अधिकारीयों की रेकी करने वाले 4 आरोपी गिरफ्तार
BY, Rahul Sahajwani
यमुनानगर | NEWS - हरियाणा के जिला यमुनानगर में सीएम फ्लाइंग और जगाधरी शहर थाना पुलिस टीम को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। टीम ने चार ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है जो ओवरलोड पर लगाम कसने वाले अधिकारियों की रेकी किया करते थे। इन लोगों ने जय महादेव के नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बनाया हुआ था और उसमें ट्रांसपोर्टर्स को अधिकारी के बारे में जानकारी देते थे। इन लोगों में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट भी शामिल है फिलहाल जगाधरी सिटी थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है और यह जांच चल रही है कि इस ग्रुप में और कौन-कौन लोग शामिल थे।
हरियाणा के यमुनानगर में बड़े स्तर पर खनन का काम होता है और ओवरलोडिंग का धंधा भी किसी से छुपा नहीं है। जिस पर लगाम कसने के लिए प्रशासन को ओवरलोडिंग करने वाले ट्रांसपोर्टर्स ने नाकों चने चबाने को मजबूर किया हुआ था इनके साथ मिलीभगत के आरोप में RTA विभाग के कर्मचारियों से लेकर रीजनल ट्रांसपोर्ट अधिकारी तक गिरफ्तार हो चुके थे। लेकिन शायद फिर भी इन्हें रोक पाना मुश्किल है क्योंकि यह लोग कोई ना कोई नया तरीका निकाल ही लेते हैं और ऐसे में इनके एक तरीके का पर्दाफाश सीएम फ्लाइंग और जगाधरी शहर थाना पुलिस की टीम ने किया है। गुप्त सूचना के आधार पर टीम ने छापेमारी की और डिजायर कार सवार दो लोगों को गुलाब नगर चौक के पास से गिरफ्तार किया जबकि उनका एक साथ ही वहां से एक गाड़ी में रफूचक्कर हो गया जिसके बाद उसे भी काबू कर लिया गया और इस ग्रुप को चलाने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट को भी गिरफ्तार किया गया।
पुलिस अधिकारी जनक राज ने बताया कि यह लोग व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर ट्रांसपोर्टर्स को RTA विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की जानकारी दिया करते थे। गुलाब नगर चौक के पास ही RTA अधिकारी का आवास भी है, जिसके चलते यह वही आसपास घूमा करते थे। उनके मोबाइल से अभी तक यही पता चल पाया कि यह कई महीनों से इस काम को अंजाम देने में लगे हुए थे वही रेकी करने के लिए इन्हें 1500 से 2000 तक मिलते थे।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इनमें लाकड़ गांव निवासी सागर और आजाद, यूपी के सरसावा का आशीष और यमुनानगर निवासी रवि भाटिया को काबू किया है। पुलिस का कहना है कि फिलहाल इनके मोबाइल जप्त कर लिए गए हैं। मोबाइल में यह जानकारी जुटाई जाएगी कि आखिर इनके साथ ग्रुप में कौन-कौन जुड़े हुए थे जो अधिकारियों की रेकी करते और करवाते थे। जिसके बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वही बात करें तो यह कोई नई घटना या नहीं बात नहीं है इससे पहले भी व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए इसी तरीके से अधिकारियों की रेकी होती थी। अब सवाल उठता है कि आखिर प्रशासन इन्हें किस तरीके से काबू करेगा।
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