𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫, 𝐌𝐚𝐧𝐨𝐡𝐚𝐫 𝐋𝐚𝐥 𝐰𝐡𝐢𝐥𝐞 𝐚𝐧𝐧𝐨𝐮𝐧𝐜𝐢𝐧𝐠 𝐚 𝐛𝐢𝐠 𝐛𝐨𝐧𝐚𝐧𝐳𝐚 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐰𝐡𝐨 𝐚𝐫𝐞 𝐝𝐨𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐅𝐢𝐬𝐡𝐞𝐫𝐢𝐞𝐬 𝐛𝐮𝐬𝐢𝐧𝐞𝐬𝐬, 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐆𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐠𝐢𝐯𝐞 𝐚𝐧 𝐚𝐝𝐯𝐚𝐧𝐜𝐞 𝐬𝐮𝐛𝐬𝐢𝐝𝐲 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐮𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐏𝐫𝐚𝐝𝐡𝐚𝐧 𝐌𝐚𝐧𝐭𝐫𝐢 𝐌𝐚𝐭𝐬𝐲𝐚 𝐒𝐚𝐦𝐩𝐚𝐝𝐚 𝐘𝐨𝐣𝐚𝐧𝐚 (𝐏𝐌𝐌𝐒𝐘) 𝐢𝐟 𝐭𝐡𝐞𝐫𝐞 𝐢𝐬 𝐚𝐧𝐲 𝐝𝐞𝐥𝐚𝐲 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐮𝐛𝐬𝐢𝐝𝐲 𝐜𝐨𝐦𝐢𝐧𝐠 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐞𝐧𝐭𝐫𝐚𝐥 𝐆𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭. 𝐁𝐞𝐬𝐢𝐝𝐞𝐬 𝐭𝐡𝐢𝐬, 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐚𝐧𝐧𝐨𝐮𝐧𝐜𝐞𝐝 𝐟𝐨𝐫 𝐬𝐞𝐭𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐮𝐩 𝐨𝐟 𝐚 𝐭𝐞𝐬𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐥𝐚𝐛 𝐫𝐞𝐥𝐚𝐭𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐛𝐮𝐬𝐢𝐧𝐞𝐬𝐬 𝐢𝐧 𝐒𝐢𝐫𝐬𝐚. 𝐓𝐡𝐢𝐬 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐝𝐢𝐫𝐞𝐜𝐭𝐥𝐲 𝐛𝐞𝐧𝐞𝐟𝐢𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐥𝐨𝐜𝐚𝐥 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐰𝐡𝐨 𝐚𝐫𝐞 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐛𝐮𝐬𝐢𝐧𝐞𝐬𝐬 𝐚𝐬 𝐞𝐚𝐫𝐥𝐢𝐞𝐫, 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐝𝐢𝐬𝐭𝐫𝐢𝐜𝐭 𝐡𝐚𝐝 𝐭𝐨 𝐞𝐬𝐩𝐞𝐜𝐢𝐚𝐥𝐥𝐲 𝐠𝐨 𝐭𝐨 𝐑𝐨𝐡𝐭𝐚𝐤 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐥𝐚𝐛 𝐭𝐞𝐬𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐟𝐚𝐜𝐢𝐥𝐢𝐭𝐲.
सिरसा, डिजिटल डेक्स।। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मत्स्य पालक किसानों के लिए बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत केंद्र सरकार से आने वाली सब्सिडी में अगर देरी होती है तो वह सब्सिडी हरियाणा सरकार एडवांस में देगी।
इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने सिरसा जिले के मछली पालकों के लिए सिरसा में ही मछलीपालन से संबंधित टेस्टिंग लैब स्थापित करने की घोषणा की है। इससे यहां के झींगा मछली पालकों को सीधे लाभ होगा। इससे पहले यहां के मछली पालक रोहतक जाकर लैब टेस्टिंग की सुविधा लेनी पड़ती थी। मुख्यमंत्री सोमवार को सिरसा जिले के चोरमार खेड़ा गांव में आयोजित झींगा किसानों की कार्यशाला में बोल रहे थे।
इसके साथ-साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मछली की खरीद व बिक्री के लिए झज्जर या गुरुग्राम में से किसी एक जिले में थोक मछली मार्केट स्थापित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को आर्थिक तरक्की में लाभ मिलेगा।
सरकार किसान क्रेडिट कार्ड की तरह मछली पाल किसानों को क्रेडिट कार्ड की सुविधा उपलब्ध करवा रही है। इसी प्रकार मछली पालन में बीमा करने के लिए भी सरकार बैंक व बीमा कंपनियों से बातचीत कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मछली पालन में बिजली खपत एक बड़ा विषय है।
फिलहाल सरकार जिन किसानों की खपत 𝟐𝟎 किलोवाट है, उन्हें 𝟒.𝟕𝟓 प्रति यूनिट दर पर बिजली उपलब्ध करवा रही है। मछली पालक अपने प्लॉट पर सोलर प्लॉट भी लगा सकते हैं। इसके लिए उन्हें प्रति हार्स पावर 𝟐𝟎 हजार रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। जो अधिकतम 𝟐 लाख रुपये तक हो सकती है।
भिवानी में बनेगा एक्वापॉर्क
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि भिवानी जिले के गरवा गांव में 30 करोड़ रुपये की लागत से एक्वापार्क बनाया जाएगा। यह एक्वापार्क 25 एकड़ में होगा। इसमें मछली पालन से जुड़े नए-नए शोध, मछली पालन की नई किस्म, बीज पर शोध किया जाएगा। इससे मछली पालकों को सीधे लाभ मिलेगा।
भिवानी में बनेगा एक्वापॉर्क
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि भिवानी जिले के गरवा गांव में 30 करोड़ रुपये की लागत से एक्वापार्क बनाया जाएगा। यह एक्वापार्क 25 एकड़ में होगा। इसमें मछली पालन से जुड़े नए-नए शोध, मछली पालन की नई किस्म, बीज पर शोध किया जाएगा। इससे मछली पालकों को सीधे लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से मिलने वाला लाभ अगले तीन वर्ष तक मिलेगा। झींगा बड़ी मात्रा में एक्सपोर्ट किया जाता है। इससे विदेशी मुद्रा देश में आती है जो भारत की आर्थिक तरक्की के लिए महत्वपूर्ण है। इस तरह के प्रकल्प प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 5 ट्रिलियन इकनॉमी के सपने को पूरा करने में अपना योगदान देगा। भारत इसके लिए मछली पालन से जुड़ी नई-नई तकनीक पर कार्य कर रहा है।
झींगा उत्पादन में आगे बढ़ने पर सिरसा जिले के किसानों को दी बधाई
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए नई-नई योजनाएं व प्रकल्प बना रहे हैं। उसी में से एक मछलीपालन है। साधारण किसान फसल से ज्यादा आमदनी हासिल नहीं कर सकता लेकिन पशुपालन, मछलीपालन, मशरूम उत्पादन आदि से अच्छी आमदनी ले सकता है।
झींगा उत्पादन में आगे बढ़ने पर सिरसा जिले के किसानों को दी बधाई
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए नई-नई योजनाएं व प्रकल्प बना रहे हैं। उसी में से एक मछलीपालन है। साधारण किसान फसल से ज्यादा आमदनी हासिल नहीं कर सकता लेकिन पशुपालन, मछलीपालन, मशरूम उत्पादन आदि से अच्छी आमदनी ले सकता है।
प्रगतिशील किसान आगे बढ़े और अन्य किसानों को भी इसमें जुड़ने के लिए प्रेरित करें, इसके लिए हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल भी बधाई के पात्र हैं। मुख्यमंत्री ने सिरसा जिले के किसानों को झींगा उत्पादन में आगे बढ़ने पर यहां के किसानों को बधाई दी।
झींगा उत्पादन को 4 हजार मीट्रिक टन करने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम हरियाणा में निरंतर सेम व खारे पानी वाली जमीन में झींगा उत्पादन को बढ़ावा दे रहे हैं। वर्ष 𝟐𝟎𝟏𝟒-𝟏𝟓 में झींगा पालन का क्षेत्र 𝟕𝟎 एकड़ था और कुल उत्पादन 𝟏𝟒𝟎 मीट्रिक टन था जो 𝟐𝟎𝟐𝟏-𝟐𝟐 में बढ़कर 𝟏𝟐𝟓𝟎 एकड़ व 𝟐𝟗𝟎𝟎 मीट्रिक टन हो गया है। सरकार ने इस वर्ष का लक्ष्य 𝟏𝟐𝟓𝟎 एकड़ से बढ़ाकर 𝟐𝟓𝟎𝟎 एकड़ करने तथा उत्पादन 𝟐𝟗𝟎𝟎 मीट्रिक टन से 𝟒 हजार मीट्रिक टन रखा है।
झींगा उत्पादन को 4 हजार मीट्रिक टन करने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम हरियाणा में निरंतर सेम व खारे पानी वाली जमीन में झींगा उत्पादन को बढ़ावा दे रहे हैं। वर्ष 𝟐𝟎𝟏𝟒-𝟏𝟓 में झींगा पालन का क्षेत्र 𝟕𝟎 एकड़ था और कुल उत्पादन 𝟏𝟒𝟎 मीट्रिक टन था जो 𝟐𝟎𝟐𝟏-𝟐𝟐 में बढ़कर 𝟏𝟐𝟓𝟎 एकड़ व 𝟐𝟗𝟎𝟎 मीट्रिक टन हो गया है। सरकार ने इस वर्ष का लक्ष्य 𝟏𝟐𝟓𝟎 एकड़ से बढ़ाकर 𝟐𝟓𝟎𝟎 एकड़ करने तथा उत्पादन 𝟐𝟗𝟎𝟎 मीट्रिक टन से 𝟒 हजार मीट्रिक टन रखा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में वर्ष 𝟐𝟎𝟏𝟒 में कुल 𝟒𝟑 हजार एकड़ में 𝟏 लाख मीट्रिक टन मछली उत्पादन होता था और इस वर्ष यह लक्ष्य बढ़ाकर 𝟓𝟒 हजार एकड़ और 𝟐 लाख 𝟏𝟎 हजार मीट्रिक टन रखा गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 𝟐𝟓 लाख मत्स्य बीज उपलब्ध करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
किसान आगे बढ़ें सरकार उनके साथ है
सिरसा की सांसद श्रीमती सुनीता दुग्गल ने कहा कि तीन दिन से मुख्यमंत्री सिरसा में हैं और जन संवाद कार्यक्रम के दौरान जितने भी फरियादी आए, मुख्यमंत्री ने सभी की सुनवाई की और समस्याओं का समाधान किया। सिरसा जिले के किसानों को झींगा उत्पादन का लाभ मिलने वाला है।
किसान आगे बढ़ें सरकार उनके साथ है
सिरसा की सांसद श्रीमती सुनीता दुग्गल ने कहा कि तीन दिन से मुख्यमंत्री सिरसा में हैं और जन संवाद कार्यक्रम के दौरान जितने भी फरियादी आए, मुख्यमंत्री ने सभी की सुनवाई की और समस्याओं का समाधान किया। सिरसा जिले के किसानों को झींगा उत्पादन का लाभ मिलने वाला है।
सेम की भूमि पर इस तरह मछली पालन कर मुनाफा लेना किसानों के लिए बेहतर विकल्प है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के साथ-साथ हरियाणा सरकार भी सहयोग कर रही है। श्रीमती दुग्गल ने किसानों से आह्वान किया कि वे आगे बढ़ें सरकार उनके साथ है। झींगा उत्पादन से सेम की धरती अब सोना उगलेगी।
सिरसा जिले ने देश में क्रांति लाने का काम किया कृषि एवं मत्स्य पालन मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि सिरसा जिले के किसान बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने खारे पानी में झींगा उत्पादन कर देश में नई क्रांति लाने का काम किया है। यहां के किसानों ने अन्य किसानों को भी रास्ता दिखाया है कि कैसे खारे पानी को निकालकर मछली पालन किया जा सकता है।
सिरसा जिले ने देश में क्रांति लाने का काम किया कृषि एवं मत्स्य पालन मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि सिरसा जिले के किसान बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने खारे पानी में झींगा उत्पादन कर देश में नई क्रांति लाने का काम किया है। यहां के किसानों ने अन्य किसानों को भी रास्ता दिखाया है कि कैसे खारे पानी को निकालकर मछली पालन किया जा सकता है।
प्रदेश में 𝟏𝟎 लाख एकड़ जमीन में खारे पानी की समस्या है। प्रदेश के सभी किसान इस तरह लागत लगाकर झींगा उत्पादन का जौखिम नहीं ले सकते लेकिन 𝟒𝟎𝟎 किसानों ने अब कामयाबी की कहानी लिखी है। दलाल ने कहा कि ऐसा कोई कारोबार नहीं है, जिसमें पूंजी लगाकर छह महीने में मुनाफा लिया जा सकता हो लेकिन झींगा उत्पादन ऐसा काम है, जिसमें छह महीने में पूंजी व लागत पूरी हो जाती है और अगले छह महीने में मुनाफा ले सकते हैं।
दलाल ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि मछलीपालकों के लिए हैदराबाद से बीज की व्यवस्था सुनिश्चित करें। मत्स्य विभाग को मजबूत किया जाए और मछली पालकों के लिए जांच लैब खोली जाए। इसके अतिरिक्त प्रोसेसिंग प्लॉट लगाने के लिए स्कीम बनाई जाए।
दलाल ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि मछलीपालकों के लिए हैदराबाद से बीज की व्यवस्था सुनिश्चित करें। मत्स्य विभाग को मजबूत किया जाए और मछली पालकों के लिए जांच लैब खोली जाए। इसके अतिरिक्त प्रोसेसिंग प्लॉट लगाने के लिए स्कीम बनाई जाए।
उन्होंने किसानों को सहकारी बैंकों से मछली पालन व झींगा उत्पादन के लिए ऋण उपलब्ध करवाने की अपील भी की। दलाल ने कहा कि उन्होंने प्रदेश के 10 हजार किसानों को झींगा मछलीपालन करके करोड़पति बनाने का लक्ष्य लिया है।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने सिरसा जिले के मिठड़ी गांव में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की लाभार्थी श्रीमती वीरपाल कौर के झींगा उत्पादन प्लॉट का अवलोकन किया।
इस दौरान मत्स्य विभाग के विशेष सचिव जयवीर सिंह आर्य, जिला उपायुक्त पार्थ गुप्ता, पुलिस अधीक्षक डॉ. अर्पित जैन, निदेशक धर्मेंद्र सिंह, संयुक्त निदेशक पवन कुमार, ईश्वर सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने सिरसा जिले के मिठड़ी गांव में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की लाभार्थी श्रीमती वीरपाल कौर के झींगा उत्पादन प्लॉट का अवलोकन किया।
इस दौरान मत्स्य विभाग के विशेष सचिव जयवीर सिंह आर्य, जिला उपायुक्त पार्थ गुप्ता, पुलिस अधीक्षक डॉ. अर्पित जैन, निदेशक धर्मेंद्र सिंह, संयुक्त निदेशक पवन कुमार, ईश्वर सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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