Type Here to Get Search Results !

ad

ADD


 

𝐂𝐡𝐚𝐧𝐝𝐢𝐠𝐚𝐫𝐡 𝐍𝐞𝐰𝐬: ऑफ ग्रिड सोलर पम्प की स्थापना में हरियाणा देश में अग्रणी

Haryana has managed to save 29 crores 50 lakh units of electricity every year with the successful installation of 53,000 solar pumps across the state. Due to this, Haryana has also saved Rs 195 crore. Out of these 53,000 pumps, more than 26,000 solar pumps have been installed in districts Sirsa and Hisar only.

Haryana Chief Minister, Manohar Lal shared this while interacting with the beneficiaries of the PM-KUSUM scheme through audio conferencing here today. He said that priority for new solar pump installation will be given to the areas where the groundwater level has gone down to 100 feet. This priority will be given to the farmers who have applied for installation. Around 11000 applications have been received for the new installation, informed Manohar Lal.



चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ऑफ ग्रिड सोलर पम्प की स्थापना में हरियाणा देश में अग्रणी राज्य है। वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟎-𝟐𝟏 में 𝟏𝟓,𝟎𝟎𝟎 सोलर पम्प स्थापित कर हरियाणा देश में पहले स्थान पर रहा। 

Haryana is among the leading states in the country in the installation of off-grid solar pumps

अब तक 𝟓𝟑 हजार सोलर पम्प स्थापित किए गए हैं। यह संख्या पीएम-कुसुम योजना के तहत निर्धारित लक्ष्य 𝟓𝟎 हजार ऑफ ग्रिड सोलर पम्प से भी अधिक है। प्रदेश में स्थापित 𝟓𝟑 हजार सोलर पम्पस से हर साल 𝟐𝟗 करोड़ 𝟓𝟎 लाख यूनिट बिजली की बचत हो रही है। 

इससे प्रदेश को 𝟏𝟗𝟓 करोड़ रुपये की बचत हुई है। इन 𝟓𝟑 हजार पंप में से जिला सिरसा और हिसार में 𝟐𝟔 हजार से अधिक सोलर पंप लगे हैं।

उन्होंने कहा कि वर्ष 𝟐𝟎𝟏𝟒 में जब हमने जनसेवा का दायित्व संभाला तो राज्य में केवल 𝟒𝟗𝟐 सोलर पंप थे। उसके बाद हमने सोलर पंप लगाने के लिए भरसक प्रयास किए। इस वित्त वर्ष के लिए भी 𝟕𝟎,𝟎𝟎𝟎 सौर पंपों की स्थापना करने का लक्ष्य रखा है।

मुख्यमंत्री आज यहां ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीएम-कुसुम योजना के लाभार्थियों से सीधा संवाद कर रहे थे।

संवाद के दौरान लाभार्थियों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सिंचाई की जरूरतों की पूरा करने के लिए सरकार ने सोलर पंप देकर किसानों को बहुत बड़ा लाभ दिया है। इस योजना में सब्सिडी देकर किसानों को आर्थिक मदद तो मिली ही है, साथ ही कम पानी में अधिक पैदावार मिल रही है। यह बहुत अच्छी योजना है।

सोनीपत से जुड़े एक लाभार्थी अमित ने कहा कि हमें विश्वास नहीं हो रहा है कि राज्य के मुख्यमंत्री हमसे बात कर रहे हैं और हमारी समस्याएं सुन रहे हैं। एक अन्य लाभार्थी अशोक कुमार, निवासी झज्जर ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चला रही है।

किसानों को इनसे बहुत लाभ हो रहा है। लेकिन फिर भी कुछ लोग किसानों को बहका रहे हैं। एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि शुक्रवार से जब से यह संदेश मिला है कि मुख्यमंत्री जी बात करेंगे, मैं तो कल से ही आपसे बात करने के लिए इंतजार कर रहा हूं।

मनोहर लाल ने लाभार्थियों से अनुरोध किया कि वे अन्य किसान भाईयों को भी इस योजना के बारे में बताएं और उन्हें सौर पंप लगवाने के लिए प्रेरित करें। इसके लिए पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

सोलर पंप की शिफ्टिंग के लिए बनाई जाएगी योजना

संवाद के दौरान लाभार्थियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि पंप शिफ्ट करने के दौरान गारंटी/वारंटी खत्म हो जाती है, जिससे कठिनाई आ रही है। इस पर मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वासन दिया कि प्रदेशभर में सोलर पंप की शिफ्टिंग के लिए कंपनी से बातचीत करके एक योजना तैयार की जाएगी, ताकि सोलर पंप सिस्टम की गारंटी/वारंटी कवर जारी रहे। अभी सोलर पंप सिस्टम पर 5 साल की गारंटी मिलती है।

नए सोलर पंप के लिए पहली प्राथमिकता उस क्षेत्र को दी जाएगी, जहां भू जल 100 फुट से गहरा है

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 𝟑 एच.पी. से 𝟏𝟎 एच.पी. क्षमता के सौर पंपों को लगाने के लिए 𝟕𝟓 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। अभी तक 𝟗𝟔𝟎 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने आवेदन किए हुए हैं ऐसे 𝟏𝟏 हजार और सोलर पंप लगाए जाने हैं। 

पहली प्राथमिकता उस क्षेत्र को दी जाएगी, जहां भू जल 𝟏𝟎𝟎 फुट से गहरा है। इनके अलावा, घरों की छत पर सोलर रूफटॉप कार्यक्रम के तहत सौर ऊर्जा सिस्टम लगवाने पर 𝟐𝟎 प्रतिशत से 𝟒𝟎 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा का उपयोग न केवल ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम है, बल्कि इससे कृषि लागत को कम कर किसानों की आय बढ़ाने में भी मदद मिल रही है। प्राकृतिक ऊर्जा स्रोतों जैसे पेट्रोलियम, कोयला आदि जैव ऊर्जा स्रोतों के संरक्षण के लिए प्रधानमंत्री ने ग्रीन ऊर्जा अभियान चलाया हुआ है।

प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का रखा लक्ष्य

मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 𝟑𝟎 नवंबर, 𝟐𝟎𝟏𝟓 को पेरिस में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक साझा मंच बनाने की अपील की थी।

परिणामस्वरूप इंटरनेशनल सोलर अलायंस (आईएसए) का गठन किया गया, जिसका मुख्यालय गुरुग्राम में स्थित है। प्रधानमंत्री के प्रयासों से इस समय भारत विश्व में सौर ऊर्जा से उत्पादन में छठे स्थान पर है। उनके दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने वर्ष 𝟐𝟎𝟑𝟎 तक 𝟓𝟎𝟎 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है।

नवीकरणीय ऊर्जा समय की मांग

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से जूझ रही है, इसलिए नवीकरणीय ऊर्जा समय की मांग बन चुकी है। ऐसे में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और पन ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग करने पर बल देने की जरूरत है ताकि कोयला, डीजल और पेट्रोल की अत्यधिक खपत से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को रोका जा सके। आज देश में ऊर्जा संकट को हल करने में सौर ऊर्जा एक क्रांतिकारी कदम साबित हो रहा है।

जल संरक्षण की दिशा में भी कदम बढ़ाएं किसान

मुख्यमंत्री ने किसानों से आग्रह किया कि वे सौर ऊर्जा के साथ-साथ जल संरक्षण के लिए भी काम करें। कम से कम पानी में अधिकतम खेती करना वक्त की मांग है। 

इसलिए अधिक पानी में उगने वाली धान जैसी फसल के स्थान पर कम पानी से उगने वाली फसल को बढ़ावा देने के लिए मेरा पानी मेरी विरासत ' योजना चलाई है। इसमें आपको प्रति एकड़ 𝟕 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसके अलावा, डीएसआर पद्धति से धान की बिजाई से भी पानी की बचत होती है।

उन्होंने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई के लिए किसान अपने खेत में ही तालाब बनाकर उसमें जल का संग्रह कर सकते हैं। यदि एक किसान खेत में तालाब बनाता है तो उसे 𝟕𝟎 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है और यदि कई किसान मिलकर तालाब बनाते हैं तो उन्हें 𝟖𝟓 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है।

इस अवसर पर ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए के सिंह, मुख्यमंत्री के ओएसडी सुधांशु गौतम उपस्थित थे।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Below Post Ad


ADD


 

ads