Budget Haryana ! सीएम मनोहर लाल खट्टर बतौर वित्त मंत्री आज अपना चौथा बजट पेश किया !
चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। इस सरकार का मेरा लगातार चौथा और अमृतकाल का पहला बजट पेश करना मेरे लिए गर्व की बात। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी और प्रगतिशील नेतृत्व में और हमारे सामूहिक प्रयासों से राज्य कोविड-19 महामारी के प्रभाव को न्यूनतम रखने में सफल रहा। सरकार की विवेकपूर्ण नीतियों एवं वित्तीय उपायों के फलस्वरूप प्रदेश की अर्थव्यवस्था में पुनः गति आई।
Haryana, the first budget of Amrit Kaal
अमृतकाल में प्रवेश करते हुए हम हरियाणा को विकास की नई बुलंदियों पर लेकर जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक चमकते हुए सितारे के रूप में उभरा, देष के विकास में हरियाणा भी निभा रहा है अग्रणी भूमिका।
भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 𝟑.𝟖𝟔 फीसदी हरियाणा का योगदान, वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟐-𝟐𝟑 में जीएसडीपी विकास दर 𝟕.𝟏 प्रतिशत रहने का अनुमान।
‘सबका साथ-सबका विकास’ का आदर्श हमारे इस विचार को दर्शाता है कि हरियाणा को हम प्रगति के पथ पर लेकर जाएंगे।
वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟏-𝟐𝟐 के बजट में मैने हरियाणा के विकास के लिए ‘वज्र मॉडल’ को स्पष्ट किया था, जिसमें विकास के पांच घटकों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
कौटिल्य अर्थशास्त्र की यह नीति हरियाणा के विकास के मेरे विजन का मूलमंत्र है और वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟑-𝟐𝟒 के इस बजट का आधार।
अलब्ध लाभार्था
लब्ध परिरक्षणी रक्षित विवर्धनी
वृद्धस्य तीर्थे प्रतिपादनी च।।
जो प्राप्त न हो उसे प्राप्त करना, जो प्राप्त हो गया उसे संरक्षित करना, जो संरक्षित हो गया उसे समानता के आधार पर बांटना।
पहला बजट तैयार करते समय मैंने व्यापक परामर्श के माध्यम से सुझाव लेने की परंपरा शुरू की थी।
इस वर्ष भी समाज के विभिन्न वर्गों के साथ परामर्श और विचार-विमर्श करने के लिए कई बैठकें आयोजित की गई।
हमने हरियाणा के माननीय सांसदों, विधायकों और समाज के विभिन्न वर्गों के अन्य हितधारकों से प्राप्त बहुमूल्य सुझावों और फीडबैक को बजट में शामिल करने का प्रयास किया।
राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) की वृद्धि दर देश के सकल घरेलू उत्पाद से और प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय, देश की प्रति व्यक्ति आय से कहीं अधिक रही।
वर्ष 𝟐𝟎𝟏𝟒-𝟏𝟓 से 𝟐𝟎𝟐𝟐-𝟐𝟑 तक हरियाणा की जीएसडीपी की वार्षिक चक्रवृद्धि दर स्थिर मूल्यों पर 𝟓.𝟔𝟐 प्रतिशत रही, जबकि इसी अवधि में राष्ट्र की जीडीपी वृद्धि दर 𝟒.𝟓𝟖 प्रतिशत रही।
राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद में हरियाणा की हिस्सेदारी वर्ष 𝟐𝟎𝟏𝟒-𝟏𝟓 में 𝟑.𝟓𝟐 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟐-𝟐𝟑 में 𝟑.𝟖𝟔 प्रतिशत हुई।
राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय वर्ष 𝟐𝟎𝟏𝟒-𝟏𝟓 में वर्तमान मूल्यों पर 𝟖𝟔,𝟔𝟒𝟕 रुपये थी, जो वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟐-𝟐𝟑 में बढ़कर 𝟏,𝟕𝟎,𝟔𝟐𝟎 रुपये होने की संभावना, जबकि हरियाणा के लिए यह वर्ष 𝟐𝟎𝟏𝟒-𝟏𝟓 में 𝟏,𝟒𝟕,𝟑𝟖𝟐 रुपये से बढ़कर वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟐-𝟐𝟑 में 𝟐,𝟗𝟔,𝟔𝟖𝟓 रुपये होने की संभावना।
हरियाणा के जी.एस.डी.पी. की क्षेत्रवार संरचना के रुझान यह दर्शाते हैं कि वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟐-𝟐𝟑 में जी.एस.डी.पी. में प्राथमिक क्षेत्र, द्वितीयक क्षेत्र और तृतीयक क्षेत्र का हिस्सा क्रमश 𝟏𝟗.𝟔 प्रतिशत, 𝟐𝟗.𝟕 प्रतिशत और 𝟓𝟎.𝟕 प्रतिशत रहने की संभावना।
वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟑-𝟐𝟒 के लिए 𝟏,𝟖𝟑,𝟗𝟓𝟎 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव, जो कि संषोधित अनुमान वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟐-𝟐𝟑 के 𝟏,𝟔𝟒,𝟖𝟎𝟖 करोड़ रुपये पर।
𝟏𝟏.𝟔 प्रतिशत की वृद्धि।
बजट में पूंजीगत परिसम्पत्ति के सृजन के लिए 𝟓𝟕,𝟖𝟕𝟗 करोड़ रुपये के परिव्यय तथा राजस्व परिव्यय के लिए 𝟏,𝟐𝟔,𝟎𝟕𝟏 करोड़ रुपये का प्रस्ताव।
भारतीय रिजर्व बैंक ने हरियाणा को उन तीन राज्यों में से एक बताया जिनका पूंजीगत परिव्यय बजटीय लक्ष्यों की तुलना में अधिक था जबकि देश के सभी राज्यों का औसत लक्ष्य से 𝟐𝟏.𝟑 प्रतिशत कम था।
वित्त वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟑-𝟐𝟒 के बजट में कोई नया कर नहीं लगाने का प्रस्ताव।
राजस्व के स्रोतों के बेहतर प्रबंधन और राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के बेहतर वित्तीय प्रबंधन के माध्यम से अतिरिक्त संसाधन जुटाने की उम्मीद।
बजट अनुमान वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟑-𝟐𝟒 के लिए 𝟏,𝟎𝟗,𝟏𝟐𝟐 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्तियों का प्रस्ताव, जिसमें 𝟕𝟓,𝟕𝟏𝟔 रुपये का कर राजस्व और 𝟏𝟐,𝟔𝟓𝟏 करोड़ रुपये का गैर-कर राजस्व शामिल।
कर राजस्व प्राप्तियों में जीएसटी, वैट, आबकारी एवं स्टाम्प शुल्क राजस्व के प्रमुख स्रोत।
केंद्रीय करों का हिस्सा 𝟏𝟏,𝟏𝟔𝟒 करोड़ रुपये और केंद्र से सहायता अनुदान 𝟗,𝟓𝟗𝟎 करोड़ रुपये, पूंजीगत प्राप्तियां 𝟕𝟏,𝟏𝟕𝟑 करोड़ रुपये अनुमानित।
𝟏,𝟖𝟑,𝟗𝟓𝟎 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय में से 𝟏,𝟐𝟎,𝟗𝟓𝟖 करोड़ रुपये का आवंटन किया, जो कि 𝟔𝟓.𝟖 प्रतिशत।
हम हमेशा केंद्रीय वित्त आयोग और भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार राजकोषीय मानकों को बनाए रखने में सफल रहे संशोधित अनुमान (आरई) 𝟐𝟎𝟐𝟐-𝟐𝟑 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 𝟑.𝟐𝟗 प्रतिशत रहा जो कि जी.एस.डी.पी. के 𝟑.𝟓 प्रतिशत की अनुमत सीमा के अंतर्गत वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟑-𝟐𝟒 के लिए जी.एस.डी.पी. के 𝟐.𝟗𝟔 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे का प्रस्ताव।
सकल ऋण स्टॉक का संषोधित अनुमान 𝟐𝟎𝟐𝟐-𝟐𝟑 में ऋण जी.एस.डी.पी अनुपात 𝟐𝟓.𝟕𝟖 प्रतिषत, जो कि निर्धारित सीमा 𝟑𝟑.𝟑 प्रतिषत की सीमा में।
वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟑-𝟐𝟒 में ऋण स्टॉक जी.एस.डी.पी का 𝟐𝟓.𝟒𝟓 प्रतिशत प्रक्षेपित, जोकि निर्धारित मानकों 𝟑𝟑.𝟏 प्रतिषत से बहुत नीचे।
राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम आगामी वित्त वर्ष में लगभग 𝟕𝟓𝟎𝟎 करोड़ रुपये का अतिरिक्त पूंजी निवेश करेंगे।
वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟐-𝟐𝟑 में लाभ में चल रहे सभी राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम अपने लाभ का 𝟐𝟓 प्रतिशत राज्य सरकार को हस्तांतरित करेंगे।
हमने हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास की स्थापना की, जिसके तीन प्रमुख काम।
क) उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में काम करने वाले वर्ग सी और डी श्रेणियों के कर्मचारियों और सफाई कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री हरियाणा कर्मचारी दुर्घटना बीमा योजना।
ख) छोटे कारोबारियों के लिए दुर्घटना में मृत्यु या स्थायी दिव्यांगता के लिए मुख्यमंत्री व्यापारी सामूहिक निजी दुर्घटना बीमा योजना।
ग) अंत्योदय परिवारों को सामाजिक सुरक्षा कवच देने के लिए मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना।
स्ट्रीट वेंडर्स, छोटे कारोबारियों और व्यापारियों, जिनका वार्षिक कारोबार 𝟏.𝟓𝟎 करोड़ रुपये तक है, को प्राकृतिक आपदा या आग के कारण परिसम्पतियों के नुकसान के मामलों में मुआवजा प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री व्यापारी क्षतिपूर्ति बीमा योजना 𝟏 अप्रैल, 𝟐𝟎𝟐𝟑 से शुरू हो जाएगी।
पीपीपी में सत्यापित डेटा के आधार पर 𝟏.𝟖𝟎 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवार के सदस्य की मृत्यु या दिव्यांग होने पर सहायता प्रदान करने के लिए ‘दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना‘ नामक एक नई योजना शुरू करने का प्रस्ताव।
यह योजना मृत्यु या स्थायी दिव्यांगता के समय व्यक्ति की आयु के आधार पर सहायता प्रदान करेगी।
प्रस्तावित सहायता 𝟔 वर्ष की आयु तक 𝟏 लाख रुपये, 𝟔 वर्ष से अधिक और 𝟏𝟖 वर्ष तक 𝟐 लाख रुपये, 𝟏𝟖 वर्ष से अधिक और 𝟐𝟓 वर्ष तक 𝟑 लाख रुपये, 𝟐𝟓 वर्ष से अधिक और 𝟒𝟎 वर्ष तक 𝟓 लाख रुपये और 𝟒𝟎 वर्ष से 𝟔𝟎 वर्ष की आयु तक 𝟐 लाख रुपये होगी।
इस लाभ में 𝟏𝟖-𝟒𝟎 वर्ष की आयु वर्ग में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत मिलने वाली 𝟐 लाख रुपये की राशि भी शामिल होगी।
सरकार ने सभी विभागों, पंचायती राज संस्थानों और शहरी स्थानीय निकायों में आंतरिक लेखापरीक्षा करने के लिए ‘हरियाणा सार्वजनिक वित्त जवाबदेही अधिनियम, 𝟐𝟎𝟏𝟗‘ को अधिसूचित किया।
सरकारी, स्थानीय निकायों और गैर-सरकारी संगठनों जो सरकार से वित्तीय मदद लेते हैं, में उचित प्रक्रिया का प्रयोग करने, सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा और संसाधनों के दुरुपयोग पर रोक लगाने के लिए आंतरिक लेखापरीक्षा करने के लिए राज्य लेखापरीक्षा विभाग बनाने का प्रस्ताव।
आंतरिक लेखापरीक्षा फेसलेस मोड में स्थापित पोर्टल के माध्यम से की जाएगी।
हरियाणा का सीधे लाभ हस्तांतरणतरण (डीबीटी) पोर्टल सितंबर, 𝟐𝟎𝟏𝟕 में परिचलन में आया, डीबीटी पोर्टल पर 𝟏𝟒𝟐 योजनाएं ऑनबोर्ड की गई, जिनमें से 𝟓𝟖 केंद्र प्रायोजित योजनाएं हैं और 𝟖𝟒 राज्य की योजनाएं।
वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟐-𝟐𝟑 में दिसंबर, 𝟐𝟎𝟐𝟐 तक लाभग्राहियों को 𝟏𝟏,𝟐𝟓𝟎 करोड़ रुपये का डीबीटी के माध्यम से अंतरण किया गया, इस स्कीम के शुरू होने के बाद 𝟑𝟔.𝟕𝟓 लाख फर्जी लाभार्थियों को हटाने से 𝟏𝟏𝟖𝟐 करोड़ रुपये की अनुमानित बचत हुई।
परिवार पहचान पत्र (पी.पी.पी.) डेटाबेस में उपलब्ध डेटा का उपयोग करते हुए, सरकार ने विशिष्ट विभागों को नागरिकों की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया।
𝟔 वर्ष तक के आयु समूह को महिला एवं बाल विकास विभाग, 𝟔 वर्ष से अधिक और 𝟏𝟖 वर्ष तक के आयु समूह को स्कूल शिक्षा विभाग, 𝟏𝟖 वर्ष से अधिक और 𝟐𝟓 वर्ष तक के आयु समूह को उच्च शिक्षा विभाग, 𝟐𝟓 वर्ष से अधिक एवं 𝟒𝟎 वर्ष तक के आयु वर्ग को युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता विभाग को, 𝟒𝟎 से 𝟔𝟎 वर्ष तक की आयु वर्ग की देखभाल राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, 𝟔𝟎 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों की देखभाल सेवा विभाग को सौंपा गया।
कृषि और संबद्ध गतिविधियों का राज्य की अर्थव्यवस्था में 𝟏𝟖.𝟓 प्रतिशत योगदान, हरियाणा एकमात्र ऐसा राज्य है, जो किसानों को 𝟏𝟒 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर आश्वासन देता है।
मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर 9 लाख से अधिक किसान नियमित रूप से पंजीकरण,
मेरा पानी-मेरी विरासत, धान की ‘बीज से सीधी बिजाई’ के लिए वित्तीय सहायता, तिलहन और दलहनों को बढ़ावा देने और बाजार भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम होने पर सहायता देने के लिए ‘भावांतर भरपाई’ जैसी कई अनूठी पहल संभव हुई।
खरीद प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और सरकारी खरीद की मंजूरी के बाद 𝟒𝟖 घंटों में भुगतान के अलावा किसानों को लाभ का सीधा हस्तांतरण सुनिश्चित।
पिछले दो वर्षों में, सरकार ने कृषि क्षेत्र में क्रियान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं के लिए 𝟒𝟐𝟖 करोड़ रुपये के अलावा किसानों की फसलों की खरीद के 𝟒𝟓,𝟎𝟎𝟎 करोड़ रुपये से अधिक की राषि सीधे उनके खातों में जमा कराई।
भारतीय कृषि और खाद्य परिषद द्वारा हरियाणा को सर्वश्रेष्ठ राज्य कृषि व्यवसाय पुरस्कार-𝟐𝟎𝟐𝟐 से सम्मानित किया गया।
भारत सरकार के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟑 को अंतर्राष्ट्रीय मोटे अनाज वर्ष के रूप में मना रहा, हरियाणा सरकार राज्य में मोटे अनाजों की कास्त और खपत को सक्रिय रूप से कर रही है प्रोत्साहित।
बाजरे की उत्पादकता में सुधार के लिए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा जिला भिवानी के गोकलपुरा में एक पोषक-अनाज अनुसंधान केंद्र वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟑 में चालू हो जाएगा।
क्लस्टर प्रदर्शन, संकर बीजों के वितरण, प्रमाणित बीज उत्पादन, एकीकृत पोषक तत्व और कीट प्रबंधन से बाजरे की खेती को बढ़ावा देने के लिए 𝟐𝟕 करोड़ रुपये की परियोजना।
वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟐-𝟐𝟑 में, 𝟐𝟐𝟑𝟖 किसानों की पहचान की गई और 𝟓𝟗𝟎𝟔 एकड़ में प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए सहायता प्रदान की गई जबकि गत वर्ष के बजट भाषण में निर्धारित 𝟐𝟓𝟎𝟎 एकड़ का लक्ष्य रखा गया था।
वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟑-𝟐𝟒 में प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए 𝟐𝟎 हजार एकड़ का लक्ष्य निर्धारित करने का प्रस्ताव जिसमें से 𝟔,𝟎𝟎𝟎 एकड़ पर प्रदर्शन किया जाएगा।
कुरुक्षेत्र में गुरुकुल और करनाल के घरौंडा में दो प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए, 𝟐𝟎𝟐𝟑-𝟐𝟒 में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विष्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रषिक्षण संस्थान, जींद और सिरसा के मंगियाना में तीन और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव।
उर्वरकों, कीटनाशकों के विवेकपूर्ण उपयोग, सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों के माध्यम से पानी का समुचित उपयोग, ड्रोन इमेजरी के माध्यम से फसल स्वास्थ्य निगरानी, मृदा स्वास्थ्य निगरानी,स्थानीय क्षेत्र की बीमारी, कीट निगरानी और सौर ऊर्जा का उपयोग करने के माध्यम से सटीक कृषि, के लिए परियोजना सिरसा जिले में शुरू की जाएगी।
किसान ड्रोन को अपनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा की गई पहल को आगे बढ़ाने के लिए सरकार का 𝟓𝟎𝟎 युवा किसानों को ड्रोन संचालन में प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव।
किसान को ढैंचा की खेती के माध्यम से हरी खाद अपनाने के लिए नई योजना का प्रस्ताव, सरकार 𝟕𝟐𝟎 रुपये प्रति एकड़ की लागत का।
𝟖𝟎 प्रतिशत वहन करेगी और किसान को लागत का 𝟐𝟎 प्रतिशत योगदान देना होगा।
कम पानी की खपत के लिए धान की सीधी बिजाई हेतु 𝟒𝟎𝟎𝟎 रुपये प्रति एकड़ की दर से वित्तीय सहायता दी जा रही है।
खरीफ-𝟐𝟎𝟐𝟐 में, 𝟕𝟐,𝟎𝟎𝟎 एकड़ क्षेत्र को धान की सीधी बुवाई के तहत लाया गया और 𝟐𝟗.𝟏𝟔 करोड़ रुपये की राशि लाभार्थियों को दी गई।
इससे राज्य में 𝟑𝟏,𝟓𝟎𝟎 करोड़ लीटर पानी की बचत हुई, वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟑-𝟐𝟒 में धान के अधीन 𝟐 लाख एकड़ क्षेत्र को धान की सीधी बिजाई के तहत लाने का लक्ष्य निर्धारित।
राज्य के किसानों ने एक्टिव फायर लोकेशन (एएफएल) में पराली जलाने की घटनाओं में 𝟒𝟖 प्रतिशत तक की कमी की, जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक रूप से सराहना हुई।
सरकार किसानों को प्रोत्साहन सहित निर्धारित सेवा क्षेत्रों में नामित एजेंसियों द्वारा धान की पराली की खरीद के लिए 𝟏𝟎𝟎𝟎 रुपये और पराली प्रबन्धन से सम्बंधित खर्चों को पूरा करने के लिए नामित एजेंसी को 𝟏𝟓𝟎𝟎 रुपये प्रति टन की सरकारी दर को अधिसूचित करेगी।
राज्य में थर्मल पावर प्लांट भी बिजली उत्पादन के लिए कोयले के साथ पेलेट के रूप में धान की पराली बायोमास का उपयोग करेंगे।
पानीपत में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन द्वारा स्थापित 𝟐जी-इथेनॉल संयंत्र चालू हो गया है और इथेनॉल उत्पादन के लिए धान की पराली का उपयोग करेगा।
आने वाले सीजन में 𝟏 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र पर ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती करने के लक्ष्य का प्रस्ताव, सरकार किसानों को ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सुनिश्चित करने का देती है आश्वासन।
वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟐-𝟐𝟑 के लिए ऐसी भूमि के सुधार के लिए 𝟐𝟓,𝟎𝟎𝟎 एकड़ का लक्ष्य निर्धारित जिसमें से 𝟐𝟎,𝟕𝟎𝟑 एकड़ क्षेत्र का 𝐒𝐮𝐛-𝐬𝐮𝐫𝐟𝐚𝐜𝐞 और 𝐕𝐞𝐫𝐭𝐢𝐜𝐚𝐥 𝐃𝐫𝐚𝐢𝐧𝐚𝐠𝐞 𝐓𝐞𝐜𝐡𝐧𝐨𝐥𝐨𝐠𝐲 से सुधार किया गया,जिसपर 𝟐𝟗 करोड़ रुपये का परिव्यय हुआ।
सरकार का उद्देश्य वर्ष 𝟐𝟎𝟑𝟎 तक फसल क्लस्टर विकास कार्यक्रमों, ताजे फल और सब्जियों के लिए आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करके, पैक हाउस की स्थापना।
किसान उत्पादक संगठन के गठन के माध्यम से बागवानी के अधीन क्षेत्र को दोगुणा और बागवानी उत्पाद को तीन गुणा करना।
शहद गुणवत्ता प्रयोगशाला स्थापित करने और शहद व्यापार नीति तैयार करने का प्रस्ताव।
वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟑-𝟐𝟒 में, तीन नए बागवानी उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव।
इनमें से एक पंचकुला में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट पर, दूसरा पिनगवां, नूंह में प्याज के लिए और तीसरा मुनीमपुर, झज्जर में फूलों के लिए स्थापित होगा।
सोनीपत जिले के गन्नौर में हरियाणा अंतर्राष्ट्रीय बागवानी मंडी का निर्माण इस साल शुरू होने की संभावना।
राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा 𝟏𝟕𝟓 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 𝟕𝟖.𝟑𝟑 एकड़ भूमि पर पिंजौर में स्थापित सेब, फल और सब्जी मंडी का 𝟏 अप्रैल से परिचालन शुरू करने की संभावना।
पशुपालन क्षेत्र में उद्यमिता विकास के लिए एक योजना- हरियाणा पशुधन उत्थान मिशन का प्रस्ताव, जिसका संचालन हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड करेगा।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय और लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विष्वविद्यालय के साथ मिलकर प्रशिक्षण प्रदान करेगा और पशुपालन को एक व्यवसाय के रूप में अपनाने के इच्छुक युवा उद्यमियों को सहायता प्रदान करेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में घरद्वार पर पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए सार्वजनिक-निजी सांझेदारी पद्धति में 𝟕𝟎 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयां प्रदान करने का प्रस्ताव, इनके द्वारा दी जाने वाली सेवा के नियंत्रण और निगरानी के लिए एक कॉल सेंटर स्थापित होगा।
राज्य में 𝟕 पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक ऑपरेशनल, कुरुक्षेत्र और पानीपत में दो पॉलीक्लिनिक निर्माणाधीन हैं और एक चरखी दादरी में बनाने की घोषणा की गई।
𝟒 अतिरिक्त पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक के निर्माण का प्रस्ताव, पलवल, फतेहाबाद, महेंद्रगढ़ और अंबाला में स्थापित होंगे पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक।
सरकार पालतू जानवरों के लिए गुरुग्राम और फरीदाबाद में दो अत्याधुनिक सरकारी 𝐕𝐞𝐭𝐞𝐫𝐢𝐧𝐚𝐫𝐲 𝐏𝐞𝐭 𝐂𝐥𝐢𝐧𝐢𝐜𝐬 भी स्थापित करेगी।
भिवानी जिले के गढ़वा गांव में खारा प्रभावित क्षेत्रों के सुधार के लिये एकीकृत एक्वा पार्क सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने का काम जारी।
राज्य में हरियाणा गौ सेवा आयोग के साथ पंजीकृत 𝟔𝟑𝟐 गौशालाएं, जिनमें लगभग 𝟒.𝟔 लाख बेसहारा पशु बेसहारा पशुओं को रखने वाली गौशालाओं को उचित रूप से वित्तीय सहायता देने का प्रस्ताव ताकि गौशालाओं में गौमाता की देखभाल और सुरक्षा की जा सके।
हरियाणा गौ सेवा आयोग के लिए वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟑-𝟐𝟒 के लिए 𝟒𝟎 करोड़ से बढ़ाकर 𝟒𝟎𝟎 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव।