लगातार हो रही बारिश ने लोगों के आंसू बहाने पर मजबूर कर दिया है, बारिश से शहर के लगभग सभी क्षेत्रों में जलभराव हो गया है !
रादौर, डिजिटल डेक्स।। तीन दिनों से लगातार हुई भारी बरसात के बीच गांव बापा निवासी विधवा महिला कौशल्या देवी के मकान की छत ढह गई। गनीमत रही कि उस समय कमरे में कोई मौजूद नहीं था नहीं तो एक बड़ा हादसा हो सकता था। प्रभावित महिला ने प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगाई है।
कौशल्या देवी ने बताया कि उनके मकान की छत कच्ची है, जिसमें दो दिनों से हो रही बारिश के कारण कहीं कहीं रिसाव होना शुरू हो गया था।
जिस कारण परिवार के सदस्य दूसरे कमरे में सो गए। रात्रि के समय अचानक उन्हें कुछ गिरने की तेज आवाज सुनाई दी। कमरे में जाकर देखा तो कमरे की छत का कुछ हिस्सा नीचे गिर चुका था।
वही, भारी बारिश गांव लक्सीबांस के लोगों के लिए भी मुसीबत बन गई है। तीन दिनों से गांव की गलियां पानी लबालब भरा हुआ है। दर्जनों घरों में भी पानी जमा हो गया है। लेकिन निकासी की उचित व्यवस्था न होने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
वही, भारी बारिश गांव लक्सीबांस के लोगों के लिए भी मुसीबत बन गई है। तीन दिनों से गांव की गलियां पानी लबालब भरा हुआ है। दर्जनों घरों में भी पानी जमा हो गया है। लेकिन निकासी की उचित व्यवस्था न होने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
गलियों व घरों में पानी जमा होने से लोग घरों में कैद हो गए है। लोगों का कहना है कि न समस्या को लेकर न तो पंचायत और न ही स्थानीय प्रशासन ने अभी तक कोई सकारात्मक कदम उठाया है। जिससे ग्रामीणों में भारी रोष है।
ग्रामीण सोहनलाल वाल्मिकी, पृथ्वीसिंह, मानसिंह, दरबारा राम, सुनील कुमार, कर्मसिंह, अमर सिंह, रामपाल, धर्मपाल, जितेंद्र कुमार इत्यादि ने बताया कि उनके गांव में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था नहीं हे।
जिस कारण पिछले दो दिनों से हो रही बारिश के कारण गांव की गलियों में बरसात का पानी जमा हो गया। नालियों का गंदा पानी लोगो के घरों में भी घुस चुका है। स्थिति ऐसी हो गई है कि न तो ग्रामीण घर से बाहर निकल पा रहे है और न ही घरों में रह पा रहे है। जिससे ग्रामीण परेशान है।
समस्या को लेकर वह पंचायत व प्रशासन से समाधान की गुहार लगा चुके है लेकिन कोई भी उनकी समस्या का समाधान नहीं कर रहा है। लोगों के घरों में रखा सामान भी खराब हो रहा है। गंदे पानी के कारण लोगों का घर में रहना भी दूभर हो गया है।
लेकिन मजबूरी में पानी के बीच ही जीवन बसर करना पड़ रहा है। स्थिति यही रही तो गांव में बिमारी फैलने का भी डर है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि उनकी समस्या का जल्द से जल्द समाधान करवाया जाए।
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