करनाल प्रदेश का पहला शहर बना
-स्मार्ट शिक्षा परियोजना, 9 स्कूलों में 53 क्लास रूम मनाए गए
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इस विद्यालय में स्मार्ट क्लास की सुविधा से स्कूल को अपगे्रड किया गया है। अब इसे मॉडल संस्कृति स्कूल बनाया जाएगा जिसके लिए यह डिजर्व भी करता है, जल्द ही इसकी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी करनाल में अनेक परियोजनाओं पर काम चल रहा है, कई मुकम्मल भी हुई हैं। स्मार्ट शिक्षा परियोजना भी इनमें से एक है। इसके तहत शहर के 9 स्कूलों में 53 क्लास रूम मनाए गए हैं और सभी में स्मार्ट क्लास की सुविधाएं आज से लाईव हो गई हैं। स्कूलों में स्मार्ट क्लास के साथ-साथ बाला यानि बिल्डिंग एज लर्निंग एड के तहत कमरों की दीवारों पर विज्ञान व गणित जैसे विषयों के मॉडल बनाए गए हैं ताकि विद्यार्थी इन्हें देखकर सीख सकें।
-8 स्टैम लैब व इतनी ही रॉबोटिक लैब भी बनाई
बता दें कि स्मार्ट क्लासों में इंटरएक्टिव डिस्पले के साथ स्मार्ट फीचर होंगे जिसके लिए 55 ईंच की बड़ी स्क्रीन लगाई गई है। हर ऐसे रूम में दो-दो कैमरे व एक-एक कम्पयूटर भी दिया गया है। इसके साथ-साथ आठ स्टैम लैब व इतनी ही रॉबोटिक लैब भी बनाई गई हैं। स्टैम लैब में विद्यार्थी आधुनिक शिक्षा उपकरणों से प्रैक्टिकल करेंगे जबकि रॉबोटिक लैब में किसी भी चीज का मॉडल बना सकेंगे। प्रत्येक स्मार्ट क्लास रूम के प्रवेश पर विद्यार्थियों की हाजरी के लिए एक मशीन रहेगी जिमसें बॉयोमैट्रिक, फेस डिटैक्शन, कार्ड रीडर यानि तीन तरीकों से हाजरी लगाए जाने का प्रावधान है। इन सबके अतिरिक्त प्रिंसिपल रूम में हर क्लास रूम की मॉनिटरिंग की व्यवस्था रहेगी जिससे प्राचार्य बैठे-बैठे स्क्रीन पर क्लास की हर गतिविधि को देख सकेंगे। प्रदेश के एकमात्र शहर करनाल में स्मार्ट शिक्षा परियोजना पर 3 करोड़ 67 लाख रुपये की राशि खर्च की गई है।
-मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से पूछे इतिहास के सवाल
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विद्यालय में स्मार्ट शिक्षा परियोजना का उद्घाटन करने के बाद इसके परिसर में ही मैथेमेटिकल पार्क को घूमकर देखा। इस पार्क में ज्योमैट्री के सभी कांसैप्ट को थ्रीडी शेप्स में बनाया गया है ताकि बच्चा एक्सपीरियंसल लर्निंग यानि खेल-खेल में ही सीख सके। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने एक स्मार्ट क्लास रूम में जाकर, विद्यार्थियों को स्मार्ट तरीके से करवाई जा रही पढ़ाई को देखा। उन्होंने उपस्थित बच्चों से पुरानी व आधुनिक पद्धति की पढ़ाई में क्या अंतर है, इसे लेकर संवाद किया और विद्यार्थियों को इतिहास के सवाल भी पूछे। उन्होंने इंटरएक्टिव डिस्पले स्क्रीन पर विद्यार्थियों व अध्यापकों को स्मार्ट कक्षाओं की बधाई के साथ-साथ अपनी शुभकामनाएं भी दर्ज की।
-रॉबोटिक लैब को देखा मुख्यमंत्री ने
स्मार्ट क्लास रूम
के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्टैम लैब में जाकर विद्यार्थियों द्वारा सिलेबस
से जुड़े प्रैक्टिकल करने के लिए आधुनिक उपकरणों का अवलोकन किया। रॉबोटिक लैब को
भी देखा। इसके बाद उन्होंने प्राचार्य रूम में जाकर जलपान लिया और स्कूल के विकास
को लेकर चर्चा की, जिसमें उन्होंने कहा कि अब यह विद्यालय
मॉडल संस्कृति के रूप में विकसित किया जाएगा।