𝐎𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐝𝐚𝐲 𝐨𝐟 𝐍𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧𝐚𝐥 𝐋𝐨𝐤 𝐀𝐝𝐚𝐥𝐚𝐭, 𝐇𝐨𝐧’𝐛𝐥𝐞 𝐌𝐫. 𝐉𝐮𝐬𝐭𝐢𝐜𝐞 𝐀𝐮𝐠𝐮𝐬𝐭𝐢𝐧𝐞 𝐆𝐞𝐨𝐫𝐠𝐞 𝐌𝐚𝐬𝐢𝐡, 𝐉𝐮𝐝𝐠𝐞, 𝐏𝐮𝐧𝐣𝐚𝐛 & 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐇𝐢𝐠𝐡 𝐂𝐨𝐮𝐫𝐭 𝐚𝐧𝐝 𝐄𝐱𝐞𝐜𝐮𝐭𝐢𝐯𝐞 𝐂𝐡𝐚𝐢𝐫𝐦𝐚𝐧, 𝐇𝐀𝐋𝐒𝐀 𝐦𝐨𝐧𝐢𝐭𝐨𝐫𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐋𝐨𝐤 𝐀𝐝𝐚𝐥𝐚𝐭𝐬 𝐭𝐡𝐫𝐨𝐮𝐠𝐡 𝐯𝐢𝐝𝐞𝐨 𝐜𝐨𝐧𝐟𝐞𝐫𝐞𝐧𝐜𝐢𝐧𝐠 𝐢𝐧 𝐚𝐟𝐨𝐫𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭𝐢𝐨𝐧𝐞𝐝 𝟏𝟑 𝐃𝐢𝐬𝐭𝐫𝐢𝐜𝐭𝐬. 𝐋𝐨𝐫𝐝𝐬𝐡𝐢𝐩 𝐢𝐧𝐭𝐞𝐫𝐚𝐜𝐭𝐞𝐝 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐭𝐡𝐞 𝐁𝐞𝐧𝐜𝐡𝐞𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐠𝐚𝐯𝐞 𝐠𝐮𝐢𝐝𝐞𝐥𝐢𝐧𝐞𝐬 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐁𝐞𝐧𝐜𝐡𝐞𝐬.
चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने माननीय न्यायमूर्ति श्री ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में वर्ष की अपनी चौथी और अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का हरियाणा राज्य भर में आयोजन किया।
राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 𝟏𝟑 जिलों भिवानी, फरीदाबाद, फतेहाबाद, हिसार, जींद, झज्जर, कैथल, मेवात, नारनौल, पंचकुला, पानीपत, पलवल, यमुनानगर तथा उनके सब डिविजनों में किया गया और शेष 𝟎𝟗 जिलों सोनीपत, सिरसा, कुरूक्षेत्र, रेवाड़ी, रोहतक, करनाल, चरखी दादरी, गुरूग्राम और अम्बाला में जिला परिषद एवं पंचायत समिति के वर्तमान चुनाव को देखते हुए आचार संहिता लागू होने के कारण दिनांक 𝟐𝟔.𝟏𝟏.𝟐𝟎𝟐𝟐 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा।
ऐडीआर केंद्रों में कार्यरत स्थायी लोक अदालतों (सार्वजनिक उपयोगिता सेवाएं) के मामलों सहित सिविल, आपराधिक, वैवाहिक, बैंक वसूली, आदि से संबंधित कुल 𝟏𝟗𝟕𝟕𝟐𝟕 मामलों में से 𝟏𝟏𝟔𝟕𝟒𝟗 मामलों का निपटारा किया गया। 𝟔𝟎 प्रतिशत मामलों का कुल निपटारा कर दिया गया है। राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित करने का उद्देश्य वादियों को अपने विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए एक मंच प्रदान करना है।
माननीय न्यायमूर्ति श्री ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने सफल राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए अपनी शुभकामनाएं दी और सभी न्यायिक पीठों को आज की राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए अधिक से अधिक मामलों के निपटारे में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने के लिए बधाई दी।
उन्होने राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से अधिक से अधिक मामलों को निपटाने का आह्वान किया क्योंकि यह बिना किसी अतिरिक्त लागत या शुल्क के पार्टियों पर बाध्यकारी मामलों के त्वरित और अंतिम सहमति के निपटान को सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी वैकल्पिक विवाद समाधान पद्धति है।
पूर्व मुकदमेबाजी और लंबित दोनों चरणों में 𝟏,𝟏𝟔,𝟕𝟒𝟗 कुल मामलों का निपटारा किया गया, जिससे पक्षकारों के बीच 𝟖𝟏,𝟓𝟗,𝟖𝟑,𝟐𝟕𝟏/-रुपये की कुल राशि का निपटान हुआ।
𝟏𝟑 जिलों में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में, 𝟒𝟔,𝟒𝟔𝟗 पूर्व मुकदमेबाजी स्तर के मामलों को लिया गया जिसमें से 𝟑𝟏,𝟓𝟎𝟓 मामलों को निपटाया गया तथा रु 𝟖,𝟐𝟑,𝟏𝟏,𝟔𝟑𝟎/- की कुल राशि का निपटान किया गया।
इसके अलावा, 𝟏,𝟓𝟏,𝟐𝟓𝟖 लंबित मामलों को लिया गया और इनमें से 𝟖𝟓,𝟐𝟒𝟒 मामलों का निपटारा किया गया जिसमें कुल राशि रु 𝟕𝟑,𝟑𝟔,𝟕𝟏,𝟔𝟒𝟏/- का निपटान किया गया।
इसके अलावा, ऋण वसूली न्यायाधिकरण-𝟐 (डी𝟎आर𝟎टी𝟎-𝟐) ने आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया और कुल 𝟏𝟎𝟎 मामलों में से 𝟖𝟑 मामलों को निपटाया गया तथा 𝟑𝟓,𝟏𝟓,𝟎𝟎,𝟎𝟎𝟎/- की राशि का निपटान किया गया।
𝟏𝟑 जिलों में स्थित जिला उपभोक्ता फोरम में जहाँ आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया है, में कुल 𝟕𝟕𝟖 मामलों में से 𝟏𝟑𝟖 मामलों को निर्णित किया गया तथा 𝟏𝟑,𝟑𝟏,𝟕𝟏𝟎/- की राशि का निपटारा किया गया।
राज्य/जिला/उपमंडल स्तर पर विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा अपनाई जा रही 𝐂𝐨𝐬𝐭 𝐃𝐞𝐩𝐨𝐬𝐢𝐭 की पारंपरिक प्रथा में डिजिटलीकरण की आवश्यकता को समझते हुए आज हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने 𝐒𝐁 𝐂𝐨𝐥𝐥𝐞𝐜𝐭 और 𝐐𝐮𝐢𝐜𝐤 𝐑𝐞𝐬𝐩𝐨𝐧𝐬𝐞 (𝐐𝐑) 𝐂𝐨𝐝𝐞 के माध्यम से 𝐂𝐨𝐬𝐭 𝐃𝐞𝐩𝐨𝐬𝐢𝐭 करने की ऑनलाइन सुविधा भारतीय स्टेट बैंक के सहयोग से शुरू की है।
इसे माननीय न्यायमूर्ति श्री ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा लॉन्च किया गया था। उक्त सुविधा को पहले हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, पंचकूला में एक पायलट परियोजना के रूप में लागू किया जाएगा और आने वाले समय में इसे पूरे हरियाणा में लागू करने का इरादा है। यह न केवल डिजिटल लेनदेन के उपयोग को बढ़ावा देगा बल्कि वादकारियों को भी सुविधा प्रदान करेगा..
क) चूंकि एप्लिकेशन उपयोगकर्ता के अनुकूल है क्योंकि वे भुगतान करने में सक्षम होंगे और किसी भी स्थान से और किसी भी समय तत्काल रसीद प्राप्त कर सकेंगे,
ख) Cost Receipt पुस्तकों की छपाई में कागज का उपयोग कम हो जाएगा,
ग) रिकॉर्ड डिजिटल हो जाएगा,
घ) अन्य अनेक लाभों के अलावा समय की कोई बाध्यता नहीं।
इसके अलावा, माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा (𝟏) दिल्ली डोमेस्टिक वर्किंग वूमेंस फोरम बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और (𝟐) बचपन बचाओ आंदोलन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया (𝐂𝐖𝐏 𝐧𝐨. 𝟒𝟐𝟕/𝟐𝟎𝟐𝟐) नामक शीर्षक वाले मामलों में दिए गए निर्देशों के मद्देनजर, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने मौजूदा मॉडल अभियोजन योजना में आवश्यक संशोधन किए हैं जिसका नाम मॉडल अभियोजन योजना (संशोधित 𝟐𝟎𝟐𝟐) रखा गया है। इस संशोधित योजना का शुभारंभ माननीय न्यायमूर्ति श्री ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, पंचकुला के प्रशासनिक भवन से किया।
इससे पहले, उक्त योजना के तहत, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बलात्कार और अन्य अपराधों के पीड़ितों को कानूनी सहायता, अभियोजन परामर्श प्रदान किया जा रहा था। अब यह संशोधित योजना लापता बच्चों के परिवारों से भी संबंधित है। इस योजना में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, किशोर न्याय बोर्ड, पुलिस और पैनल अधिवक्ताओं आदि सहित विभिन्न हितधारकों की भूमिका को परिभाषित किया गया है।
लापता बच्चों के लिए योजना को लागू करने के उद्देश्य से योजना के तहत एक क्रियाविधि को भी परिभाषित किया गया है। उक्त योजना के अनुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के पैनल अधिवक्ता संबंधित न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले पुलिस स्टेशनों का दौरा करेंगे और बलात्कार के पीड़ितों और महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों सहित लापता बच्चों के परिवारों को कानूनी सहायता प्रदान करेंगे।
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