अभिभावकों को भी यह समझने की जरूरत है कि शिक्षक को केवल शिक्षा देने वाले तक की सीमित न रखे बल्कि उसे वह अधिकार भी दे जो एक माता पिता अपने बच्चे को एक अच्छा व सफल इंसान बनाने के लिए प्रयोग करना चाहता है !
रादौर, डिजिटल डेक्स।। बच्चे जब अपनी शिक्षा पूरी कर स्कूल से जाएं तो वह केवल अपने साथ किताबी शिक्षा ही लेकर न जाए बल्कि मानवीय मूल्यों से परिपूर्ण शिक्षा अगर छात्र ले पाया है तो ही सही मायनों में शिक्षक की मेहनत साकार हो सकी है। यही प्रयास लायंस क्लब की ओर से इस प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन कर किया जा रहा है।
समाज सेवा के कार्यो के साथ साथ अब लायंस क्लब की ओर से देश को एक बेहतर नागरिक देने की जिम्मेंदारी ली गई है। जिसे पूरा करने के लिए क्लब का हर सदस्य लगातार प्रयासरत होकर कार्य कर रहा है। यह शब्द लायंस क्लब के डीजी विरेंद्र मेहता ने कहे।
वह इंडियन पब्लिक स्कूल में लायंस क्लब की ओर से आयोजित किए गए दो दिवसीय लायंस क्वेस्ट टीचर टे्रनिंग वर्कशाप के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि पहुंचे थे। दूसरे दिन कार्यक्रम की कोर्डिनेटर सीए श्वेताकिंनी भी मुख्य वक्ता के तौर पर कार्यक्रम में मौजूद रही।
क्लब के अध्यक्ष तरूण चावला व प्रौजेक्ट चेयरमैन सुरेंद्र ढांडा की देखरेख में आयोजित की गई दो दिवसीय कार्यशाला का विधिवत समापन हो गया। इस अवसर पर मुख्यातिथि विरेंद्र मेहता ने प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले स्कूल के करीब 30 अध्यापकों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
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विरेंद्र मेहता ने कहा कि आधुनिकता के दौर व सोशल मीडिय़ा की गिरफ्त में आकर बच्चों में मानवीय मूल्य कम होते जा रहे है। जिससे बच्चे अपनी संस्कृति व संस्कारो से दूर हो रहे है। लेकिन अगर स्कूलों में यह प्रयास किया जाए तो संस्कृति व संस्कार दोनों को बचाया जा सकता है और छात्रों को एक बेहतर नागरिक बनाया जा सकता है।
एक शिक्षक का यह कत्र्तव्य है कि वह बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा देने के साथ साथ उसे मानवीय मूल्यों के साथ भी जोड़े। अभिभावकों को भी यह समझने की जरूरत है कि शिक्षक को केवल शिक्षा देने वाले तक की सीमित न रखे बल्कि उसे वह अधिकार भी दे जो एक माता पिता अपने बच्चे को एक अच्छा व सफल इंसान बनाने के लिए प्रयोग करना चाहता है।
स्कूल प्रबंधक ईश मेहता ने कहा कि आनंदपूर्ण शिक्षा देने व ग्रहण करने की जरूरत आज शिक्षा के क्षेत्र में है। क्योंकि अधिकांश छात्र शिक्षा को एक बोझ की तरह समझ लेने की भूल कर देते है। लेकिन अगर शिक्षक इस कार्य को आनंदपूर्ण बनाने में समक्ष है तो वह खुद भी एक बेहतर शिक्षक बन सकता है और बच्चों को भी एक सफल व्यक्ति बनने में मदद कर सकता है।
इस अवसर पर स्कूल प्रबंधक ईश मेहता, क्लब के अध्यक्ष तरूण चावला, सचिव सुभाष सैनी, कोषाध्यक्ष संदीप सचदेवा, सुरेंद्र ढांडा, देवेंद्र सैनी, रविंद्र सैनी, राकेश कांबोज, सतीश सैनी, विपिन कांबोज, राजीव शर्मा, अजय शांडिल्य, डा. जसविंद्र सैनी, डा. शुभम सलूजा, ईशू सेठी, शालू मेहता, कुलवंत वर्मा, पम्मी खेड़की, सुखबीर सुक्खा, हर्ष मेहता इत्यादि मौजूद रहे।
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