सांसद दीपेंद्र हुड्डा
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अर्थव्यवस्था चौपट, विकास दर गड्ढे में, महंगाई और बेरोजगारी दर आसमान पर पहुंच चुकी है। अप्रैल 𝟐𝟎𝟐𝟎 में एक लीटर सरसों के तेल की औसत कीमत 𝟏𝟏𝟕.𝟗𝟓 रुपये थी, वो आज 𝟐𝟔𝟓 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। बीते 𝟐 महीनों के अंतर पर ही सरसों तेल की खुदरा कीमत में 𝟑𝟎 रुपये की वृद्धि हुई है। सरसों तेल के अलावा अन्य खाद्य तेलों के दाम में भी साल भर में 𝟒𝟎 प्रतिशत तक की बड़ी वृद्धि हुई है। कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत एकमुश्त 𝟐𝟔𝟔 रुपये बढ़कर 𝟐𝟎𝟎𝟎 रुपये प्रति सिलेंडर के पार पहुंच गयी है। जिससे छोटी दुकान चलाने वाले दुकानदार तबाह हो रहे हैं। वहीँ घरेलु गैस के दाम इतने ज्यादा बढ़ गए हैं कि आम गृहणियां गैस पर खाना पकाने की बजाय वापस लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर हो गई हैं।
टिकरी बॉर्डर पर किसान आन्दोलन के पहले दिन से डटकर पिछले दिनों जान की कुर्बानी देने वाले किसान स्व. कर्ण सिंह के गाँव शाहपुर स्थित निवास पर पहुंचे सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने स्व. कर्ण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की और परिवार से मुलाक़ात कर शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं तथा नेता प्रतिपक्ष चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के निर्देश पर कांग्रेस विधायक दल की ओर से किसान परिवार को 𝟐 लाख रुपये की सहायता राशि सौंपी। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि अन्नदाता तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से सड़कों पर बैठे हैं। 𝟕𝟎𝟎 से ज्यादा शव इन धरनों से अपने-अपने गांवों में पहुंच चुके हैं। दुःख इस बात का है कि सरकार ने किसान को इंसान मानने से भी इनकार कर दिया। ऐसा लगता है भाजपा की सदस्यता लेने के लिये इंसानियत की सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा मुआवजा बढ़ाने की घोषणा पूरी तरह कागजी है। जमीनी हकीकत ये है कि पिछले सीजन का मुआवजा ही किसान को अब तक नहीं मिला। इस सम्बन्ध में किसानों की हज़ारों शिकायतें आज भी लंबित हैं। बीते कुछ महीनों में हुई बारिश और जलभराव से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है, जिसके मुआवजे के लिये किसान आज भी एक सरकारी दफ्तर से दूसरे दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं। मुआवजा तो दूर किसान को अगली फसल की बिजाई के लिये खाद तक दिलवा पाने में सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। इस सरकार की नजर सबसे ज्यादा किसानों पर ही टेढ़ी हुई है। हरियाणा बनने के बाद से इतनी असंवेदनशील सरकार किसी ने नहीं देखी, जिसे आम लोगों की तकलीफों से कोई लेना-देना नहीं है। आज हर वर्ग सरकार की नीतियों व उसकी कार्यशैली से त्रस्त है। सत्ता में बैठे लोग लगातार गैर-ज़िम्मेदाराना बयानबाजी करके महंगाई, बेरोज़गारी, कृषि संकट जैसे मुद्दों से आम लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश में लगे हैं।
इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश, पूर्व मंत्री एवं विधायक गीता भुक्कल, विधायक धर्म सिंह छोक्कर, विधायक सुभाष देसवाल, पूर्व विधायक प्रहलाद गिल्लाखेड़ा, पूर्व विधायक नरेश सेलवाल, पूर्व विधायक सुल्तान सिंह जड़ोला, पृथि चोपड़ा, नरेंदर श्योकंद, सतपाल श्योकंद, जयदीप धनखड़, धर्मेश पुनिया, संजीव कल्याण, प्रमोद सहवाग, बलजीत रेढू, वीरेंद्र गोगड़िया, रणधीर मोर, सत्तू ढांढा, दिनेश पार्षद, फूल सिंह, मंजीत हाठो आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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