जठलाना क्षेत्र में खनन माफिया पूरी तरह से हावी: खनन माफिया बी-12 घाट के समीप धड़ल्ले से चल रहा है. खनन माफिया ने यमुनानदी व किनारों पर गहरे गड्ढे बना दिए है. ग्रामीण कई बार अवैध खनन करने वालों की शिकायत भी कर चुके है लेकिन अभी तक कोई सख्त कार्रवाई न होने से माफिया के हौंसले बुलंद है,
रादौर, डिजिटल डेक्स।। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की सख्ती के बावजूद माफिया और तेजी से अवैध खनन को अंजाम दे रहा है। हरियाणा के यमुनानगर जिले में अवैध खनन रोकने के लिए प्रशासन की कार्रवाई के बाद भी खनन माफिया पूरी तरह से हावी है।
रादौर के जठलाना व गुमथला में अवैध खनन जारी है। इससे पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है वहीं, राजस्व की भी चोरी हो रही है।
31 अगस्त को डीसी राहुल हुड्डा ने अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए विशेष अभियान चलाने की बात कही, एसडीएम की अध्यक्षता में छह टास्क फोर्स बनाई गई हैं, जिन्हें खनन क्षेत्र में औचक निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गई.
जठलाना क्षेत्र में रात के अंधेरे में खनन माफिया अवैध रूप से खनन कर न केवल सरकार को चूना लगा रहे है बल्कि किसानों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। इन दिनों खनन माफिया बी-12 घाट के समीप धड़ल्ले से चल रहा है।
खनन माफिया ने यमुनानदी व किनारों पर गहरे गड्ढे बना दिए है। ग्रामीण कई बार अवैध खनन करने वालों की शिकायत भी कर चुके है लेकिन अभी तक कोई सख्त कार्रवाई न होने से माफिया के हौंसले बुलंद है। वहीं अधिकारी जल्द ही कार्रवाई करने की बात कह रहे है।
निरीक्षण के दौरान इन कमेटियों ने चालान भी किए. यमुनानगर में 47 एफआईआर दर्ज कर 41 पर कार्रवाई की गई. अवैध खनन करने वालों से 31 लाख 14 हजार 300 रुपये जुर्माने के रूप में वसूल किए गए. इसके बाद भी जिले में धड़ल्ले से अवैध खनन जारी है. टास्क फोर्स का माफिया को जरा भी डर नहीं है.
अवैध खनन के खिलाफ जनहित याचिका लगाने वाले अधिवक्ता वरयामसिंह का कहना है कि... अवैध खनन ऐसा मामला नहीं है कि यह लगातार चोरी छिपे हो सके। सरेआम खनन होता है लेकिन अधिकारी जानबूझ कर आंखे बंद किए रहते है। कई बार ग्रामीण शिकायत करते है लेकिन उनकी शिकायत पर कार्रवाई होने की बजाए उनकी पहचान माफिया को बता दी जाती है। जिससे माफिया से जुड़े लोग उनसे बैर रखने लग जाते है।
हर दिन लाखों रूपए का चुना अवैध खनन करने वाले सरकार को लगा रहे है। जिससे अधिकारियों की जेबें भी गर्म हो रही है। यही कारण है कि इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। अवैध खनन से सरकार को चूना तो लग ही रहा है वहीं दूसरी ओर से किसानों व आबादी क्षेत्र को इसका भविष्य में खामियाजा उठाना पड़ सकता है।
अवैध खनन के कारण यमुनानदी के किनारे कमजोर पड़ रहे है। वहीं, दूसरी ओर यमुनानदी का रूख भी गांवो की ओर होना शुरू हो गया है। स्थिति रही तो परिणाम भयंकर हो सकते है। उन्होंने मांग की कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।
इस बारे जब खनन अधिकारी राजेश सांगवान से बात की गई तो उनका कहना था कि यह मामला उनकी जानकारी में न हीं है। अगर कहीं ऐसा हो रहा है तो वह जल्द ही टीम के साथ मौके का निरीक्षण करेगें। अवैध खनन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के विरूद्ध आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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