अब नहर में डूबे लोगों को तलाशने में नहीं फूलेंगी गोताखोरों की सांस
- नगर निगम गोताखोरों के लिए खरीदेगा डाइविंग सेट और ब्रीदिंग एयर कंप्रेसर किट- किट न होने से गोताखोरों को नहर में डूबे लोगों की तलाश करने में आती थी दिक्कत
- नहर की गहराई तक नहीं कर पाते है डूबे लोगों की तलाश
Report By : Rahul Sahajwani
CITY LIFE HARYANA | यमुनानगर : नहर व नदी में डूबे लोगों को तलाशने में अब निगम के गोताखोरों की सांस नहीं फूलेंगी। न ही कुरुक्षेत्र से ऑक्सीजन किट से लैस गोताखोरों की बुलाने की जरूरत पड़ेगी। न ही गोताखोरों का रस्सी व डंडों का सहारा लेना पड़ेगी। इसके लिए नगर निगम जल्द ही गोताखोरों के लिए डाइविंग सेट व ब्रीदिंग एयर कंप्रेसर किट खरीदेगा। इस किट को लगाकर गोताखोरों की पानी में सांस नहीं फूलेंगी और वे नहर में डूबे लोगों की गहराई तक तलाश कर सकेंगे। इसके लिए नगर निगम की ओर से 7.80 लाख रुपये का टेंडर जारी किया गया है। टेंडर लगते ही गोताखोरों को यह सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इससे पश्चिमी यमुना नहर, यमुना नदी व अन्य नहरों में डूबे लोगों को बचाने में आसानी होगी।
बता दें कि शहर के पास से निकल रही पश्चिमी यमुना नहर में हर साल 50 से अधिक लोगों की डूबने से मौत हो जाती है। गर्मी से राहत के लिए अधिकतर युवां नहर में नहाने जाते हैं और डूब जाते है। नहर में डूबने के मामले गर्मी में सीजन में अप्रैल से अगस्त के बीच ज्यादा होते हैं। नहर में डूबे लोगों की तलाश के लिए निगम के गोताखोर अमर सिंह व उनकी टीम तैनात है। लेकिन इनके पास पर्याप्त संसाधन नहीं है। न तो इनके पास ऑक्सीजन किट है और न ही अन्य संसाधन। बिना संसाधन जान जोखिम में डाल गोताखोर नहर में डूबे लोगों को बचाने व शवों को बाहर निकालते है। डाइविंग सेट व ब्रीदिंग एयर कंप्रेसर किट न होने से गोताखोर अधिक देरी तक पानी में रहकर डूबने वालों की तलाश नहीं कर सकते है। इसलिए नहर में डूबे लोगों के शवों की तलाश दो से तीन दिन तक चलती है। बाद में उसके शव को ही बरामद किया जाता है। लेकिन अब किट मिलने से गोताखोर गहराई तक नहर में डूबने वालों की तलाश कर उन्हें जल्द निकाल पाएंगे।
- पानी की गहराई में अधिक समय तक की जाएगी तलाश
गोताखोर बहाव वाले पानी में मुश्किल से आधे मिनट सांस रोक पाते हैं। इसके बाद सांस फूलने लगती है। यही वजह है कि नहर में डूबे लोगों को बचाना मुश्किल हो जाता है। ज्यादातर मामलों में डूबे लोगों का कई दिनों तक पता नहीं लग पाता व कईयों में शव पानी के नीचे ही बहाव के साथ आगे चले जाते हैं। गोताखोर अमर सिंह का कहना कि डाइविंग सेट व ब्रीदिंग एयर कंपरेसर हो तो पानी के नीचे गोताखोर अधिक समय रह सकेंगे। व्यक्ति के डूबने के चंद मिनट में ही गोताखोर यह किट पहन छलांग लगाएंगे, तब गोताखोर को पानी के नीचे जाने पर सांस फूलने का डर नहीं रहेगा। इससे डूबे व्यक्ति के बचने की संभावना भी बढ़ जाएगी।
नगर निगम मेयर मदन चौहान का कहना है कि नहर में डूबे लोगों की तलाश के लिए गोताखोरों काे अत्याधुनिक सुविधा से लैस किया जाएगा। इसके लिए नगर निगम की ओर से डाइविंग सेट व ब्रीदिंग एयर कंप्रेसर का टेंडर किया है। इससे डूबे लोगों को गोताखोर जल्द से जल्द तलाश कर सकेंगे और उनकी जान भी बचाई जा सकेगी।
- कुरुक्षेत्र से बुलाने पड़ते है गोताखोर
डाइविंग सेट व ब्रीदिंग एयर कंप्रेसर किट के अभाव में स्थानीय गोताखोर रस्से-डंडों के सहारे डूबे लोगों की तलाश करते हैं। क्योंकि नहर में लगातार रेत निकाले जाने से अंदर बड़े-बड़े कुंड बन चुके हैं। नहर में कई जगह अच्छे तैराक के भी डूबने की आशंका रहती है। ऐसी जगहों पर गोताखोर रस्से-डंडे के सहारे डूबों की तलाश करते हैं। इसके अलावा कई मामलों में कुरुक्षेत्र के सुविधाओं व ऑक्सीजन किट लैस गोताखोरों की टीम बुलानी पड़ती है। जो नहर में डूबे लोगों की गहराई तक तलाश करती है।