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Chandigarh- पर्यावरण संरक्षण हेतू सर्कुलर इकोनॉमी अवधारणा पर करना होगा काम: मुख्य सचिव

 

यमुनानगर शहर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत ठोस व तरल कचरे को घरों से ही अलग-अलग एकत्र करने के कार्य को सख्ती से लागू किया जाए और इस कचरे का सुव्यवस्थित ढंग से निष्पादन के लिए प्लांटों तक पहुंचाना भी सुनिश्चित किया जाए- मुख्य सचिव संजीव कौशल



चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पर्यावरण को सर्कुलर इकोनॉमी मानते हुए नई व्यवस्था और कार्यक्रमों को लागू करने के लिए सर्वप्रथम एक सु‌व्यवस्थित स्ट्रक्चर स्थापित करने की आवश्यकता है। तभी सर्कुलर इकोनॉमी को सही मायने में धरातल पर उतार सकेंगे और समझदारी से संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित कर सकेंगे।

संजीव कौशल आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल शक्ति मंत्रालय की सचिव श्रीमती विनी महाजन की अध्यक्षता में पर्यावरण-सर्कुलर इकोनॉमी से संबंधित रणनीतियों व कार्य योजनाओं पर विचार-विमर्श के लिए हुई राउंड-टेबल बैठक में बोल रहे थे। बैठक में विभिन्न राज्यों के मुख्य सचिव और देशभर से कुछ नगर निगमों के आयुक्तों ने भी हिस्सा लिया।

सर्कुलर इकोनॉमी के लिए विभिन्न गतिविधियों के कार्यान्वयन हेतू एक विभाग या विशेष सेल स्थापित करने की दिशा में बढ़ना होगा

बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सुझाव देते हुए कहा कि वर्तमान में केंद्र स्तर पर और राज्य स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के तहत की जाने वाली विभिन्न गतिविधियां अलग-अलग विभागों जैसे शहरी स्थानीय निकाय, विकास एवं पंचायत, नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि एवं किसान कल्याण इत्यादि विभागों द्वारा की जाती हैं। 

यदि पर्यावरण-सर्कुलर इकोनॉमी की दिशा में आगे बढ़ना है, तो सबसे पहले इन सभी गतिविधियों के कार्यान्वयन हेतू या तो एक विभाग या एक विशेष सेल स्थापित करना होगा, जिसमें अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी आपसी समन्वय स्थापित कर एक ही दिशा में कार्य करें। तभी पर्यावरण-सर्कुलर इकोनॉमी के वांछित उद्देश्यों को हासिल करने में सफलता हासिल की जा सकेगी।

मुख्य सचिव द्वारा ‌दिए गए सुझाव का समर्थन करते हुए जल शक्ति मंत्रालय की सचिव श्रीमती विनी महाजन ने भी अन्य हितधारकों व अन्य राज्य सरकारों को भी इस दिशा में कार्य करने और इस विषय पर अपने सुझाव और टिप्पणियां जल्द से जल्द भेजने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान गुरुग्राम में चल रहे सी एंड डी वेस्ट प्लांट की कार्यप्रणाली की सराहना भी की गई।


पर्यावरण-सर्कुलर इकॉनोमी पर आए सुझावों व टिप्पणियों का अध्ययन पर संकलित रिपोर्ट तैयार करें

मुख्य सचिव ने पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन तथा शहरी स्थानीय ‌निकाय विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अभी तक पर्यावरण-सर्कुलर इकॉनोमी के लिए जितनी भी राउंड टेबल बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं, उनमें अधिकारियों व एक्सपर्ट द्वारा ‌दिए गए सुझावों व टिप्पणियों का बारीकी से अध्ययन कर एक संकलित रिपोर्ट आगामी 3 दिनों में तैयार करें।

डोर-टू-डोर क्लेक्शेन पर देना होगा जोर

कौशल ने कहा कि सर्कुलर इकोनॉमी के तहत ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन को सुदृढ़ करना होगा। इस पर उन्होंने शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यमुनानगर शहर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत ठोस व तरल कचरे को घरों से ही अलग-अलग एकत्र करने के कार्य को सख्ती से लागू किया जाए और इस कचरे का सुव्यवस्थित ढंग से निष्पादन के लिए प्लांटों तक पहुंचाना भी सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि इंदौर शहर में नगर निगम द्वारा किये जा रहे डोर-टू-डोर कचरा एकत्रित करने के कार्य, उसका निष्पादन और वाणिज्यिक गतिविधियों का अध्ययन किया जाए। इसके अलावा, गुरुग्राम में चल रहे सी एंड डी वेस्ट प्रबंधन प्लांट द्वारा की जा रही गतिविधियों व उसके परिणामों की साइंटिफिक स्टडी भी की जाए।


वेस्ट मैनेजमेंट के लिए हरियाणा में किए जा रहे अनेक कार्य

कौशल ने कहा कि वर्तमान में हरियाणा सरकार द्वारा ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन, सी एंड डी वेस्ट प्रबंधन, कृषि अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एसटीपी व सीटीपी प्लांट लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि गुरुग्राम में सी एंड डी वेस्ट प्रबंधन प्लांट कार्यरत है। फरीदाबाद में भी ऐसा ही एक ओर प्लांट अभी हाल ही में शुरू किया गया है। इसके अलावा, मानेसर में एक और प्लांट निर्माणाधीन है।

बैठक में जानकारी दी गई कि पानीपत में स्थापित 2जी एथनॉल प्लांट में वार्षिक 2 लाख मीट्रिक टन पराली की खपत की क्षमता है। करनाल में 6 लाख मीट्रिक टन पराली निकलती है, जिसमें से एक तिहाई का प्रबंधन इस प्लांट के माध्यम से किया जाता है। 

इसके लिए इस प्लांट के आस-पास के क्षेत्र में 13 क्लस्टर बनाये गए हैं, जिनमें पंचायती भूमि पर पराली की स्टोरेज की व्यवस्था की गई है। कस्टम हायरिंग सेंटर का कार्य खेतों से पराली को इन स्टोरेज स्थानों तक पहुंचाना है। आगे इन स्थानों से एथनॉल प्लांट तक पराली को पहुंचाने का कार्य आईओसीएल द्वारा किया जाता है।

बैठक में पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, विकास एवं पंचायत विभाग के महानिदेशक संजय जून, कृषि विभाग के महानिदेशक हरदीप सिंह, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक डी के बेहरा, नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा के महानिदेशक एस नारायणन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।


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