आयुष्मान योजना से भी वंचित पत्रकार, मीडिया का योगदान अहम..
उपरोक्त शब्द हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहें। उन्होंने कहा कि आमजन पर अपने तानाशाही फैसलों से जब तानाशाही सरकार का मन नहीं भरा तो अब पत्रकारों को भी अपने निशाने पर ले लिया है। किस प्रकार पत्रकार दिन-रात की मेहनत से हर समस्या व जानकारी के लिए जद्दोजहद करते हैं इस बात का अंदाजा कुर्सी के नशे में चूर हुए सत्ता पक्ष के लोग नहीं लगा सकते। कोरोनाकाल में भी पत्रकारों ने किस प्रकार अपनी अहम भूमिका अदा की है ये सब जानते हैं। इतना ही नहीं कोरोना काल में पत्रकारों को अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ा। लेकिन अब पत्रकारों की मान्यता का समय घटाकर गठबंधन सरकार ने साबित कर दिया कि तानाशाही सरकार किसी की हितैषी नहीं है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि कुछ समय पहले सरकार की ओर से निर्णय लिया गया था कि मान्यता प्राप्त पत्रकारो को आयुष्मान योजना का लाभ मिलेगा। आयुष्मान भारत योजना के तहत निजी और सरकारी चिकित्साल्यों में मान्यता प्राप्त पत्रकारों और उनके परिवारजनों को 5 लाख तक के मुफ्त उपचार का लाभ मिलेगा। सरकार की यह योजना तो पत्रकारों को नहीं मिल पाई बल्कि उनकी मान्यता का समय घटाकर एक और कारनामा कर दिखाया है।
कहा कि सरकार पत्रकारों को सभी पेंशन का लाभ दे और उनको सरकारी कर्मचारियों के बराबर की सभी सुविधा दी जाएं। साथ ही पूरे देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर पत्रकारों से टोल टैक्स की वसूली बंद की जानी चाहिए और उन्हें उनके परिचय पत्र दिखाने पर टोल प्लाजा पर उन्हें निशुल्क आवागमन की सुविधा दी जानी चाहिए। इसी प्रकार प्रत्येक जिला मुख्यालयों पर मान्यता प्राप्त पत्रकारों की भांति गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी आवासीय सुविधा एवं सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें वांछित सुविधाएं मिलनी चाहिए। देश व प्रदेश में इस तरह का दोहरा मानदंड अपनाए जाने से दशकों से पत्रकारिता में सक्रिय लोग स्वयं को उपेक्षित महसूस करते हैं।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि 50 वर्ष की आयु सीमा के ऊपर के सभी पत्रकारों को सरकार न्यूनतम रुपए 20000 प्रतिमाह जीवन निर्वाह भत्ता देने की व्यवस्था करें।
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