जल्द लगवाए कोरोना की दोनों डोज़
CITY LIFE HARYANA | यमुनानगर : स्वास्थ्य मंत्री हरियाणा अनिल विज द्वारा विडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोविड-19 सिरो सर्वे के तीसरे राउंड का परिणाम घोषित किया गया जिसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य विभाग) हरियाणा राजीव अरोडा, महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा डा. वीना सिंह, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा डा. ऊषा गुप्ता व सभी जिलों के सिविल सर्जन यमुनानगर विडियो कॉन्फ्रेंस के द्वारा शामिल थे। जिला यमुनानगर से सिविल सर्जन डा. विजय दहिया व डा. वागीष गुटैन जिला सर्विलेन्स अधिकारी मौजूद थे। इससे पहले स्वास्थ्य विभाग हरियाणा द्वारा सिरो सर्वे के दो राउंड पूरे किए जा चूके हैं। पहला राउंड सामुदायिक चिकित्सा विभाग और पब्लिक हेल्थ स्कूल, स्नातकोत्तर चिकित्सा षिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र चण्डीगढ़ के सहयोग द्वारा अगस्त-2020 में किया गया था, और दूसरा राउंड अक्तुबर-2020 में सामुदायिक चिकित्सा विभाग, स्नातकोत्तर चिकित्सा विज्ञान केन्द्र रोहतक के सहयोग द्वारा किया गया था, लेकिन इस दोनों राउंड में बच्चों का टेस्ट नहीं किया गया था।

डा. विजय दहिया सिविल सर्जन यमुनानगर ने बताया कि सिरो सर्वे के पहले राउंड में जिला यमुनानगर में 8.3 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी (प्रतिरोधक क्षमता) पाई गई थी और दूसरे राउंड में 28.6 प्रतिषत लोगों में एटीबॉडी (प्रतिरोधक क्षमता) पाई गई थी और तीसरे सिरो सर्वे में 72.1 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी (प्रतिरोधक क्षमता) पाई गई है। तीसरे सिरो सर्वे से पता लगाया गया कि जनता में कितने प्रतिषत लोगों में स््रक्रस्-ष्टह्रङ्क-२ के विरूद्घ एंटीबॉडी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) नैचुरल एन्फेक्षन या कोविड-19 टीकाकरण के परिणाम स्वरूप उत्पन्न हुई हैं। तीसरे सिरो सर्वे में जिला यमुनानगर में 1484 लोगों के सेम्पल लिए गए थे जिसमें से 40 प्रतिशत शहरी क्षेत्र से व 60 प्रतिशत सेम्पल ग्रामीण क्षेत्र से लिए गए और 6 से 9 वर्ष के 10.4 प्रतिशत व 10 से 17 वर्ष के 28.8 प्रतिशत बच्चों को शामिल किया गया और 501 व्यक्ति ऐसे थे जिनका वैक्सीनेशन हो चूका था। उन्होंने बताया कि 1484 सेम्पल में से 72.1 प्रतिशत में एंटीबॉडी पाई गई है जिसमें से ग्रामीण क्षेत्र के 74.8 प्रतिशत व शहरी क्षेत्र के 70.3 प्रतिशत में एंटीबॉडी पाई गई हैं। सिरो सर्वे के तीसरे राउंड से पता चलता है कि ज्यादातर लोगों में कोविड-19 के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा हो गई है।
सिविल सर्जन ने आगे बताया कि ज्यादातर लोगों में एंटीबॉडी बन गई है लेकिन अभी भी ऐसे व्यक्ति जिनकी दूसरी डोज लगना अभी बाकि है, उन पर अभी भी खतरा मंडरा रहा है क्योंकि कोविड के लडने के लिए पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडी दूसरी डोज लगवाने के 14 दिन बाद बनती है और कुछ ऐसे व्यक्ति भी बाकि हैं जिन्होंने अभी वैक्सीन की पहली डोज भी नहीं लगवाई है। अत: कोविड का पूरी तरह से खातमा करने के लिए यह अति आवश्यक है कि 100 प्रतिशत लाभार्थीयों को वैक्सीन की दोनो डोज लगाई जाए। उन्होंने सभी जिला वासियों से अपील की है कि जिन लाभार्थीयों ने अभी तक कोविड वैक्सीनेशन की पहली डोज नहीं लगवाई है व जिसकी दूसरी डोज लगवानी शेष है वह जल्दी अपनी डोज लगवाएं ताकि कोविड को पूरी तरह से खत्म किया जा सके।