गैर-बासमती चावल के निर्यात पर 20 फीसदी शुल्क और टूटे चावल के निर्यात पर रोक लगाने के फैसले को किसान विरोधी बताया है। 

क्योंकि, इससे रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते पैदा हुए हालात और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अनाज की ऊंची कीमतों का लाभ देश के किसानों को नहीं मिल पाएगा। इसलिए हुड्डा ने इस फैसले को तुरंत वापिस लेने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने प्रदेश की बीजेपी-जेजेपी सरकार से धान की खरीद 20 सितंबर से शुरू करने की मांग भी उठाई है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा रोहतक में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे.. 
इस मौके पर उन्होंने खरखौदा में लगने वाली मारुति यूनिट को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में बड़ा खुलासा किया। हुड्डा ने बताया कि कांग्रेस सरकार के दौरान ही इसपर सहमति बन चुकी थी। मुख्यमंत्री के तौर पर उनके जापान दौरे के दौरान इस पर सैद्धांतिक सहमति बन चुकी थी। मारुति की तरफ से कांग्रेस सरकार के दौरान ही मानेसर, रोहतक और खरखौदा में निवेश की बात कही गई थी। लेकिन, बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी सरकार के चलते इसमें 8 साल की देरी हुई।

भर्ती घोटालों में एक के बाद एक विधायकों के नाम आने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में.. 
हुड्डा ने दोहराया कि हरियाणा में परचून की दुकान पर सामान की तरह नौकरियां बिक रही हैं। इस सरकार में नौकरियों की खुली बोली लगाई जा रही है। इसी को सरकार ने पारदर्शिता का नाम दिया है। एक के बाद एक हो रहे खुलासों ने विपक्ष के आरोपों को सही साबित कर दिया है। 

इस मुद्दे को कांग्रेस ने सड़क से लेकर विधानसभा तक उठाया। सरकार की तरफ से कार्रवाई का आश्वासन भी दिया गया था। लेकिन, एचएसएससी से लेकर एचपीएससी तक में भ्रष्टाचार के सबूत सामने आने और एचपीएससी दफ्तर से लाखों रुपए पकड़े जाने के बावजूद सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।

कांग्रेस की तरफ से भर्ती घोटाले की जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई द्वारा करवाने की मांग की गई थी... लेकिन, सरकार की नीयत में खोट होने की वजह से इस मांग को नहीं माना गया। हर घोटाले पर सरकार का यही रवैया देखने को मिलता है। खानापूर्ति के लिए छोटी मछलियों पर नाम मात्र की कार्रवाई की जाती है और बड़े मगरमच्छों को छोड़ दिया जाता है। स्पष्ट है कि सरकार घोटालेबाजों को संरक्षण दे रही है। अवैध खनन से लेकर अवैध नशे का कारोबार सरकार के संरक्षण में ही फल-फूल रहा है।

सोनाली फोगाट की हत्या के मामले में भी सरकार सीबीआई कराने जांच से भाग रही है... जबकि, परिवार बार-बार सरकार से सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहा है। मृतक सोनाली के परिवार की आशंकाओं को दूर करना सरकार की जिम्मेदारी है।

स्कूलों को बंद करने के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि... ये सरकार हजारों स्कूलों को बंद कर हरियाणवी बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। सरकार शिक्षा जैसी आधारभूत जरूरत को पूरी तरह निजी हाथों में सौंपने जा रही है।

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आगे कहा कि... बीजेपी-जेजेपी सरकार ने ‘परिवार पहचान पत्र’ को बुजुर्गों की पेंशन काटने का हथियार बना लिया है। लेकिन कांग्रेस सरकार बनने पर पीपीपी को खत्म किया जाएगा और सभी बुजुर्गों की पेंशन फिर से बहाल की जाएगी।

आदमपुर उपचुनाव पर पूछे गए सवाल के जवाब में हुड्डा ने कांग्रेस की जीत का दावा किया... एसवाईएल मुद्दे पर उन्होंने दोहराया कि पानी पर हरियाणा का पूर्ण अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा केस जीत चुका है। प्रदेश को पानी दिलाना केंद्र व प्रदेश सरकार का काम है। अगर पंजाब सरकार पानी नहीं दे रही है तो हरियाणा सरकार को सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का केस दायर करना चाहिए।

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