भारतीय किसान यूनियन
इस दौरान उन्होनें विनोद डांगी कांजनू को जिला सचिव की जिमेंवारी सौंपी। साथ ही किसानों के साथ 31 जनवरी के वादा खिलाफी दिवस कार्यक्रम को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि गत दिवस सिंघु बॉर्डर पर आयोजित की गई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में केंद्र सरकार की ओर से 9 दिसंबर को भेजे गए लिखित समझौते को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। चर्चा में यह सामने आया कि केंद्र सरकार समझौते को लागू करने के लिए दिलचस्पी नहीं ले रही है। जिससे किसानों में सरकार के खिलाफ असंतोष है। इसी को लेकर करीब 60 संगठनों के नेताओं ने आने वाली 31 जनवरी को देशभर के जिला मुख्यालय वादा खिलाफ दिवस मनाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय किसान यूनियन का यह आराजनीतिक संगठन है, जो पूरे देश में किसानों के मुद्दों की लड़ाई लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यमुनानगर, अंबाला व पंचकूला में हुई भारी बरसात की वजह से किसानों की फसलें नष्ट हुई है। जिसके लिए सरकार से फसलों की गिरदावरी करवाए जाने की मांग की गई है। उन्होंने सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द खास गिरदावरी करवा कर किसानों को फसल खराबे का मुआवजा दिया जाए।
कुछ किसान नेताओं के चुनाव लडऩे
पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि अभी किसान आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। बल्कि आंदोलन को
स्थगित किया गया है और ऐसी स्थिति में आंदोलन के बीच में राजनीति करने का रास्ता
चुनकर उन किसान नेताओं ने किसानों के साथ कुठाराघात किया है। जिस कारण राजनीति
करने वाले किसान नेताओं को संयुक्त किसान मोर्चा से 4 महीने के लिए बाहर
का रास्ता दिखा दिया गया है। इस अवसर पर प्रदेश प्रवक्ता सुरेंद्र सांगवान, जिला अध्यक्ष सुभाष
गुर्जर, महताब कादियान करनाल, पवन गोयल दामला, अशोक कांबोज, बाजिंद्र राणा, उदय सिंह कुंजल, गुरदयाल कांबोज, ओमप्रकाश शर्मा, मदनलाल, रघुवीर सिंह इत्यादि
मौजूद थे।
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