Congress general secretary Randeep Surjewala on Friday termed the Haryana government’s decision to procure 80% less Bajra than the previous year a death blow to farmers.
Referring to the state government’s reply in the Vidhan Sabha in response to a question by Congress MLA Neeraj Sharma, Surjewala said the state government has informed that it had procured about 7.76 lakh MT millet in Haryana last year.
वरिष्ठ
कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा द्वारा हरियाणा विधानसभा
में पूछे प्रश्न पर सरकार के जवाब को हवाला देते हुए बताया कि पिछले साल प्रदेश
सरकार ने हरियाणा में 7,76,909 मीट्रिक टन बाजरे की खरीद की थी, लेकिन इस साल के लिए लक्ष्य केवल डेढ़
लाख मीट्रिक टन का रखा गया है। अगर ऐसा होता है तो सवा छह लाख मीट्रिक टन बाजरा का
उत्पादन करने वाले किसान कहां जाएंगे, उनके
बाजरे को कौन खरीदेगा।
सुरजेवाला
ने कहा कि बाजरा हरियाणा के भिवानी, चरखी
दादरी, हिसार, झज्जर, महेंद्रगढ़, मेवात, पलवल, रेवाड़ी, रोहतक, सिरसा आदि जिलों में बोई जाने वाली एक
प्रमुख फसल है, जिसकी खरीद में कटौती से किसानों को
निजी हाथों में अपनी फसल ओने-पौने दामों में बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा और
उन्हें बड़ी आर्थिक चोट लगेगी।
सुरजेवाला
ने कहा कि हरियाणा में भावान्तर योजना केवल खोखली और कागजी योजना साबित हो रही है, जिससे किसानों को कोई लाभ नहीं हो रहा
है, इसलिए भावान्तर योजना का नाम लेकर
सरकार बाजरा खरीदने की जिम्मेदारी से नहीं बच सकती। अब जब किसान पिछले 9 महीने से आंदोलनरत हैं तब भी यदि
सरकार किसानों की सुनवाई नहीं कर रही है और हर रोज़ नया कुठाराघात कर रही तो इस
सरकार के असली इरादों का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। निजी कंपनियों के हाथ की
कठपुतली बन चुकी भाजपा-जजपा सरकार किसान व किसानी को समाप्त करने पर तुली है।
He said Bhavantar Yojana in Haryana has proved to be just a hollow and paper scheme due to which farmers are not getting any relief so the government cannot escape its responsibility of procuring millet production in the guise of Bhavantar Yojana. The extent of the government’s insensitivity has reached such a point that this time they have curtailed the government procurement of millet to just 20%, he added.
सुरजेवाला
ने कहा कि अहंकार में चूर सरकार बार-बार किसानों के खिलाफ नए-नए कानून बना रही है।
पहले तीन काले कृषि कानून लाए गए, यह
अभी लागू भी नहीं हुए कि सरकार ने अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया है। सरकार की
संवेदनहीनता की हद यह हो गयी है कि इस बार सरकार ने बाजरे की सरकारी खरीद को भी
केवल 20 प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने याद
दिलाया की हरियाणा सरकार किसानों को बाजरे की खेती नहीं करने पर चार हजार रुपये
प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि देने की औपचारिक घोषणा कर चुकी है, जिससे सरकार द्वारा बाजरा खरीद नहीं
करने के इरादों का पता चलता है।
सुरजेवाला
ने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसान हितों के मुद्दे पर किसानों के साथ खड़ी है और
बाजरा खरीद मामले में भी किसानों के हर संघर्ष में पूरा सहयोग किया जाएगा।