कोविड-19 महामारी को देखते हुए सभी नए बंदियों को रेपिड एंटीजन टेस्ट किया जाता है और उन्हें अन्य कैदियों से अलग सेल में रखा जाता है.
कोविड-19 महामारी को देखते हुए सभी नए बंदियों को
रेपिड एंटीजन टेस्ट किया जाता है और उन्हें अन्य कैदियों से अलग सेल में रखा जाता
है। इन बंदियों की रेपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद इन्हें कोरोना वार्ड
में भेज दिया जाता है एक सप्ताह बाद इन बंदियों आरटी-पीसीआर टेस्ट लिए जाते है और
दो से तीन दिन में इनकी रिपोर्ट नेगटिव आने पर सामान्य बैरक में स्थानातंरित कर
दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि जिला कारागार द्वारा कैदियों के आत्मसमर्पण को लेकर सभी 6 चरणों की प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। इस दौरान सीजेएम ने सामान्य क्वारांटाईन वार्ड का भी निरीक्षण किया। इस सामान्य क्वारांटाईन में नए भर्ती जेल कैदियों को आईसोलेट किया जाता है।
इस दौरान सीजेएम ने सामाजिक
दूरी के नियमों के तहत जेल बंदियों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को जाना। जिला
कारागार के डाक्टर संदीप सैनी ने कहा कि कैदियों में हेपेटाईटिस बी की स्क्रीनिंग
के लिए टीका लगाया जा रहा है जेल के 489 कैदियों को टीका लगाया जा चुका है।