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Radaur- जंतर-मंतर पर किसान 'संसद के लिए महिला सदस्यों का एक प्रतिनिधि मंडल हुआ रवाना

जंतर मंतर पर कल फिर चलेगी 'किसान संसद - चर्चा और प्रस्‍ताव पारित करेंगे किसान


रादौर NEWS कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है और अब जंतर-मंतर पर किसान संसद की शुरुआत की गई है कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार सुबह किसान जंतर मंतर पहुंचे, किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि हम बाहर अपना मुद्दा उठा रहे हैं, विपक्ष को सदन में हमारी आवाज बनना चाहिए  दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसान प्रदर्शनकारियों द्वारा किसान संसद की शुरुआत की गई जब तक संसद का मॉनसून सत्र जारी रहेगा, वह हर रोज़ यहां पर ऐसी किसान संसद लगाएंगे  

इसी कड़ी में आज रादौर से  किसान संसद में भाग लेने के लिए भारतीय किसान यूनियन की 11 महिला सदस्यों का एक प्रतिनिधि मंडल जिला अध्यक्ष सुभाष गुर्जर के नेतृत्व में रवाना हुआ। रवानगी से पूर्व किसानों ने सरकार विरोधी नारेबाजी की और सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक कृषि कानून वापिस नहीं हो जाते तब तक किसान आंदोलन वापिस नहीं होगा। महिला सदस्यों में किरण गुर्जर, निर्मला देवी धौडग़, कमलजीत कौर, नरेंद्र कौर, रजनी राणा गोलनी, नैबो देवी, दर्शनी देवी, अमरजीत कौर, मीना देवी सलेमपुर, सलामती व सतारा शामिल है।

सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर जारी है किसान आंदोलन

रविवार को संसद नहीं तो जंतर मंतर भी खाली

जिस दिन संसद चलेगी उस दिन जुटा करेंगे किसान

किसान संगठनों का दावा, देशभर में ऐसे आयोजन

इस अवसर पर सुभाष गुर्जर ने कहा कि देश की संसद में पिछले एक सप्ताह से सरकार ने किसान के समर्थन में ना किसी दूसरे पार्टियों के लोगों की बात सुनी और ना ही तीन कृषि काले कानूनों को रद्द करने के विषय में अपनी बात रखी। किसान की आवाज को इस प्रकार आंख मूंदकर और कान बंद करके सरकार नहीं रोक सकती सकती। उन्होंने कहा कि आज देश में यह आंदोलन जन आंदोलन का रूप ले चुका है और उसी के तहत हर वर्ग समुदाय के लोग इस में भाग ले रहे हैं। पूरे देश से किसान संगठनों कि अगले 22 दिनों तक चलने वाली  इस संसद के सत्र के समक्ष अपनी बात रखेंगे। उन्होंने कहा कि महिला वर्ग जहां अपने परिवार को भलीभांति चला सकती हैं।

वही समाज की समस्याओं को भी समझ कर उठाना और नेतृत्व देना उनके लिए जरूरी बन गया है। जिस प्रकार 8 महीने से किसान परिवार विभिन्न बॉर्डर पर बैठे हैं और लगातार धरने प्रदर्शन कर रहे हैं इसके पीछे परिवार की महिलाओं की विशेष भूमिका महत्वपूर्ण रही है। अब इस सरकार को जगाने के लिए बच्चों महिलाओं और परिवार के सभी लोगों को आगे आना पड़ेगा। अब महिलाएं भी इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लेंगी। इस मौके पर कर्णबीर सलेमपुर, जिला महासचिव बजिन्द्र राणा गोलनी, सुभाष शर्मा सबीलपुर, नजीर खान, जनक पांडो इत्यादि मौजूद थे।

  


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