𝐅𝐨𝐫𝐦𝐞𝐫 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐚𝐧𝐝 𝐋𝐞𝐚𝐝𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐎𝐩𝐩𝐨𝐬𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐁𝐡𝐮𝐩𝐢𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡 𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚 𝐡𝐚𝐬 𝐞𝐱𝐭𝐞𝐧𝐝𝐞𝐝 𝐡𝐢𝐬 𝐬𝐮𝐩𝐩𝐨𝐫𝐭 𝐭𝐨 𝐚𝐠𝐢𝐭𝐚𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐦𝐞𝐝𝐢𝐜𝐚𝐥 𝐬𝐭𝐮𝐝𝐞𝐧𝐭𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐚𝐬𝐬𝐮𝐫𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞𝐦 𝐡𝐞 𝐰𝐨𝐮𝐥𝐝 𝐫𝐚𝐢𝐬𝐞 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐢𝐬𝐬𝐮𝐞 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐕𝐢𝐝𝐡𝐚𝐧𝐬𝐚𝐛𝐡𝐚. 𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭'𝐬 𝐝𝐞𝐜𝐢𝐬𝐢𝐨𝐧 𝐢𝐬 𝐰𝐫𝐨𝐧𝐠 𝐚𝐬 𝐚 𝐩𝐨𝐥𝐢𝐜𝐲 𝐛𝐞𝐜𝐚𝐮𝐬𝐞 𝐩𝐨𝐨𝐫 𝐚𝐧𝐝 𝐦𝐢𝐝𝐝𝐥𝐞 𝐜𝐥𝐚𝐬𝐬 𝐟𝐚𝐦𝐢𝐥𝐢𝐞𝐬 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐧𝐨𝐭 𝐛𝐞 𝐚𝐛𝐥𝐞 𝐭𝐨 𝐩𝐫𝐨𝐯𝐢𝐝𝐞 𝐦𝐞𝐝𝐢𝐜𝐚𝐥 𝐞𝐝𝐮𝐜𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐜𝐡𝐢𝐥𝐝𝐫𝐞𝐧 𝐝𝐮𝐞 𝐭𝐨 𝟐𝟎 𝐭𝐢𝐦𝐞𝐬 𝐟𝐞𝐞 𝐡𝐢𝐤𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐢𝐦𝐩𝐨𝐬𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐨𝐟 𝐛𝐨𝐧𝐝 𝐩𝐨𝐥𝐢𝐜𝐲. 𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚, 𝐰𝐡𝐨 𝐦𝐞𝐭 𝐦𝐞𝐝𝐢𝐜𝐚𝐥 𝐬𝐭𝐮𝐝𝐞𝐧𝐭𝐬 𝐩𝐫𝐨𝐭𝐞𝐬𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐝𝐞𝐦𝐚𝐧𝐝𝐬, 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐰𝐚𝐬 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐞𝐚𝐬𝐨𝐧 𝐰𝐡𝐲 𝐬𝐭𝐮𝐝𝐞𝐧𝐭𝐬 𝐬𝐞𝐞𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐚𝐝𝐦𝐢𝐬𝐬𝐢𝐨𝐧 𝐢𝐧 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐚𝐫𝐞 𝐟𝐨𝐫𝐜𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐦𝐢𝐠𝐫𝐚𝐭𝐞 𝐭𝐨 𝐨𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞𝐬.
रोहतक, डिजिटल डेक्स।। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा आज अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे मेडिकल विद्यार्थियों से मिलने पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने छात्र-छात्राओं की मांगों का समर्थन करते हुए विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने का भरोसा दिलाया।
हुड्डा ने कहा कि सरकार का फैसला नीतिगत तौर पर गलत है। 20 गुना फीस बढ़ोतरी और बॉन्ड नीति थोपने के चलते गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार अपने बच्चों को मेडिकल शिक्षा नहीं दिला पाएंगे। यहीं वजह है कि हरियाणा में दाखिले के इच्छुक विद्यार्थी अन्य राज्यों में पलायन के लिए मजबूर हैं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान उन्होंने प्रदेश में 5 मेडिकल कॉलेज स्थापित किए थे। कांग्रेस सरकार के दौरान ही कैंसर इंस्टिट्यूट और एम्स जैसे मेडिकल संस्थान हरियाणा में आए थे। बावजदू इसके उनकी सरकार ने कभी भी इस तरह का फैसला नहीं लिया। नाममात्र फीस में विद्यार्थियों को मेडिकल की शिक्षा दिलाई गई। क्योंकि कांग्रेस सरकार शिक्षा को व्यवसाय नहीं, बल्कि जिम्मेदारी समझती थी। लेकिन बीजेपी-जेजेपी सरकार शिक्षा का व्यवसायीकरण कर रही है।
𝐓𝐚𝐥𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐨 𝐣𝐨𝐮𝐫𝐧𝐚𝐥𝐢𝐬𝐭𝐬 𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐨𝐜𝐜𝐚𝐬𝐢𝐨𝐧, 𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚 𝐭𝐞𝐫𝐦𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐫𝐞𝐬𝐞𝐧𝐭 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐚𝐬 𝐚𝐧𝐭𝐢-𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫. 𝐓𝐡𝐞 𝐥𝐞𝐚𝐝𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐎𝐩𝐩𝐨𝐬𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐭𝐞𝐫𝐦𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐝𝐞𝐜𝐢𝐬𝐢𝐨𝐧 𝐭𝐨 𝐬𝐭𝐨𝐩 𝐛𝐮𝐲𝐢𝐧𝐠 𝐩𝐚𝐝𝐝𝐲 𝐚𝐬 𝐰𝐫𝐨𝐧𝐠. 𝐇𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐢𝐬 𝐫𝐮𝐧𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐚𝐰𝐚𝐲 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐞𝐬𝐩𝐨𝐧𝐬𝐢𝐛𝐢𝐥𝐢𝐭𝐲 𝐨𝐟 𝐠𝐢𝐯𝐢𝐧𝐠 𝐌𝐒𝐏 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬. “𝐖𝐢𝐭𝐡 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐬𝐭𝐨𝐩𝐩𝐢𝐧𝐠 𝐩𝐫𝐨𝐜𝐮𝐫𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭, 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐚𝐭𝐞 𝐨𝐟 𝐩𝐚𝐝𝐝𝐲 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐚𝐫𝐤𝐞𝐭 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐟𝐮𝐫𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐟𝐚𝐥𝐥, 𝐰𝐡𝐢𝐜𝐡 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐝𝐢𝐫𝐞𝐜𝐭𝐥𝐲 𝐡𝐚𝐫𝐦 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬,” 𝐡𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝.
इससे पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में भी शिरकत करने पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि वह इस बार के सदस्य हैं और आजीवन रहेंगे। इस बार से उनका लगाओ पुराना है और हमेशा बार का आशीर्वाद व सहयोग उनके साथ रहा है।
𝐇𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐡𝐞 𝐡𝐚𝐝 𝐞𝐬𝐭𝐚𝐛𝐥𝐢𝐬𝐡𝐞𝐝 𝟓 𝐦𝐞𝐝𝐢𝐜𝐚𝐥 𝐜𝐨𝐥𝐥𝐞𝐠𝐞𝐬 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐝𝐮𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐨𝐧𝐠𝐫𝐞𝐬𝐬 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭. “𝐌𝐞𝐝𝐢𝐜𝐚𝐥 𝐢𝐧𝐬𝐭𝐢𝐭𝐮𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬 𝐥𝐢𝐤𝐞 𝐂𝐚𝐧𝐜𝐞𝐫 𝐈𝐧𝐬𝐭𝐢𝐭𝐮𝐭𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐀𝐈𝐈𝐌𝐒 𝐜𝐚𝐦𝐞 𝐭𝐨 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐨𝐧𝐥𝐲 𝐝𝐮𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐨𝐧𝐠𝐫𝐞𝐬𝐬 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭. 𝐃𝐞𝐬𝐩𝐢𝐭𝐞 𝐭𝐡𝐢𝐬, 𝐡𝐢𝐬 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐧𝐞𝐯𝐞𝐫 𝐭𝐨𝐨𝐤 𝐬𝐮𝐜𝐡 𝐚 𝐝𝐞𝐜𝐢𝐬𝐢𝐨𝐧. 𝐌𝐞𝐝𝐢𝐜𝐚𝐥 𝐞𝐝𝐮𝐜𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐰𝐚𝐬 𝐠𝐢𝐯𝐞𝐧 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐮𝐝𝐞𝐧𝐭𝐬 𝐟𝐨𝐫 𝐚 𝐧𝐨𝐦𝐢𝐧𝐚𝐥 𝐟𝐞𝐞, 𝐛𝐞𝐜𝐚𝐮𝐬𝐞 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐨𝐧𝐠𝐫𝐞𝐬𝐬 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐝𝐢𝐝 𝐧𝐨𝐭 𝐜𝐨𝐧𝐬𝐢𝐝𝐞𝐫 𝐞𝐝𝐮𝐜𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐚𝐬 𝐚 𝐛𝐮𝐬𝐢𝐧𝐞𝐬𝐬, 𝐛𝐮𝐭 𝐚 𝐫𝐞𝐬𝐩𝐨𝐧𝐬𝐢𝐛𝐢𝐥𝐢𝐭𝐲. 𝐁𝐮𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐁𝐉𝐏-𝐉𝐉𝐏 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐢𝐬 𝐜𝐨𝐦𝐦𝐞𝐫𝐜𝐢𝐚𝐥𝐢𝐳𝐢𝐧𝐠 𝐞𝐝𝐮𝐜𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧,” 𝐡𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝.
𝐄𝐚𝐫𝐥𝐢𝐞𝐫, 𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐫𝐞𝐚𝐜𝐡𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐩𝐚𝐫𝐭𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐭𝐞 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐫𝐨𝐠𝐫𝐚𝐦 𝐨𝐟 𝐁𝐚𝐫 𝐀𝐬𝐬𝐨𝐜𝐢𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧. 𝐇𝐞𝐫𝐞 𝐡𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐡𝐞 𝐢𝐬 𝐚 𝐦𝐞𝐦𝐛𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐛𝐚𝐫 𝐚𝐧𝐝 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐫𝐞𝐦𝐚𝐢𝐧 𝐬𝐨 𝐟𝐨𝐫 𝐥𝐢𝐟𝐞. “𝐈 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐚𝐥𝐰𝐚𝐲𝐬 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐜𝐨𝐧𝐧𝐞𝐜𝐭𝐞𝐝 𝐚𝐧𝐝 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐞𝐧𝐣𝐨𝐲𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐛𝐥𝐞𝐬𝐬𝐢𝐧𝐠𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐜𝐨-𝐨𝐩𝐞𝐫𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐥𝐞𝐠𝐚𝐥 𝐟𝐫𝐚𝐭𝐞𝐫𝐧𝐢𝐭𝐲,” 𝐡𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान उन्होंने प्रदेश में 5 मेडिकल कॉलेज स्थापित किए थे। कांग्रेस सरकार के दौरान ही कैंसर इंस्टिट्यूट और एम्स जैसे मेडिकल संस्थान हरियाणा में आए थे। बावजदू इसके उनकी सरकार ने कभी भी इस तरह का फैसला नहीं लिया। नाममात्र फीस में विद्यार्थियों को मेडिकल की शिक्षा दिलाई गई। क्योंकि कांग्रेस सरकार शिक्षा को व्यवसाय नहीं, बल्कि जिम्मेदारी समझती थी। लेकिन बीजेपी-जेजेपी सरकार शिक्षा का व्यवसायीकरण कर रही है।
𝐓𝐚𝐥𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐨 𝐣𝐨𝐮𝐫𝐧𝐚𝐥𝐢𝐬𝐭𝐬 𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐨𝐜𝐜𝐚𝐬𝐢𝐨𝐧, 𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚 𝐭𝐞𝐫𝐦𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐫𝐞𝐬𝐞𝐧𝐭 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐚𝐬 𝐚𝐧𝐭𝐢-𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫. 𝐓𝐡𝐞 𝐥𝐞𝐚𝐝𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐎𝐩𝐩𝐨𝐬𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐭𝐞𝐫𝐦𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐝𝐞𝐜𝐢𝐬𝐢𝐨𝐧 𝐭𝐨 𝐬𝐭𝐨𝐩 𝐛𝐮𝐲𝐢𝐧𝐠 𝐩𝐚𝐝𝐝𝐲 𝐚𝐬 𝐰𝐫𝐨𝐧𝐠. 𝐇𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐢𝐬 𝐫𝐮𝐧𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐚𝐰𝐚𝐲 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐞𝐬𝐩𝐨𝐧𝐬𝐢𝐛𝐢𝐥𝐢𝐭𝐲 𝐨𝐟 𝐠𝐢𝐯𝐢𝐧𝐠 𝐌𝐒𝐏 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬. “𝐖𝐢𝐭𝐡 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐬𝐭𝐨𝐩𝐩𝐢𝐧𝐠 𝐩𝐫𝐨𝐜𝐮𝐫𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭, 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐚𝐭𝐞 𝐨𝐟 𝐩𝐚𝐝𝐝𝐲 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐚𝐫𝐤𝐞𝐭 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐟𝐮𝐫𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐟𝐚𝐥𝐥, 𝐰𝐡𝐢𝐜𝐡 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐝𝐢𝐫𝐞𝐜𝐭𝐥𝐲 𝐡𝐚𝐫𝐦 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬,” 𝐡𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝.
इससे पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में भी शिरकत करने पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि वह इस बार के सदस्य हैं और आजीवन रहेंगे। इस बार से उनका लगाओ पुराना है और हमेशा बार का आशीर्वाद व सहयोग उनके साथ रहा है।
इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए हुड्डा ने मौजूदा सरकार को किसान विरोधी करार दिया। धान खरीद बंद करने के फैसले को नेता प्रतिपक्ष ने गलत बताया। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को एमएसपी देने के जिम्मेदारी से भाग रही है। सरकारी खरीद बंद होने से मार्केट में धान के रेट और गिरेंगे, जिसका सीधा नुकसान किसानों को होगा।
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