बम बम भोले से गूंजे शिवालय : श्रद्धा से मनाया सावन माह का पहला सोमवार, की पूजा अर्चना; मंदिरों में सुबह से ही लगा रहा भक्तों का रैला, जलाभिषेक व अन्य आयोजन हुए.
सावन
मास व पहले सोमवार के महत्त्व बारे बताते हुए स्वामी महेशाश्रम महाराज ने कहा कि
पूरा श्रावण मास जप, तप और ध्यान में लिए उत्तम होता है। लेकिन इसमें सोमवार का
विशेष महत्व है। सोमवार का दिन चंद्र ग्रह का दिन होता है और चंद्रमा के नियंत्रक
भगवान शिव है। इस दिन पूजा करने से न केवल चंद्रमा बल्कि भगवान शिव की कृपा भी
प्राप्त हो जाती है। कोई भी व्यक्ति जिसको स्वास्थ्य की समस्या हो, विवाह की
मुश्किल हो या दरिद्रता छायी हो अगर सावन के हर सोमवार को विधि पूर्वक भगवान शिव
की आराधना करता है तो तमाम समस्याओं से मुक्ति पा सकता है। सोमवार व शिव के संबंध
के कारण ही माता पार्वती ने सोलह सोमवार के व्रत किएं थे।
सावन का सोमवार संतान व
विवाह के लिए भी उत्तम माना जाता है। सावन के सोमवार को प्रात: काल स्नान के बाद
शिवालय जाना चाहिएं। शिवलिंग के समक्ष खड़े होकर शिवमंत्र का 1०8 बार जाप करना
उत्तम माना जाता है। दिन में केवल फलाहार करने के बाद शाम को फिर से भगवान शिव की
आराधना करने से मनोकामना पूर्ण होती है। शिवलिंग पर जल व बेलपत्र चढ़ाने व घी का
दीप जलाने से मनुष्य को कष्टो से मुक्ति मिलती है। इसलिए श्रावण के सोमवार को
विशेष महत्त्व है। अविवाहित युवतियों कन्याओं के लिए श्रावण के सोमवार को विशेष
महत्त्व माना जाता है। मान्यता है कि अविवाहित युवतियों के द्वारा यह व्रत करने से
सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है।