Type Here to Get Search Results !

ad

ADD


 

𝐘𝐚𝐦𝐮𝐧𝐚𝐧𝐚𝐠𝐚𝐫 𝐍𝐞𝐰𝐬 : वार्षिक शुल्क वसूले जाने के मैसेज मिलने के बाद अभिभावक सेवा संघ ने बनाई रणनीति - शिक्षा मंत्री से करेंगे मुलाकात

अभिभावक सेवा मंच बुधवार को करेगा शिक्षा मंत्री से मुलाकात 

REPORT BY : RAHUL SAHAJWANI  

यमुनानगर | NEWS -   अभिभावक सेवा मंच द्वारा एक बैठक का आयोजन सरोजनी कालोनी श्री दुर्गा हनुमान मंदिर के बाहर हुई। बैठक की अध्यक्षता संजय मित्तल ने की। जिसमें स्कूलों में केन्द्र सरकार के निर्देशों के बावजूद पुनः वार्षिक शुल्क वसूले जाने के मैसेज बच्चो के क्लास ग्रुप में दिये जा रहे हैं। 

गौरतलब है कि पिछले साल 15 मार्च को कमिश्नर रेणु फुलिया द्वारा स्कूलों के फार्म 6 में भरी डिटेल के मुताबिक ही फीस केवल 5% फीस बढोतरी तय की गई थी एवं वार्षिक शुल्क लिए जाने पर पूर्णतया रोक लगाई गई थी। 

अब एक निजी स्कूल द्वारा अभिभावकों को फोन पर मैसेज भेजे जा रहें हैं कि डायरेक्टर शिक्षा निदेशालय ने निर्देशों को निजी स्कूलों के हक में पलट दिया है और अभिभावक किसी भी परेशानी से बचने के लिए चुपचाप वार्षिक शुल्क दे। अन्यथा असुविधा के लिए तैयार रहें। अभिभावक सेवा मंच के सचिव विपिन गुप्ता ने कहा कि सरकार ने यदि स्कूल ऐसोसिएशन के पक्ष फैसला दिया है तो वह श्वेत पत्र जारी करे कि सरकार आम जनता के हितों के लिए चुनी गई है या पहले से फले-फुले स्कूलों की तीमारदारी के लिए बनाई गई है। इस तरह से सरकार निजी स्कूलों को अनावश्यक फायदा पहुंचाने में जुट गई है जोकि शिक्षा का बाजारीकरण और सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करता है। 

महिला प्रभारी सुमन बाल्मीकि ने कहा कि एक और तो सरकार कहती है कि शिक्षा हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है दूसरी तरफ निजी स्कूलों को अभिभावकों को लूटने के तरीके सौंप कर उन्हे आर्थिक दंड दिया जा रहा है। यदि शिक्षा निदेशालय ने फैसला पलटना ही था तो कमिश्नर फीस एवं रेगुलेटरी का पद भी समाप्त कर देना चाहिए था। अभिभावकों को झूठा दिखावा और प्रपंच क्यों जनता का पैसा इनकी तनख्वाह पर क्यो खर्च किया जा रहा है। 

सेवा मंच के संयोजक ने प्रस्ताव रखा कि शिक्षा मन्त्री से मुलाकात कर इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा कर फैसला माता-पिता के हक में करवाने की मांग रखी जाए। जिसे अभिभावकों ने सर्व सम्मति से मान लिया । इसके अतिरिक्त आए साल सरकार जन हित मे NCERT की किताबें लगाने के निर्देश जारी करती है और सभी निजी स्कूल NCERT की इक्का-दुक्का किताब लगाकर बाकि निजी प्रकाशकों की पुस्तकें खरीदने के लिए मजबूर करतें हैं। इस मुद्दे को लेकर पिछले साल सरकार ने जांच का भी प्रपंच रचा था और जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने के स्थान पर गायब कर दी गई। 

विशाल गुप्ता ने कहा कि मोदी जी ने कहा था कि न खाऊँगा न खाने दूंगा पता नहीं ये नारा जनता के लिए दिया था या भ्रष्ट जन अधिकारियो व नेताओं के लिए! जो जनता के खून पसीने की कमाई का पैसा हजम करने में निजी स्कूलों को अनावश्यक सहयोग दे रहे हैं। 

अभिभावक विकास गाबा व दीपक बडोला ने कहा कि कोई भी स्कूल प्रशासन किसी भी अभिभावक को फीस विलम्ब से जमा करवाने के लिए छात्र को दंडित या परीक्षा से वंचित करने की कोशिश न करे इसके लिए शिक्षा मन्त्री को सभी निजी स्कूलों को दिशा निर्देश जारी करने के लिए दबाव बनाया जाएगा।


READ ALSO - 𝐘𝐚𝐦𝐮𝐧𝐚𝐧𝐚𝐠𝐚𝐫 𝐍𝐞𝐰𝐬: -  एडॉप्शन की सही और क़ानूनी प्रक्रिया पर एक दिवसीय जागरूकता शिविर

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Below Post Ad


ADD


 

ads