भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी के पिता रामपाल ने कहा :- शाहबाद पहुंचने पर खिलाडिय़ों का किया जाएगा जोरदार स्वागत, सरकार ने बेटियों को 50-50 लाख रुपए देने की घोषणा..
नवजोत के पिता
सतनाम सिंह और नवनीत के पिता बूटा सिंह ने भी महिला हॉकी के खेल की जमकर प्रशंसा
की और कहा कि जिस तरह से बेटियों ने इस मैच में पसीना बहाया वह सराहनीय है।
खिलाडिय़ों के परिजनों ने कहा कि इन बेटियों का शाहाबाद में उसी तरह से किया जाएगा
जिस तरह से मैडल जीतने पर किया जाता है। परिजनों ने कहा कि 10 अगस्त को बेटियां वापिस आ जाएंगी और उनके
साथ-साथ पूरा शाहाबाद व हरियाणा उनके स्वागत के लिए तैयार है। कप्तान रानी के पिता
रामपाल ने कहा कि शुक्रवार को मैच देखने के लिए वह सुबह 5 बजे उठ गये थे और उन्होंने अपने परिवार
के साथ घर में बने मंदिर में मात्था टेक कर टीम के अच्छे प्रदर्शन की कामना की।
रामपाल ने कहा कि हालांकि वह हार्ट पेशेेंट है और जब मैच के शुरूआती दौर में जब भारतीय टीम पर दो गोल हुए तो दिल की धडक़न बढ़ती-घटती रही लेकिन उन्होंने मैच पूरा देखा। बेटियों का खेल इतना रोमांचक था कि वह भी क्षण टीवी स्क्रीन से दूर नहीं हुए। उनके मन में रानी को प्लेयर बनाने का जुनून था और गरीबी का पहाड़ भी था। लेकिन उनके जुनून व रानी की जिद आज ओलंपिक के नये इतिहास तक पहुंची है।
जब हॉकी की शुरूआत की तो
उन्हें बहुद कुछ सुनना और झेलना पड़ा। लेकिन उन्होंने किसी की परवाह न करते हुए
अपनी बेटी के हाथ में हॉकी स्टिक थमाई। तीनों खिलाडिय़ों के परिजनों रामपाल, सतनाम सिंह और बूटा सिंह ने कहा कि
प्रदेश सरकार ने ओलंपिक में गई प्रत्येक हॉकी खिलाड़ी के लिए 50 लाख रूपए की राशि की घोषणा कर उनका
हौंसला बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि
सरकार पहले भी खिलाडियों के लिए बेहतर करती आ रही है और इससे नये खिलाडियों को भी
प्रोत्साहन मिलेगा। वहीं खिलाड़ी नवजोत कौर के घर में भी मैच को लेकर परिजनों की
सिसकियां सुनाई दी। हालांकि नवजोत कौर की माता मनजीत कौर मैच के अंतिम क्षणों में
आंसू बहाते हुए कमरे से बाहर चली गई। लेकिन बाद में नवजोत के पिता सतनाम सिंह व
माता मनजीत कौर ने अपनी बेटी से बातचीत कर उनका हौंसला बढ़ाया और उनके बेहतरीन खेल
की प्रशंसा की है।