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𝐑𝐨𝐡𝐭𝐚𝐤 𝐍𝐞𝐰𝐬: 200 रुपये किलो बिकने वाला टमाटर वही है जो किसान से 2 रुपये किलो में खरीदा गया– दीपेन्द्र

बिजली के बढ़ते बिल और स्कूल की बढती फीस रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गयी है, जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों की चांदी हो गयी है और सरकार हाथ पर हाथ रखकर बैठी है– दीपेन्द्र हुड्डा



रोहतक, डिजिटल डेक्स।। सांसद दीपेंद्र हुड्डा आज कलानौर हलके के गांव कबूलपुर में ग्राम पंचायत द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा राज में महंगाई हर रोज़ नया रिकॉर्ड बनाती जा रही है। 

आम आदमी की थाली से धीरे-धीरे खाने का सब सामान गायब हो रहा है। दाल, आटा, तेल, दूध, टमाटर, मिर्ची, अदरक, मसाले सबके दाम आसमान छू रहे हैं। बिजली के बढ़ते बिल और स्कूल की बढती फीस रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गयी है। 

आम गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों का घर चलाना मुश्किल हो गया है। गरीब आदमी टमाटर की चटनी बनाकर खा लेता था लेकिन टमाटर अब पेट्रोल से भी महंगा हो गया है। जो टमाटर किसान से 𝟐 रुपये किलो भी कोई खरीदने को तैयार नहीं होता था और किसान को दुखी होकर अपना टमाटर सड़कों पर फेंकना पड़ता था। 

वो आज कहीं 𝟐𝟎𝟎 तो कहीं-कहीं 𝟑𝟎𝟎 के पार बिक रहा है। 𝟐𝟎𝟎 रुपये किलो बिकने वाला टमाटर वही है जो किसान से 𝟐 रुपये किलो में खरीदा गया था। जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों की चांदी हो गयी है और सरकार हाथ पर हाथ रखकर बैठी है। 

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि जो सरकार आम लोगों के खाने की दो वक़्त की रोटी को भी महंगा कर दे उस सरकार को सत्ता में एक पल भी रहने का हक नहीं है। हुड्डा ने मांग करी कि सरकार आम जनता को महंगाई से राहत देने के लिए तुरंत जरूरी उपाय करे साथ ही आटा, दही जैसे बुनियादी सामानों से जीएसटी हटाए।

उन्होंने कहा कि सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। जिसके चलते खाने की थाली से दाल, रोटी के बाद अब सब्जी तक गायब होने के कगार पर पहुँच चुकी है। आम गरीब की रसोई में रोज़ इस्तेमाल होने वाली सारे चीजें महंगाई की भेंट चढ़ गई हैं। 

जिस सरसों तेल का तड़का लगाकर दाल का स्वाद बढ़ाते थे वो सरसों का तेल 𝟗𝟎 से दोगुना हो कर 𝟏𝟖𝟓 पार कर चुका है। अदरक ने तो ट्रिपल सेंचुरी लगा दी है, नींबू 𝟒𝟎𝟎 रुपये के पार बिक रहा है, हरी मिर्च के दाम सुनकर लोगों की आँख से आँसू निकल जा रहे हैं। 

अरहर दाल जो मार्केट में 𝟕𝟐 से 𝟕𝟓 रुपये किलो मिलती थी, आज वो 𝟏𝟔𝟎 से 𝟏𝟕𝟎 रुपये किलो के बीच मिल रही है। उड़द की दाल सिर्फ एक महीने में ही 𝟑𝟎 रुपये तक महंगी हो चुकी है। वहीं मसालों का हाल और खराब है। 

जीरा 𝟖𝟎𝟎 रुपये किलो पहुँच गया है जो पहले 𝟐𝟎𝟎-𝟐𝟓𝟎 रुपये किलो में आसानी से मिल जाता था। लाल मिर्च 𝟐𝟐𝟎-𝟐𝟓𝟎 से बढ़कर 𝟑𝟐𝟓-𝟑𝟓𝟎 हो गई है। धनिया, हल्दी, सौंफ, अजवाइन, काली मिर्च समेत सारे जरूरी मसालों के दाम अचानक से बढ़ गए हैं। जिससे आम गृहणी की रसोई का बजट ही बिगड़ गया है। 

उन्होंने बताया कि भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की रिपोर्ट से पता चलता है कि जो 𝟏𝟎 सबसे ज़रूरी चीजें हैं जिनमें - दाल, चावल, आटा, मसाले, सब्जियां, चायप‍त्ती, आलू, प्याज़, टमाटर शामिल हैं, उसमें से 𝟗 चीजों के दाम आसमान पर पहुँच चुके हैं।

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि बढ़ती महंगाई के लिए बीजेपी सरकार की गलत आर्थिक नीतियाँ जिम्मेदार हैं। यूपीए सरकार के समय जब गैस का सिलेंडर 𝟑𝟓𝟎 रुपये हुआ तो भाजपा नेता सर पर सिलेंडर रखकर प्रदर्शन करते थे, अब सिलेंडर का दाम 𝟏𝟏𝟎𝟎 रुपये के पार चला गया है तो भाजपा नेताओं की बोलती क्यों बंद हो गयी। 

उन्होंने कहा कि सरकार आसमान छूती महंगाई से कराह रही जनता को राहत देने की बजाय पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस और अन्य उपभोक्ता वस्तुओं पर टैक्स का बोझ बढ़ाते जा रही है।

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