𝐅𝐨𝐫𝐦𝐞𝐫 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐚𝐧𝐝 𝐋𝐞𝐚𝐝𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐎𝐩𝐩𝐨𝐬𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐁𝐡𝐮𝐩𝐢𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡 𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐢𝐧 𝟖 𝐲𝐞𝐚𝐫𝐬 𝐁𝐉𝐏 𝐚𝐧𝐝 𝐁𝐉𝐏-𝐉𝐉𝐏 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐝𝐢𝐝 𝐧𝐨𝐭 𝐬𝐞𝐭 𝐮𝐩 𝐚𝐧𝐲 𝐧𝐞𝐰 𝐩𝐨𝐰𝐞𝐫 𝐩𝐥𝐚𝐧𝐭 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞. 𝐇𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭, 𝐰𝐡𝐢𝐜𝐡 𝐢𝐬 𝐦𝐚𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐚𝐥𝐥 𝐜𝐥𝐚𝐢𝐦𝐬 𝐫𝐞𝐠𝐚𝐫𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐚𝐯𝐚𝐢𝐥𝐚𝐛𝐢𝐥𝐢𝐭𝐲 𝐨𝐟 𝐞𝐥𝐞𝐜𝐭𝐫𝐢𝐜𝐢𝐭𝐲, 𝐬𝐡𝐨𝐮𝐥𝐝 𝐭𝐞𝐥𝐥 𝐟𝐨𝐫 𝐰𝐡𝐚𝐭 𝐢𝐭 𝐰𝐚𝐧𝐭𝐬 𝐭𝐨 𝐭𝐚𝐤𝐞 𝐜𝐫𝐞𝐝𝐢𝐭 𝐟𝐨𝐫 𝐰𝐢𝐭𝐡𝐨𝐮𝐭 𝐬𝐭𝐚𝐫𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐚 𝐬𝐢𝐧𝐠𝐥𝐞 𝐮𝐧𝐢𝐭. 𝐈𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐥𝐚𝐬𝐭 𝟖 𝐲𝐞𝐚𝐫𝐬, 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐫𝐞𝐬𝐞𝐧𝐭 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐝𝐢𝐝 𝐧𝐨𝐭 𝐢𝐧𝐜𝐫𝐞𝐚𝐬𝐞 𝐩𝐨𝐰𝐞𝐫 𝐠𝐞𝐧𝐞𝐫𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐞𝐯𝐞𝐧 𝐛𝐲 𝟏 𝐌𝐖 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞.
हाइलाइट्स
- बीजेपी ने 8 साल में स्थापित नहीं किया कोई नया पावर प्लांट
- कांग्रेस कार्यकाल में स्थापित हुए 5 पावर प्लांट, बीजेपी कार्यकाल में जीरो
- हरियाणा के लोगों को महंगी बिजली देने वाली सरकार झूठे दावे कर गुमराह न करे
- बिजली उपलब्धता विकास दर 10% से घटकर 2% पर पहुंची
चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि 8 साल में बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी सरकार ने प्रदेश में कोई नया पावर प्लांट स्थापित नहीं किया। बिजली उपलब्धता को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही सरकार बताए कि एक भी यूनिट का नया उत्पादन किये बिना किस बात का श्रेय लेना चाहती है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने बीते 8 साल में राज्य में 1 मेगावाट भी बिजली उत्पादन नहीं बढ़ाया। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हमने हरियाणा को पावर सरप्लस राज्य बनाया, लेकिन बीजेपी सरकार दूसरों के किए काम का श्रेय लूटने में ही लगी है। हरियाणा की बिजली उत्पादकता और उपलब्धता को कम करने, पावर प्लांट्स को ठप करने, आम लोगों को महंगी बिजली का झटका देने के लिए ही मौजूदा सरकार जिम्मेदार है।
बीजेपी-जेजेपी सरकार की नाक के नीचे कभी बिजली मीटर बदलने में घोटाला, कभी बिजली मीटर खरीद में घोटाला हुआ। सरकार ने कभी बिजली रेट बढ़ाकर, कभी निजी कंपनियों से महंगी बिजली खरीदकर, तो कभी जुर्माना व अनाप-शनाप बिल के नाम पर आम जनता की जेब काटने के अलावा कोई नया काम नहीं किया।
उन्होंने बताया कि 𝟐𝟎𝟎𝟓 में जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी, उस समय बिजली व्यवस्था बुरी तरह से चरमरायी हुई थी और हरियाणा की बिजली उत्पादन क्षमता मात्र 𝟏𝟓𝟓𝟎 मेगावाट थी। कांग्रेस सरकार ने 𝟏𝟎 साल में खेदड़ (हिसार) में राजीव गांधी थर्मल पॉवर - 𝟏𝟐𝟎𝟎 मेगावाट, झज्जर स्थित इंदिरा गांधी सुपर थर्मल पावर - 𝟏𝟓𝟎𝟎 मेगावाट, झज्जर स्थित महात्मां गांधी सुपर थर्मल पावर - 𝟏𝟑𝟐𝟎 मेगावाट, दीनबंधु छोटूराम थर्मल पावर यमुनानगर - 𝟔𝟎𝟎 मेगावाट, पानीपत थर्मल पावर स्टेज 𝟔 - 𝟐𝟓𝟎 मेगावाट के बिजली कारखाने लगवाये।
इसके अलावा भारत-अमेरिका के बीच हुए परमाणु समझौते के तहत फतेहाबाद के गांव गोरखपुर में 𝟐𝟖𝟎𝟎 मेगावाट का पहला परमाणु बिजली संयंत्र मंजूर कराकर काम शुरु कराया। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान ही हरियाणा में बिजली उत्पादन (उपलब्धता) 𝟏𝟐,𝟕𝟒𝟎 मेगावाट तक पहुंच गया था। आज इतनी भी बिजली उपलब्धता नहीं है जितना कि हम 𝟐𝟎𝟏𝟒 में छोड़कर गए थे।
यही नहीं, यमुनानगर में 𝟔𝟔𝟎 यूनिट के एक और पावर प्लांट को मंजूरी देने का कार्य भी कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ था। लेकिन पिछले 𝟖 साल से भाजपा सरकार ने इस प्रोजेक्ट को लटकाए रखा। हमने प्रदेश में बिजली उपलब्धता में व्यापक सुधार कर प्रदेश को पॉवर सरप्लस और देश में सबसे सस्ती बिजली देने वाला राज्य बनाया। इस बात को खुद मुख्यमंत्री जी ने दूसरे प्रदेशों में जाकर स्वीकार भी किया।
𝐇𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐢𝐧 𝟐𝟎𝟎𝟓, 𝐰𝐡𝐞𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐨𝐧𝐠𝐫𝐞𝐬𝐬 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐰𝐚𝐬 𝐟𝐨𝐫𝐦𝐞𝐝 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞, 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐨𝐰𝐞𝐫 𝐬𝐲𝐬𝐭𝐞𝐦 𝐰𝐚𝐬 𝐛𝐚𝐝𝐥𝐲 𝐝𝐚𝐦𝐚𝐠𝐞𝐝 𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐨𝐰𝐞𝐫 𝐠𝐞𝐧𝐞𝐫𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐜𝐚𝐩𝐚𝐜𝐢𝐭𝐲 𝐨𝐟 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐰𝐚𝐬 𝐨𝐧𝐥𝐲 𝟏𝟓𝟓𝟎 𝐌𝐖. “𝐈𝐧 𝟏𝟎 𝐲𝐞𝐚𝐫𝐬, 𝐑𝐚𝐣𝐢𝐯 𝐆𝐚𝐧𝐝𝐡𝐢 𝐓𝐡𝐞𝐫𝐦𝐚𝐥 𝐏𝐨𝐰𝐞𝐫 𝐚𝐭 𝐊𝐡𝐞𝐝𝐚𝐫 (𝐇𝐢𝐬𝐚𝐫) - 𝟏𝟐𝟎𝟎 𝐌𝐖, 𝐈𝐧𝐝𝐢𝐫𝐚 𝐆𝐚𝐧𝐝𝐡𝐢 𝐒𝐮𝐩𝐞𝐫 𝐓𝐡𝐞𝐫𝐦𝐚𝐥 𝐏𝐨𝐰𝐞𝐫 𝐚𝐭 𝐉𝐡𝐚𝐣𝐣𝐚𝐫 - 𝟏𝟓𝟎𝟎 𝐌𝐖, 𝐌𝐚𝐡𝐚𝐭𝐦𝐚 𝐆𝐚𝐧𝐝𝐡𝐢 𝐒𝐮𝐩𝐞𝐫 𝐓𝐡𝐞𝐫𝐦𝐚𝐥 𝐏𝐨𝐰𝐞𝐫 𝐚𝐭 𝐉𝐡𝐚𝐣𝐣𝐚𝐫 - 𝟏𝟑𝟐𝟎 𝐌𝐖, 𝐃𝐞𝐞𝐧𝐛𝐚𝐧𝐝𝐡𝐮 𝐂𝐡𝐡𝐨𝐭𝐮𝐫𝐚𝐦 𝐓𝐡𝐞𝐫𝐦𝐚𝐥 𝐏𝐨𝐰𝐞𝐫 𝐘𝐚𝐦𝐮𝐧𝐚𝐧𝐚𝐠𝐚𝐫 - 𝟔𝟎𝟎 𝐌𝐖, 𝐏𝐚𝐧𝐢𝐩𝐚𝐭 𝐓𝐡𝐞𝐫𝐦𝐚𝐥 𝐏𝐨𝐰𝐞𝐫 𝐒𝐭𝐚𝐠𝐞 𝟔 - 𝟐𝟓𝟎 𝐌𝐖 𝐩𝐨𝐰𝐞𝐫 𝐩𝐥𝐚𝐧𝐭 𝐭𝐨 𝐰𝐞𝐫𝐞 𝐬𝐞𝐭 𝐮𝐩,” 𝐡𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝, 𝐜𝐨𝐮𝐧𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐫𝐨𝐠𝐫𝐞𝐬𝐬 𝐦𝐚𝐝𝐞 𝐢𝐧 𝐩𝐨𝐰𝐞𝐫 𝐠𝐞𝐧𝐞𝐫𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧.
इतना ही नहीं, हमारी सरकार ने 𝟏𝟎 साल में कभी बिजली के दाम नहीं बढ़ाये उल्टे किसानों के लिये बिजली के रेट कम किये। 𝟐𝟎𝟎𝟓 में जब कांग्रेस सरकार बनी थी तो प्रदेश का कुल बजट ₹𝟐𝟐𝟎𝟎 करोड़ था। उसमें से 𝟏𝟔𝟎𝟎 करोड रुपए के बिजली बिल माफ करने का ऐतिहासिक कदम उठाने का काम कांग्रेस सरकार ने किया था।
हरियाणा में बिजली के 𝟓 नये प्लांट लगवाये, सारी पुरानी लाईनों के तार बदलवाए, नये ट्रांसफार्मर लगवाए। जबकि, भाजपा सरकार ने निजी कंपनियों से महंगी बिजली खरीदने की नीति पर चलकर आम लोगों को महंगाई का एक के बाद एक झटका देने का काम किया है।
कांग्रेस सरकार ने ही किसानों को देश में सबसे सस्ती 𝟏𝟎 पैसे प्रति यूनिट बिजली देने की शुरुआत की थी और कांग्रेस कार्यकाल के दौरान हमने 𝟐 लाख किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन दिए थे। बीजेपी और बीजेपी जेजेपी ने अपने पूरे कार्यकाल में आज तक जनहित का ऐसा कोई कार्य नहीं किया।
“𝐍𝐨𝐭 𝐨𝐧𝐥𝐲 𝐭𝐡𝐢𝐬, 𝐨𝐮𝐫 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐡𝐚𝐬 𝐧𝐞𝐯𝐞𝐫 𝐢𝐧𝐜𝐫𝐞𝐚𝐬𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐚𝐭𝐞𝐬 𝐨𝐟 𝐞𝐥𝐞𝐜𝐭𝐫𝐢𝐜𝐢𝐭𝐲 𝐢𝐧 𝟏𝟎 𝐲𝐞𝐚𝐫𝐬; 𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐫𝐚𝐫𝐲, 𝐢𝐭 𝐡𝐚𝐬 𝐫𝐞𝐝𝐮𝐜𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐚𝐭𝐞𝐬 𝐨𝐟 𝐞𝐥𝐞𝐜𝐭𝐫𝐢𝐜𝐢𝐭𝐲 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬. 𝐖𝐡𝐞𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐨𝐧𝐠𝐫𝐞𝐬𝐬 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐰𝐚𝐬 𝐟𝐨𝐫𝐦𝐞𝐝 𝐢𝐧 𝟐𝟎𝟎𝟓, 𝐭𝐡𝐞 𝐭𝐨𝐭𝐚𝐥 𝐛𝐮𝐝𝐠𝐞𝐭 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐰𝐚𝐬 ₹ 𝟐𝟐𝟎𝟎 𝐜𝐫𝐨𝐫𝐞. 𝐎𝐮𝐭 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐚𝐭, 𝐭𝐡𝐞 𝐡𝐢𝐬𝐭𝐨𝐫𝐢𝐜 𝐬𝐭𝐞𝐩 𝐨𝐟 𝐰𝐚𝐢𝐯𝐢𝐧𝐠 𝐞𝐥𝐞𝐜𝐭𝐫𝐢𝐜𝐢𝐭𝐲 𝐛𝐢𝐥𝐥 𝐨𝐟 𝐑𝐬 𝟏𝟔𝟎𝟎 𝐜𝐫𝐨𝐫𝐞 𝐰𝐚𝐬 𝐝𝐨𝐧𝐞 𝐛𝐲 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐨𝐧𝐠𝐫𝐞𝐬𝐬 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭,” 𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞𝐝.
“𝐈𝐧 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚, 𝟓 𝐧𝐞𝐰 𝐩𝐨𝐰𝐞𝐫 𝐩𝐥𝐚𝐧𝐭𝐬 𝐰𝐞𝐫𝐞 𝐬𝐞𝐭 𝐮𝐩, 𝐰𝐢𝐫𝐞𝐬 𝐨𝐟 𝐚𝐥𝐥 𝐨𝐥𝐝 𝐥𝐢𝐧𝐞𝐬 𝐰𝐞𝐫𝐞 𝐜𝐡𝐚𝐧𝐠𝐞𝐝, 𝐧𝐞𝐰 𝐭𝐫𝐚𝐧𝐬𝐟𝐨𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐰𝐞𝐫𝐞 𝐢𝐧𝐬𝐭𝐚𝐥𝐥𝐞𝐝. 𝐖𝐡𝐞𝐫𝐞𝐚𝐬, 𝐛𝐲 𝐟𝐨𝐥𝐥𝐨𝐰𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐨𝐥𝐢𝐜𝐲 𝐨𝐟 𝐛𝐮𝐲𝐢𝐧𝐠 𝐞𝐱𝐩𝐞𝐧𝐬𝐢𝐯𝐞 𝐞𝐥𝐞𝐜𝐭𝐫𝐢𝐜𝐢𝐭𝐲 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐩𝐫𝐢𝐯𝐚𝐭𝐞 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐚𝐧𝐢𝐞𝐬, 𝐭𝐡𝐞 𝐁𝐉𝐏 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐡𝐚𝐬 𝐠𝐢𝐯𝐞𝐧 𝐢𝐧𝐟𝐥𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧𝐚𝐫𝐲 𝐬𝐡𝐨𝐜𝐤𝐬 𝐨𝐧𝐞 𝐚𝐟𝐭𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐨𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐦𝐦𝐨𝐧 𝐩𝐞𝐨𝐩𝐥𝐞. 𝐈𝐭 𝐰𝐚𝐬 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐨𝐧𝐠𝐫𝐞𝐬𝐬 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐬𝐭𝐚𝐫𝐭𝐞𝐝 𝐩𝐫𝐨𝐯𝐢𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐡𝐞𝐚𝐩𝐞𝐬𝐭 𝟏𝟎 𝐩𝐚𝐢𝐬𝐞 𝐩𝐞𝐫 𝐮𝐧𝐢𝐭 𝐞𝐥𝐞𝐜𝐭𝐫𝐢𝐜𝐢𝐭𝐲 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐮𝐧𝐭𝐫𝐲 𝐚𝐧𝐝 𝐝𝐮𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐨𝐧𝐠𝐫𝐞𝐬𝐬 𝐭𝐞𝐧𝐮𝐫𝐞, 𝐰𝐞 𝐡𝐚𝐝 𝐠𝐢𝐯𝐞𝐧 𝐭𝐮𝐛𝐞𝐰𝐞𝐥𝐥 𝐜𝐨𝐧𝐧𝐞𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬 𝐭𝐨 𝟐 𝐥𝐚𝐤𝐡 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬. 𝐁𝐉𝐏 𝐚𝐧𝐝 𝐁𝐉𝐏 𝐉𝐉𝐏 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐧𝐨𝐭 𝐝𝐨𝐧𝐞 𝐚𝐧𝐲 𝐬𝐮𝐜𝐡 𝐰𝐨𝐫𝐤 𝐨𝐟 𝐩𝐮𝐛𝐥𝐢𝐜 𝐢𝐧𝐭𝐞𝐫𝐞𝐬𝐭 𝐭𝐢𝐥𝐥 𝐝𝐚𝐭𝐞 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐞𝐧𝐭𝐢𝐫𝐞 𝐭𝐞𝐧𝐮𝐫𝐞,” 𝐡𝐞 𝐚𝐝𝐝𝐞𝐝.
हुड्डा ने कहा कि सरकार प्रदेश में कोई नया पावर प्लांट लगाना या बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाना तो दूर, हमारे द्वारा बनाए बिजली प्लांटों को ही नहीं चला पा रही है। सरकारी पावर प्लांट्स की उत्पादन क्षमता को घटाने और निजी कंपनियों पर निर्भरता बढ़ाने का नतीजा यह हुआ कि हरियाणा में बिजली उपलब्धता विकास दर 𝟏𝟎% से घटकर सिर्फ 𝟐% रह गई है। यही कारण है कि बीजेपी सरकार के दौरान प्रदेश के लोगों को महंगी बिजली के साथ-साथ लगातार बिजली कटौती का सामना करना पड़ता है।
पिछली गर्मियों में प्रदेश ने बिजली की कटौती के चलते जिस आफत का सामना किया था, उसे आज तक लोग नहीं भूले हैं। पिछली गर्मियों में कुल बिजली की उपलब्धता घटकर महज 𝟔 हजार मेगावाट ही रह गई थी। बिजली संकट का लाभ उठाकर निजी कंपनी ने सरकार से मनमाने रेट भी वसूले थे। यहां तक कि अडानी ग्रुप ने सरकार से हुए करार को तोड़ कर प्रति यूनिट महंगे रेट पर हरियाणा को बिजली बेची।
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