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Radaur- एसडीएम कार्यालय का घेराव: ग्रामीणों को कार्यालय के गेट पर रोकने का प्रयास, ग्रामीण जबरन अंदर घुस गए

चिकन प्रौसेंसिग यूनिट- ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि प्रशासन की ओर से एक यूनिट से संबंधित सभी विभागों के अधिकारियों की एक कमेटी का गठन किया गया है, जो एक माह के अंदर अपनी रिर्पोट देगी..



रादौर
News
  गांव कांजनू में प्रस्तावित चिकन प्रौसेंसिग यूनिट का विरोध कर रहे ग्रामीणों ने गुरूवार को एसडीएम कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान ग्रामीणों ने सरकार व प्रशासन विरोधी नारेबाजी की। पुलिस प्रशासन की ओर से डीएसपी रजत गुलिया के नेतृत्व में ग्रामीणों को कार्यालय के गेट पर रोकने का प्रयास किया गया। लेकिन ग्रामीण जबरन अंदर घुस गए। लेकिन बाद में एसडीएम के ही कार्यालय के बाहर आने पर ग्रामीणों से बातचीत की गई। जिसमें उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि प्रशासन की ओर से एक यूनिट से संबंधित सभी विभागों के अधिकारियों की एक कमेटी का गठन किया गया है, जो एक माह के अंदर अपनी रिर्पोट देगी। जिसके सकारात्मक परिणाम आएगें। 

लेकिन ग्रामीणों ने साफ शब्दों में अधिकारियों को कहा कि कमेटी अगर इस फैक्ट्री का लाईसैंस रद्द करने का निर्णय लेती है तो ठीक है नहीं तो ग्रामीण किसी भी कीमत पर इसे गांव में लगने नहीं देगें। इस दौरान एक ज्ञापन भी एसडीएम को सौंपा गया। जिसमें फैक्ट्री का लाईसैंस रद्द करने की मांग की गई। घेराव का नेतृत्व जयप्रकाश कांजनू ने किया।

घेराव से पहले कांबोज धर्मशाला में एकत्रित हुए ग्रामीण
घेराव कार्यक्रम से पहले ग्रामीण शहीद उधमसिंह कांबोज धर्मशाला में एकत्रित हुए। जहां कांग्रेस पार्टी की ओर से रादौर विधायक डा. बीएल सैनी, मांगेराम मारूपुर, विक्रम सैनी, संदीप राणा उन्हेड़ी, बरखाराम पासंरा, संजू धौलरा, भाकियू की ओर से जिला अध्यक्ष सुभाष गुर्जर, संजू गुंदियाना, आप पार्टी की ओर से अमरपाल आर्य, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से मानसिंह आर्य, नंबरदार एसोसिएशन की ओर से शिवकुमार संधाला, महिंद्र नंबरदार, कुलदीप नंबरदार, बलराम सिंह, पंतजलि योग समिति की ओर से अमित कांबोज इत्यादि ने अपना समर्थन दिया। यहां अपने संबोधन में वक्ताओं ने सरकार व प्रशासन से इसे प्रौसेंसिग फैक्ट्री नहीं बल्कि बूचडखाना बताते हुए इसका लाईसैंस रद्द करने की मांग की। 

विधायक बीएल सैनी ने कहा कि यह समस्या अब केवल गांव कांजनू की नहीं है बल्कि पूरे जिले की समस्या बन चुकी है। यहां पशुओं की हत्या की जाएगी, जो जनभावाओ के विरूद्ध है। सरकार व प्रशासन जन भावनाओ का सम्मान करे और इसका लाइसैंस रद्द करे। 

कमल चमरोड़ी ने कहा कि प्रशासन व संचालकों के साथ तीन बैठके हो चुकी है। इस दौरान संचालक दावा कर रहे है कि वह बदबू को फैक्ट्री से बाहर नहीं आने देगें। लेकिन यह सभी जानते है कि न तो खुशबू को कैद किया जा सकता है और न ही बदबू को। जिन नेताओं ने वोट ली वह ग्रामीणों का साथ नहीं दे रहे है। ग्रामीण समय आने पर उनसे भी हिसाब मांगेगें। 

शिवकुमार संधाला ने कहा कि सरकार ग्रामीणों की परीक्षा लेना बंद करे। सरकार व प्रशासन अगर सोच रहा है कि कुछ दिनों में ग्रामीण खुद यह आंदोलन बंद कर देगें तो वह उनकी भूल है। उन्हें चाहे 6 महीने, साल या फिर दो साल के लिए आंदोलन करना पड़े वह पीछे नहीं हटेगें। यह हमारी संस्कृति से खिलवाड़ है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

इस अवसर पर जयप्रकाश कांजनू, सचिन कांजनू, अजय सिंह चौहान, हेमराज कुंजल, प्रदीप चौधरी, विपिन चमरोड़ी, विकास कांजनू, महिंद्र नंबरदार, राजेश रत्तनगढ़, जगमाल रत्तनगढ़, रणबीर रादौर, आयुष कांबोज, सुनील बरहेड़ी, अनिल दोहली, सुखबीर कौर, धर्मबीर अमलोहा इत्यादि मौजूद थे।

8 अधिकारियों की बनी कमेटी, एक माह में देगी निर्णय-एसडीएम  

एसडीएम डा. इंद्रजीत सिंह ने बताया कि प्रशासन की ओर से 8 अधिकारियों की कमेटी का गठन किया गया है। जिसमें उनके अलावा जिला पुलिस अधीक्षक, डीएसपी रादौर, तहसीलदार रादौर, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जिला नगर योजनाकार अधिकारी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र व खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग से एक अधिकारी शामिल है। इसके अलावा दोनों पक्षों से कमेटी सदस्य बातचीत करेगें। आगामी एक माह में इस पर यह कमेटी अपनी रिर्पोट देगी। वहीं मामला माननीय उच्च न्यायालय में भी विचाराधीन है। उम्मीद है कि कमेटी की रिर्पोट के बाद यह मामला सुलझ जाएगा। 










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