𝐌𝐁𝐁𝐒 𝐚𝐝𝐦𝐢𝐬𝐬𝐢𝐨𝐧, 𝐢𝐭 𝐰𝐚𝐬 𝐚 𝐝𝐢𝐫𝐞𝐜𝐭 𝐚𝐭𝐭𝐚𝐜𝐤 𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐢𝐧𝐭𝐞𝐫𝐞𝐬𝐭𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐮𝐝𝐞𝐧𝐭𝐬 𝐰𝐡𝐨 𝐝𝐫𝐞𝐚𝐦𝐭 𝐨𝐟 𝐛𝐞𝐜𝐨𝐦𝐢𝐧𝐠 𝐝𝐨𝐜𝐭𝐨𝐫𝐬 𝐨𝐧 𝐦𝐞𝐫𝐢𝐭. 𝐈𝐭 𝐰𝐚𝐬 𝐚 𝐯𝐞𝐫𝐲 𝐝𝐢𝐟𝐟𝐢𝐜𝐮𝐥𝐭 𝐭𝐚𝐬𝐤 𝐭𝐨 𝐚𝐫𝐫𝐚𝐧𝐠𝐞 𝐑𝐬 𝟒𝟎 𝐥𝐚𝐤𝐡 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐦𝐢𝐥𝐲 𝐨𝐟 𝐚𝐧𝐲 𝐩𝐫𝐨𝐦𝐢𝐬𝐢𝐧𝐠 𝐩𝐞𝐫𝐬𝐨𝐧 𝐜𝐨𝐦𝐢𝐧𝐠 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐚𝐧 𝐨𝐫𝐝𝐢𝐧𝐚𝐫𝐲 𝐚𝐧𝐝 𝐩𝐨𝐨𝐫 𝐟𝐚𝐦𝐢𝐥𝐲. 𝐈𝐧 𝐨𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐝𝐢𝐬𝐭𝐫𝐢𝐜𝐭𝐬 𝐢𝐧𝐜𝐥𝐮𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐑𝐨𝐡𝐭𝐚𝐤, 𝐬𝐭𝐮𝐝𝐞𝐧𝐭𝐬 𝐰𝐞𝐫𝐞 𝐚𝐠𝐢𝐭𝐚𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐚𝐠𝐚𝐢𝐧𝐬𝐭 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐚𝐧𝐭𝐢-𝐩𝐞𝐨𝐩𝐥𝐞 𝐝𝐞𝐜𝐢𝐬𝐢𝐨𝐧 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭.
मगर सरकार किसानों की सुध लेने को तैयार नहीं है। झूठे वादों के बल पर वाहवाही लूटने वाली सरकार हर स्तर पर किसानों के हितों पर आघात कर रही है। सरकार डीएपी की कमी को पूरा करे। वहीं कुमारी सैलजा ने एमबीबीएस में प्रवेश के लिए छात्रों पर थोपी गई बॉन्ड पॉलिसी को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार आंदोलन कर रहे छात्रों की मांगों को माने और बॉन्ड पॉलिसी को वापस ले।
Member of the Congress Steering Committee and former Union Minister Kumari Selja raised the issue of shortage of DAP in Haryana and said that today the situation in the state was very dire due to the mismanagement of the BJP-JJP government. At the time of sowing, farmers were wandering for DAP fertilizers. But the government was not ready to take care of the farmers. The government, which looted applause on the basis of false promises, was attacking the interests of farmers at every level. The government should fill the gap of DAP. On the other hand, Kumari Selja demanded withdrawal of the bond policy imposed on the students for admission in MBBS. She said that the government should accept the demands of the agitating students and withdraw the bond policy.
यहां जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि जब से केंद्र के साथ हरियाणा में भाजपा ने सत्ता में कदम रखा है तब से प्रदेश निरंतर विकास से विनाश की ओर बढ़ रहा है। आज किसान को बिजाई के लिए डीएपी नहीं मिल रही है। इतिहास में यह पहली सरकार है जिसके चलते थानों में खाद बांटनी पड़ रही है।
यहां जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि जब से केंद्र के साथ हरियाणा में भाजपा ने सत्ता में कदम रखा है तब से प्रदेश निरंतर विकास से विनाश की ओर बढ़ रहा है। आज किसान को बिजाई के लिए डीएपी नहीं मिल रही है। इतिहास में यह पहली सरकार है जिसके चलते थानों में खाद बांटनी पड़ रही है।
महिलाओं को घंटों लाईन में खड़े होना पड़ रहा है। सरकार की बड़ी विफलता यह है कि उसने समय रहते खाद का स्टॉक नहीं मंगवाया। इस सरकार में किसान आए दिन प्रताड़ित हो रहे हैं।
कुमारी सैलजा ने कहा कि साजिश के तहत फसल की सरकारी खरीद नहीं की जाती और न ही किसानों को समय पर फसल का भुगतान हो पाता है। किसानों को खराब फसलों का मुआवजा तक नहीं मिल पाता है। किसान खाद के लिए भटकते रहते हैं।
कुमारी सैलजा ने कहा कि साजिश के तहत फसल की सरकारी खरीद नहीं की जाती और न ही किसानों को समय पर फसल का भुगतान हो पाता है। किसानों को खराब फसलों का मुआवजा तक नहीं मिल पाता है। किसान खाद के लिए भटकते रहते हैं।
साथ ही महंगाई की मार भी किसानों पर पड़ रही है। किसानों को बर्बाद करने के लिए ही केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा तीन कृषि विरोधी कानून लाए गए थे। मगर किसानों ने सरकार के मंसूबों पर पानी फेर दिया था और सरकार को काले कानून वापस लेने पड़े थे। यह सरकार हर तरह से किसानों को प्रताड़ित कर रही है।
बॉन्ड पॉलिसी को पूरी तरह से वापस ले सरकार
वहीं, कुमारी सैलजा ने एमबीबीएस में प्रवेश के लिए लागू सरकार की बॉन्ड पॉलिसी को पूरी तरह से वापस लिए जाने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में स्कूली शिक्षा के बाद प्रोफेशनल शिक्षा का भी बेड़ा गर्क करने की प्लानिंग भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने कर ली है।
बॉन्ड पॉलिसी को पूरी तरह से वापस ले सरकार
वहीं, कुमारी सैलजा ने एमबीबीएस में प्रवेश के लिए लागू सरकार की बॉन्ड पॉलिसी को पूरी तरह से वापस लिए जाने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में स्कूली शिक्षा के बाद प्रोफेशनल शिक्षा का भी बेड़ा गर्क करने की प्लानिंग भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने कर ली है।
जिस प्रकार से एमबीबीएस दाखिले में बांड की शर्त लगाई गई है, वह मेरिट में आकर डॉक्टर बनने का सपना पालने वाले छात्रों के हितों पर सीधा हमला है। साधारण व गरीब परिवार से आने वाले किसी भी होनहार के परिजनों के लिए 40 लाख रुपये का इंतजाम करना बेहद मुश्किल काम है।
रोहतक समेत अन्य जिलों में छात्र सरकार के इस जनविरोधी फैसले के विरोध में आंदोलनरत हैं। मगर सरकार छात्रों की मांगों पर गौर करने की बजाय आंदोलन को दबाने में जुटी हुई है। सरकार तुरंत प्रभाव से बॉन्ड पॉलिसी को पूरी तरह से वापस ले।
और ये
भी पढ़ें..