पंचायती राज संस्थाओं की शक्तियों का किया विकेंद्रीकरण, प्रशिक्षण कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार!
चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा पिछले 𝟖 वर्षों में सुशासन को आधार मानकर पारदर्शिता के साथ किए गए कार्यों की सराहना वैसे तो चहुँ ओर हो रही है। अब राज्य में पंचायती राज संस्थानों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि भी सुशासन का पाठ पढ़ेंगे। इसके लिए हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान नीलोखेड़ी द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई है।
Decentralization of powers of Panchayati Raj institutions
नववर्ष-𝟐𝟎𝟐𝟑 हरियाणा के लिए होगा खास
वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟑 की शुरुआत हरियाणा के लोगों के लिए खास है क्योंकि एक ओर जहां प्रदेश को पंचायतों के नए चुने हुए जनप्रतिनिधि मिले हैं वहीं दूसरी ओर पहली बार पंचायतों में चुनकर आई 𝟓𝟎 प्रतिशत महिलाओं की ग्रामीण विकास की योजनाएं बनाने एवं उनके क्रियान्वयन में भूमिका भी लोगों को पहली बार देखने को मिलेगी।
विकास कार्यों के लिए पंचायती राज संस्थाओं मिला है 𝟏𝟏𝟎𝟎 करोड़ रुपये का बजट
मुख्यमंत्री मनोहर लाल, जो पिछले तीन वर्षों से प्रदेश के वित्त मंत्री का कार्यभार भी देख रहे है और मितव्ययिता पर जोर देते हुए उन्होंने वित्त प्रबंधन में एक कुशल अर्थशास्त्री का परिचय दिया है।
इस वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के लिए गांवों में विकास कार्यों के लिए पंचायती राज संस्थाओं को 𝟏𝟏𝟎𝟎 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है, इसमें से 𝟖𝟓𝟎 करोड़ केवल पंचायतों को दिया गया है। नई पंचायतों द्वारा विकास करवाने की पहली झलक इसी अवधि में देखने को मिलेगी।
मुख्यमंत्री की पहल पर ही पिछले कार्यकाल के दौरान हरियाणा के लोगों को पहली बार पढ़ी-लिखी पंचायतें मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। अब नवनिर्वाचित इन सभी शिक्षित पंचायतों को हरियाणा पंचायती राज अधिनियम व पंचायतों की कार्य प्रणाली से पूर्णत:शिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं क्षेत्र भ्रमण के कार्यक्रम तय किए गए है।
हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान नीलोखेड़ी, राजीव गांधी राज्य पंचायती राज एवं सामुदायिक विकास संस्थान नीलोखेड़ी तथा क्षेत्रीय पंचायती राज एवं सामुदायिक विकास संस्थान, भिवानी में प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन होना है।
मुख्यमंत्री ने तुरंत प्रभाव से 𝟑𝟏 मार्च,𝟐𝟎𝟐𝟑 तक के लिए 𝟖𝟓𝟎 करोड़ रुपये से अधिक का बजट जारी कर पंचायतों को खुले मन से विकास करवाने का मार्ग प्रशस्त किया है।
सर्वसम्मति से चुने प्रतिनिधियों के लिए 𝟑𝟎𝟎 करोड़ की धनराशि की जारी
सर्वसम्मति से पंचायतों में चुने गए प्रतिनिधियों के लिए मुख्यमंत्री ने अलग से 𝟑𝟎𝟎 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की है। इस बार 𝟕𝟎 हजार जनप्रतिनिधियों में से 𝟒𝟎 हजार जनप्रतिनिधि सर्वसम्मति से चुने गए हैं जो प्रदेश की सामाजिक सौहार्द व आपसी भाईचारे का प्रतीक है।
पंचायती राज संस्थाओं की शक्तियों का किया विकेंद्रीकरण
मुख्यमंत्री की पहल पर पंचायतों को विकास कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करने के लिए अधिकृत किया गया है। इसके साथ-साथ इन कार्यों की तकनीकी स्वीकृति के लिए जूनियर इंजीनियर से लेकर चीफ-इंजीनियर तक जिम्मेदारी दी गई है।
हरियाणा इंजीनियरिंग वर्कस पोर्टल के माध्यम से होंगे- ई-टेंडर
𝟐 लाख रुपये तक के विकास कार्यों की तकनीकी स्वीकृति- जेई
𝟐 लाख से 𝟐𝟓 लाख रुपये तक के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति-एसडीओ
𝟐𝟓 लाख से 𝟏 करोड़ रुपये तक के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति- एक्सईएन
एक करोड़ से 𝟐.𝟓 करोड़ रुपये तक के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति-अधीक्षण अभियंता
𝟐.𝟓 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य की तकनीकी स्वीकृति-चीफ इंजीनियर
𝟐.𝟓 से 𝟏𝟎 करोड़ रुपये तक के कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति-विकास एवं पंचायत मंत्री
दस करोड़ रुपये से अधिक के कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री का मानना है कि आज के आईटी के युग में हर व्यवस्था ऑनलाइन हो रही है। पंचायतों के लिए ई-टेंडर के नाम पर कुछ नेता राजनीति कर रहे हैं जो सही नहीं है।
हरियाणा में अब पढ़ी-लिखी पंचायतें हैं जो अफसरों से काम करवाने में सक्षम है, वे ऐसे नेताओं की राजनीति अपने ऊपर हावी नहीं होने देंगी, आईटी का प्रयोग करना आज की पंचायते भली-भांति जानती है।