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Radaur- ऑनलाइन पढ़ाई छात्रों के लिए वरदान : डॉ रमेश कुमार

ऑनलाइन सम्मेलन: विभिन्न क्षेत्रों से आए 1400 से अधिक अध्यापकों ने पंजीकरण किया इनमें 120 प्रधानाचार्य ने भाग लिया.  

  

रादौर। जेएमआईटी (JMIT College of Engineering Radaur)  इंजीनियरिंग कॉलेज के तत्वाधान में शिक्षा में चुनौतियों को लेकर ऑनलाइन सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमे विभिन्न क्षेत्रों से आए 1400 से अधिक अध्यापकों ने पंजीकरण किया इनमें 120 प्रधानाचार्य थे।

कार्यक्रम में आसपास के क्षेत्रों के नामी स्कूलों से वक्ताओं को आमंत्रित किया गया। स्वागत भाषण में बोलते हुए कॉलेज के मुख्य सचिव डॉ रमेश कुमार ने इस विषय पर कहा कि मौजूदा शिक्षा का स्तर और प्रकार बिल्कुल रूपांतरित हो गया है। मार्च 2020 के बाद इस क्षेत्र ने नई चुनौतियां तथा उनसे उपजे नए अवसरों का विस्तृत रूप से विकास हुआ है।

इस स्थिति में छात्रों की पढ़ाई के लिए ऑनलाइन शिक्षा एक वरदान बनी है। इसके माध्यम से तमाम छात्रों को अपनी पढ़ाई में सहायता मिली है।ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से शिक्षक के द्वारा ली गई क्लास को रिकॉर्ड किया जा सकता है। जिससे कक्षा के पश्चात विद्यार्थी रिकॉर्डिंग को पुनः सुन सकते हैं और किसी भी शंका को दूसरी क्लास में पूछ सकते हैं। 

संस्थान के निदेशक डॉ संजीव गर्ग ने कहां ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली के जरिए समय और धन दोनों की बचत हो जाती है और विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के द्वारा ऑनलाइन शिक्षा का प्रमाण पत्र भी दिया जाता है। जिससे छात्र रोजगार पाने में सक्षम होते हैं। परंतु जो शिक्षा क्लास में गुरु के सामने बैठकर अर्जित की जाती है उसका आज भी कोई विकल्प नहीं है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद की संयुक्त सचिव धारिणी अरुण ने कहा वर्तमान युग में मनुष्य एक सफल तकनीकी युग में प्रवेश कर चुका है। इसी के अंतर्गत शिक्षा के क्षेत्र में भी विभिन्न तकनीकी उपकरणों की मदद से शिक्षा प्रदान की जाने लगी है। इंटरनेट के प्रयोग बढ़ने के साथ ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली को भी नए आयाम मिलने लगे। 

प्राध्यापक शशि भाटला ने बताया ऑनलाइन स्टडी को सरल शब्दों में इंटरनेट आधारित शिक्षा व्यवस्था कहां जा सकता है। कोरोना के चलते भारत समेत कई देशों में ऑनलाइन शिक्षा को प्रोत्साहन दिया गया। महामारी के इस दौर में डिजिटल शिक्षा को लोकप्रिय बनाने के लिए हमारे शिक्षकों और सरकारों का भी बड़ा योगदान रहा है और कई विद्यालयों ने नियमित रूप से अपने गुरुजनों की शिक्षण गतिविधियों को बच्चों तक वर्चुअल रूप में पहुंचाना शुरू किया है। इससे छात्रों के लिए घर बैठकर विद्या अध्ययन में सहायता मिली है।



 

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