हर साल बढ़ रही पक्षियों की संख्या, विदेशी परिंदों से गुलजार जलाश्य
यमुनानगर, डिजिटल डेक्स।। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही हथनी कुंड बैराज क्षेत्र के जलाशयों में विदेशी प्रवासी परिंदों का आना शुरू हो गया है। साल के 4 महीने यह प्रवासी पक्षी हजारों किलोमीटर की यात्रा करके हथनी कुंड बैराज के इन जलाशयों में अपना बसेरा करने पहुंचते हैं।
कलेसर नेशनल पार्क से सटे कलेसर, हथनी कुंड बैराज, ममदूबास पक्षियों के चहकने की आवाज़ से गुलजार हो रहा है। यमुना नदी के पानी की सतह पर तैरते, डुबकियां लगाकर अठखेलियां करते मेहमान परिंदे को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है और सभी के मन को भा रहे हैं। हालांकि कुछ महीनों तक यही उनका अस्थाई बसेरा होता है।
बर्फीले देशों की हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर यमुना नदी के वेटलैंड एरिया में विदेशी परिंदों की संख्या बढ़ने लगी है। कलेसर नेशनल पार्क से सटा यमुना नदी क्षेत्र मेहमान परिंदों के चहकने की आवाज़ से गुंज उठा। सुबह होते ही पक्षियों के चहकने की आवाज़ शुरू हो जाती है।
हर साल नवंबर से फरवरी तक प्रवास करने वाले मेहमान परिंद ठंड का प्रकोप कम होने की वजह से इस बार लगभग एक महीना देरी से पहुंचने लगे हैं। यमुना नदी के ममदूबास, कलेसर, हथनीकुंड के आसपास पानी की स्तह पर तरते रंग-बिरंगे पक्षी सैलानियों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।
यमुना नदी के ठंडे पानी पर घंटों तैरने के बाद मेहमान पक्षी एक दूसरे से चोंच लड़ाते, पानी में चोंच की डुबकी लगाकर अपने पंखों को पीछे से सीधा खड़ा कर अठखेलियां करते सभी के मन को लुभा रहे हैं।
रूट नहीं भूलते प्रवासी पक्षी
चीन, साइबेरिया जैसे बर्फीले देशों की कड़ाके की ठंड से बचने के लिए अपेक्षाकृत गर्म देशों की ओर हर साल प्रवास करने वाले विदेशी परिंदों की याददाश्त भी गजब की होती है। यह पक्षी कभी अपना रूट नहीं भूलते। हर साल नवंबर माह से मेहमान परिंदों का पहुंचना शुरू हो जाता है।
रूट नहीं भूलते प्रवासी पक्षी
चीन, साइबेरिया जैसे बर्फीले देशों की कड़ाके की ठंड से बचने के लिए अपेक्षाकृत गर्म देशों की ओर हर साल प्रवास करने वाले विदेशी परिंदों की याददाश्त भी गजब की होती है। यह पक्षी कभी अपना रूट नहीं भूलते। हर साल नवंबर माह से मेहमान परिंदों का पहुंचना शुरू हो जाता है।
प्रवासी पक्षी प्रवास काल के दौरान बहुत ही कम ब्रीडिंग करते हैं। मेहमान परिंदे आमतौर पर फिश एंग्लिंग के लिए प्रतिबंधित शांत व सुरक्षित स्थानों को अपना ठिकाना बनाते हैं। उक्त स्थानों पर पक्षियों को आसानी से मछली व अन्य कीड़े मकोड़े भोजन के रूप में मिल जाते हैं।
हरियाणा के कलेसर, कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर, नेशनल पार्क सुल्तानपुर, पक्षी विहार भिंडरवास, बड़कल लेक आदि स्थानों पर हर साल बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है।
वन्यजीव निरीक्षक सुनील तंवर ने बताया कि इस बार मौसम में ठंड कम होने की वजह से प्रवासी पक्षियों का आगमन देरी से शुरू हुआ। विभाग की ओर से यमुना नदी के साथ लगते वैटलैंड एरिया में रेगुलर गस्त कर नजर रखी जा रही है।
वन्यजीव निरीक्षक सुनील तंवर ने बताया कि इस बार मौसम में ठंड कम होने की वजह से प्रवासी पक्षियों का आगमन देरी से शुरू हुआ। विभाग की ओर से यमुना नदी के साथ लगते वैटलैंड एरिया में रेगुलर गस्त कर नजर रखी जा रही है।
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