हर साल 5 दिसंबर का दिन दुनियाभर में विश्व मृदा दिवस के रूप में मनाया जाता है. जिसका मुख्य मकसद लोगों को मिट्टी के महत्व के बारे में बताना है !
रादौर, डिजिटल डेक्स।। कृषि विभाग की ओर से शहीद उधमसिंह सिंह धर्मशाला में एसडीएम सतिंद्र सिवाच की अध्यक्षता में विश्व मृदा दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में नपा रादौर के निवर्तमान वाईस चेयरमैन रोशनलाल सैनी ने वशिष्ठ अतिथि के तौर पर शिरकत की और किसानों को भूमि की उर्वरा शक्ति को बचाने के लिए फसल अवशेष न जलाने बारे अपील की।
एसडीएम सतिंद्र सिवाच ने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सरकार की ओर से कई प्रकार की लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही है। जिसके तहत न केवल किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन में सहायक कृषि यंत्रों पर सब्सीड़ी दी जा रही है वहीं दूसरी ओर उन्हें अनुदान राशि भी दी जा रही है। किसान इसका लाभ लेकर फसल अवशेष प्रबंधन कर सकते है और अपनी भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के साथ साथ पर्यावरण सरंक्षण में भी सहयोग कर सकते है।
इस अवसर पर भूमि परीक्षण अधिकारी डा. नरेश भारद्वाज ने किसानों को मिट्टी जांच के बारे व 17 पोषक तत्व की संतुलित मात्रा उपयोग करने बारे जानकारी दी। सहायक मंडल भूमि परीक्षण अधिकारी डा. अंकित अत्री ने मिट्टी के गिरते हुए जैविक कार्बन के अनुपात पर चिंता व्यक्त की और कहा कि किसान कम्पोस्ट खाद, केचुआं खाद व गोबर खाद खेतों में डालकर जैविक कार्बन व गुणों को बढ़ाएं।
कृषि विज्ञान केंद्र दामला से डा. विशाल गोयल ने मिट्टी के सूक्ष्म जीवाणुओं को बढ़ाने व जीवामृत बनाने की विधि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी। सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी डा. रतन सिंह ने सुरक्षित एवं संतुलित मात्रा में कीटनाशकों का उपयोग करने के बारे में सलाह दी और कहा कि नकली कीटनाशकों के उपयोग से किसान बचे। डा. राकेश पोरिया ने विश्व मृदा दिवस को मनाने के मुख्य उदेश्य के बारे विस्तृत जानकारी दी।