वीडियों कांफ्रेस के माध्यम से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दिए दिशा निर्देश..
इस अवसर पर जवाहर सैनी ने कहा कि नेताजी सुभाषचंद
बोस आजादी के नायको में अपना अहम योगदान रखते है। पूरे देश में इन दिनों आजादी का
महोत्सव कार्यक्रम मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में भाजपा ने आजादी के नायक नेताजी
सुभाष चंद बोस की जयंती को पूरे प्रदेश में गांव व वार्ड स्तर पर बनाने का लक्ष्य
निर्धारित किया है। भाजपा कार्यकर्ताओं के अलावा इन कार्यक्रमों में स्वतंत्रता
सेनानियों व सेना से जुड़े किसी भी व्यक्ति को शामिल किया जाएगा। यह पहली बार हो
रहा है कि नेताजी की जयंती पूरे प्रदेश में इस उत्साह व बड़े स्तर पर मनाई जा रही
है। जिसका उद्देश्य नेताजी की सोच को वार्ड स्तर पर हर व्यक्ति तक पहुंचाना है।
पूर्व मंत्री कर्णदेव कांबोज ने कहा कि भाजपा पार्टी ने हमेशा शहीदों व
क्रांतिकारियों का मान सम्मान किया है। क्योंकि यही वह नायक है जिनकी बदौलत आज हम
आजादी का सुख प्राप्त कर पा रहे है। इन वीरों का सम्मान करना ही उन्हें सच्ची
श्रद्धाजंलि देना है। इसलिए भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को भी इस मुहिम में शामिल
करने का निर्णय लिया है।
जीवन- काल
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा के कटक
शहर में हुआ था। उनकी माता का नाम प्रभावती दत्त बोस और पिता का नाम जानकीनाथ बोस
था। अपनी शुरुआती स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने रेवेनशॉ कॉलेजिएट स्कूल में
दाखिला लिया। उसके बाद उन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज कोलकाता में प्रवेश लिया परंतु
उनकी उग्र राष्ट्रवादी गतिविधियों के कारण उन्हें वहां से निष्कासित कर दिया गया।
अंग्रेजों की गुलामी की वजह से छोड़ दी भारतीय सिविल सेवा की नौकरी
कॉलेज से निष्कासित होने के बाद
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिये कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय चले गए। वर्ष 1919 में बोस भारतीय सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने के लिए लंदन चले गए और वहाँ उनका चयन भी
हो गया। हालांकि बोस ने सिविल सेवा से त्यागपत्र दे दिया क्योंकि उनका मानना था कि
वह अंग्रेजों के साथ कार्य नहीं कर सकते।
अंग्रेजों के खिलाफ आवाज बुलंद की
वर्ष 1930 के दशक के
मध्य में बोस ने यूरोप की यात्रा की। उन्होंने पहले शोध किया तत्पश्चात् ‘द इंडियन स्ट्रगल’ नामक पुस्तक का पहला
भाग लिखा, जिसमें उन्होंने वर्ष 1920-1934 के दौरान होने वाले देश के सभी स्वतंत्रता आंदोलनों को कवर
किया। बोस ने वर्ष 1938 (हरिपुरा) में भारतीय
राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस का अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद राष्ट्रीय योजना आयोग का
गठन किया।
अंग्रेजों खिलाफ लड़ने के लिए आजाद हिन्द फौज का गठन
द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अंग्रेजों के
खिलाफ लड़ने के लिए उन्होंने जापान के सहयोग से आजाद हिन्द फौज का गठन किया था।
उनके द्वारा दिया गया जय हिंद का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है। तुम मुझे
खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा का नारा भी उनके द्वारा दिया गया था जो अब भी हमारे
देश के युवाओं को प्रेरित करती है। भारत में लोग उन्हें 'नेता जी' के नाम से सम्बोधित करते हैं।
इस अवसर पर मेयर मदन चौहान, चेयरपर्सन रोजी मलिक
आनंद, जिला महामंत्री
कृष्ण सिंगला, मंडल अध्यक्ष हरपाल मारूपुर, हैप्पी खेड़ी, मंडल महामंत्री धनपत
सैनी, सुरेंद्र चीमा, पृथ्वीसिंह
भागूमाजरा, महिंद्र चानना, राजिंद्र सैनी, सुदेश राणा, हरपाल बकाना, राजकुमार शर्मा, ओमप्रकाश सहगल इत्यादि उपस्थित थे।
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