कृषि का बजट घटाकर किसानों की आमदनी दोगुनी कैसे होगी
इस स्पीड से देश के किसान की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य कैसे हासिल होगा? उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को कुचलने व बदनाम करने के सारे सरकारी हथकंडे विफल हो चुके हैं। यह आंदोलन पहले से ज्यादा बड़ा और मजबूत हुआ है। सरकार आंदोलनकारियों की बिजली-पानी सप्लाई व इंटरनेट बंद करने की ओछी हरकत ना करे। प्रशासन आंदोलनकारियो को हर जरूरी मानवीय सुविधा मुहैया करवाए, ये उसकी जिम्मेदारी है।
उन्होंने आगे कहा
कि शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानो की मांगे मानकर समाधान निकालने की बजाय सरकार
निरंकुश सत्ताबल की जोर-आजमाइश कर रही है जो कतई बर्दाश्त नही होगी। इतना ही नहीं,
सत्ताधारी दल किसान और किसान आन्दोलन को बदनाम
करने के लिए एडी-चोटी का जोर लगाये हुए है। उन्होंने सरकार से संवेदनशील ढंग से
आन्दोलन ख़त्म करवाने की दिशा में पहल करने की मांग की।
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर आदि धरनास्थलों पर बिजली-पानी की व्यवस्था को बाधित करने की ख़बरें आ रही हैं। आंदोलनरत किसानों की बिजली-पानी काटना, सड़कें खोदना, किसानों की राह में लोहे की मोटी-मोटी कीलें बिछाना, कंटीले तारों से बाड़बंदी करना, बदनाम कर झूठे व संगीन मुकदमे दर्ज करना प्रजातंत्र में जायज नहीं है। सरकार छोटे मन और ऐसे ओछे हथकंडों से नहीं बल्कि अन्नदाता का दिल जीतकर समाधान निकाले।