हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कुरुक्षेत्र में जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में किया राष्ट्रीय ध्वजारोहण, परेड की ली सलामी, बच्चों ने शानदार सूर्य नमस्कार का किया प्रदर्शन, झांकियों में परिवहन विभाग..
कुरुक्षेत्र: हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने गणतंत्र दिवस के पावन
पर्व पर प्रदेशवासियों को संदेश देते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस के साथ देशभक्तों के
त्याग, तप और बलिदान की एक लम्बी गौरव गाथा जुड़ी है। इस देश के वीरों, स्वतंत्रता सेनानियों
और क्रांतिकारियों के बलिदान के कारण ही आज सभी भारतवासी खुली हवा में सांस ले रहे
है, इन शूरवीरों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। इन
शूरवीरों के सपनों को साकार करने के लिए हमें देश और प्रदेश की तरक्की में योगदान
देना होगा।
शिक्षा मंत्री कंवरपाल मंगलवार को जिला
प्रशासन द्वारा नई अनाज मंडी थानेसर के प्रांगण में आयोजित जिला स्तरीय भव्य
गणतंत्र दिवस समारोह में बोल रहे थे। इससे पहले शिक्षा मंत्री कंवरपाल, विधायक सुभाष सुधा, उपायुक्त मुकुल कुमार, पुलिस अधीक्षक डॉ.
अंशु सिंगला, पूर्व विधायक भाजपा के प्रदेश महामंत्री डा. पवन सैनी, भाजपा के जिलाध्यक्ष
राजकुमार सैनी, जजपा के जिला अध्यक्ष कुलदीप जखवाला, जिला महामंत्री सुशील
राणा, बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के जिला संयोजक पवन आश्री, जजपा के वरिष्ठï नेता मायाराम ने
शहीदी स्मारक पर पुष्पचक्र भेंट कर शहीदों को नमन किया और श्रद्धांजलि अर्पित की।
इसके उपरांत शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने मुख्य कार्यक्रम स्थल नई अनाज मंडी थानेसर
के प्रांगण में राष्ट्रीय ध्वजारोहण किया और परेड का निरीक्षण कर सलामी ली। इसी
दौरान प्रशासन की तरफ से हवा में रंग-बिरंगे गुब्बारे छोड़े गए। शिक्षा मंत्री ने
प्रदेश वासियों को 73वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा
कि गणतंत्र दिवस के इस पावन पर्व पर भारत ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का
नागरिक होने का गौरव प्राप्त किया। आज से 73
वर्ष पहले 26 जनवरी 1950 को
भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा और विशेष संविधान अपनाया।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि आजादी की लड़ाई
में हरियाणा प्रदेश का भी अहम योगदान रहा है। आज भी हरियाणा के नौजवान सेना में
भर्ती होना अपनी शान समझते हैं। यही कारण है कि आज भारतीय सेना का हर दसवां जवान
हरियाणा से है। महान स्वतंत्रता सेनानियों के कठोर संघर्ष से हमें आजादी मिली तो
वहीं दिन-रात मुस्तैदी से देश की सीमाओं की निगहबानी करने वाले वीर सैनिकों के
कारण हमारी यह आजादी सुरक्षित है। आज पूरा देश उनका ऋणी है। उनके प्रति कृतज्ञता
व्यक्त करते हुए हमने युद्ध के दौरान शहीद हुए हरियाणा के सैनिकों और अर्ध-सैनिक
बलों के जवानों की अनुग्रह राशि 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50
लाख रुपये की गई है। इसी प्रकार, आईईडी ब्लास्ट में
शहीद होने पर भी अनुग्रह राशि 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50
लाख रुपये की गई है। युद्ध अथवा
आतंकवादियों से मुठभेड़ या किसी अन्य घटना के दौरान घायल हुए सैनिकों और
अर्ध-सैनिक बलों के जवानों की अनुग्रह राशि नि:शक्ता के आधार पर बढ़ाकर 35 लाख रुपये, 25 लाख
रुपये और 15 लाख रुपये की गई है। सरकार ने सैनिकों के कल्याण के लिए आठ
जिलों में एकीकृत सैनिक सदन बनाने का निर्णय लिया है। इन पर करीब 100 करोड़ रुपये की लागत
आएगी।
शिक्षा मंत्री ने केन्द्र और राज्य
सरकार की तमाम योजनाओं और उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मुख्यमंत्री
मनोहर लाल के ओजस्वी नेतृत्व में मौजूदा सरकार सुशासन से सेवा का संकल्प लेकर आई
है। लेकिन जब तक सरकारी तंत्र में आमूल-चूल परिवर्तन नहीं होगा तब तक सुशासन से
सेवा का संकल्प भी पूरा नहीं होगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में मौजूदा
सरकार सबका साथ-सबका विकास के मूलमंत्र पर प्रदेश के हर क्षेत्र का समान विकास
करवाने के लिए प्रयासरत है। राज्य सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन एवं सुशासन के पथ पर
चलते हुए कई अनूठी पहल की हैं। इनमें युवाओं को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी, कर्मचारियों का
ऑनलाइन तबादला, राशन, पेंशन, वजीफा, सब्सिडी में चल रहे फर्जीवाड़े को बंद करना आदि शामिल है।
ग्रामीण क्षेत्रों को डिजिटल बनाने के लिए ग्राम दर्शन पोर्टल पर 6197 ग्राम
पंचायतों का डिजिटल डाटा उपलब्ध है। ग्रामीणों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक
देने के लिए गांवों को लाल डोरा मुक्त किया जा रहा है। इसमें 6309 गांवों
को कवर किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले सवा 7 वर्षों में कुल 67 नए राजकीय
महाविद्यालय खोले गए हैं, जिनमें से 42 लड़कियों के लिए है। इसके अलावा प्रदेश में 29 महिला औद्योगिक
प्रशिक्षण संस्थान भी स्थापित किए गए हैं। आईटीआई में पढ़ने वाली लड़कियों को प्रतिमाह
500 रुपये वजीफा दिया जा रहा है। एक लाख 80 हजार रुपये तक की
वार्षिक आय वाले परिवारों की छात्राओं की स्नातकोत्तर तक की फीस माफ की गई है। प्रदेश में संस्कार और रोजगार से युक्त शिक्षा देने
के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जा रही है। इसे प्रदेश में वर्ष-2025 तक
पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सुविधाएं देने के लिए 113 नए संस्कृति मॉडल
स्कूल खोले गए हैं। तकनीकी संस्थानों में उद्योगों की जरूरत के अनुसार प्रशिक्षण
के लिए उद्योगों के साथ एमओयू किए गए हैं। हमारे युवा प्रतियोगी परीक्षाओं में
अग्रणी रहें, इसके लिए सुपर-100
प्रोग्राम चलाया जा रहा है। यह गर्व की
बात है कि इसके तहत कोचिंग पाने वाले विद्यार्थी आईआईटी मेन्स और नीट जैसी
राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में मेरिट में स्थान प्राप्त कर रहे है।
इस कार्यक्रम के मंच का संचालन डीआईपीआरओ
डा. नरेन्द्र सिंह व एआईपीआरओ बलराम शर्मा ने किया। इस कार्यक्रम के अंत में
उपायुक्त मुकुल कुमार ने मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री कंवरपाल को स्मृति चिन्ह भेंट
किया। इसके साथ-साथ जिला सूचना एवं जन संपर्क विभाग कुरुक्षेत्र की तरफ से मुख्य
अतिथि शिक्षा मंत्री कंवरपाल को कार्यक्रम की फोटो का स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस
मौके पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कुमार शारदा,
एडीसी अखिल पिलानी, सीजेएम दुष्यंत चौधरी, एसडीएम नरेन्द्र पाल
मलिक, नगराधीश चंद्रकांत कटारिया,
अंडर ट्रेनिंग आईएएस अधिकारी जया शारदा, डीएसपी सुभाष चंद्र, डीएसपी नरेंद्र सिंह, डीडीपीओ प्रताप सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी
अरुण आश्री, पिछड़ा वर्ग के नेता रामकुमार रम्बा, ब्लाक समिति के पूर्व
चेयरमैन देवी दयाल शर्मा, भाजपा अनुसूचित मोर्चा के जिलाध्यक्ष रामपाल पाली, भाजपा के वरिष्ठ नेता
सुरेश सैनी कुक्कू, समाजसेवी प्रदीप झाम्ब सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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