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Rewari- शहीद सूबेदार मेजर शमशेर सिंह चौहान की राजकीय सम्मान के साथ अन्तयेष्टि

श्रद्धांजलि



रेवाड़ी
NEWS लेह में डयूटी के दौरान बंकर में लगी आग में फंसे साथियों को बचाते हुए शहीद हुए सुबेदार मेजर शमशेर सिंह चौहान की उनके पैतृक गांव रतनथल में शुक्रवार को राजकीय सम्मान के साथ अन्तेयष्टि कर दी गई। हरियाणा पुलिस और सेना के जवानों ने शस्त्र झुकाकर शहीद को स्लामी दी। कोसली के विधायक लक्ष्मण सिंह यादव,उपायुक्त एवं जिला सैनिक बोर्ड के अध्यक्ष यशेंद्र सिंह ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित भावभीनी श्रद्धांजलि दी। शमशेर चौहान का पार्थिव शरीर शुक्रवार को जैसे ही रतनथल गांव पहुंचा, तो हर कोई अपने लाडले सपूत को देखने उमड पड़ा।

गौरतलब है कि गांव रतनथल निवासी 41वर्षीय शमशेर सिंह चौहान सुपुत्र भवानी सिंह आर्मी एजूकेशन कोर में 22 मेक लेह लद्धाख में सूबेदार मेजर के पद पर तैनात थे। गत 2 जनवरी की रात को अपने साथियों के साथ बंकर में मौजूद थे कि इसी दौरान साथ वाले बंकर में आग लगने की सूचना पाकर सैनिकों को बचाने के लिए शमशेर सिंह चौहान व उनके साथी वहां पहुंचे और वहां उन्होंने सभी जवानों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। लेकिन बंकर में एक सिगड़ी में हुए बलास्ट की चपेट में सुबेदार मेजर शमशेर सिंह चौहान आ गए,जहां उन्हें तुरन्त अस्पताल पहुंचाया गया,जहां इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।

ग्रामीणों ने बताया कि शमशेर सिंह एक निर्भीक और हंसमुख प्रवर्ति के इंसान थे और हरेक मुश्किल कार्य को करने के लिए आतुर रहते थे। उन्होंने बताया कि शमशेर सिंह चौहान तीन बहनों का अकेला भाई था, इसी माह ही उन्हें प्रमोशन से सूबेदार मेजर रैंक मिला था। 41 वर्षीय शमशेर सिंह चौहान अपने पीछे पिता भवानी सिंह,माता कमलेश देवी,पत्नी रजनी देवी,17 वर्षीय बेटे प्रयाग,दो बेटियों फाल्गुनी व धनिया को छोड़ गए हैं।

शुक्रवार की सुबह सूबेदार मेजर शमशेर चौहान के पार्थिव शरीर को मोटरसाइकिलों के काफिले के साथ गुरावडा से गांव रतनथल लाया गया, तो माहौल गमगीन हो गया और हर किसी की आंखें नम हो गई। जब तक सूरज चांद रहेगा शमशेर सिंह तेरा नाम रहेगा,भारत माता की जय जैसे गगनभेदी नारों के बीच उनका अंतिम संस्कार किया गया। ग्रामीणों ने नम आंखों से अपने होनहार बेटे को अश्रुपूर्ण विदाई दी।

इस अवसर पर कोसली के विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने कहा कि सुबेदार मेजर शमशेर सिंह चौहान ने अपने प्राणों की रक्षा न करते हुए बंकर में लगी हुई आग से सभी साथियों को सुरक्षित बाहर निकाला। आज सैनिकों की बदौलत ही हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं। हम शमशेर सिंह के माता पिता को प्रणाम करते है कि जिन्होंने ऐसे वीर जवान को जन्म दिया। कोसली के विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने कहा कि कोसली क्षेत्र जाबांज शमशेर सिंह के बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा। ऐसे वीर शहीदों का नाम कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि शहीदों को पूरा मान सम्मान देने के लिए सरकार द्वारा सहायता राशि को बढ़ाकर 20 लाख से 50 लाख किया गया है तथा शहीद परिवारों के आश्रितों को सरकारी नौकरियां दी गई हैं। उन्होंने दिवंगत शमशेर सिंह चौहान के परिजनों को ढांढस बंधाया और शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी।

इस अवसर पर डीसी यशेंद्र सिंह ने कहा कि हरियाणा विशेषकर दक्षिणी हरियाणा सैनिकों की खान है और सेनाओं में हर दसवां जवान हरियाणा से है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में प्रदेश सरकार सैनिकों और उनके आश्रितों के मान सम्मान को कटिबद्ध है। उन्होंने भारत मां के सपूत को सलाम करते हुए युवा पीढी को देश सेवा के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि रेवाडी जिला के 86 राजकीय विद्यालयों का नाम क्षेत्र के अमर शहीदों के नाम से रखकर सरकार ने वीर सपूतों की शहादत को नमन किया है। उन्होंने सूबेदार मेजर शमशेर सिंह के बेटे प्रयाग चौहान को जीवन में आगे बढने का आर्शीवाद दिया। उन्होंने कहा कि पीडित परिवार पर जो दुखों का पहाड टूट पड़ा है, भगवान दुख की इस घड़ी को सहन करने की शक्ति प्रदान करे।

दिवंगत सुबेदार मेजर शमशेर सिंह चौहान की अंतिम संस्कार यात्रा में भाजपा जिलाध्यक्ष हुकम चंद यादव, एईसी के मेजर जनरल रिटायर्ड रणजीत सिंह, पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह यादव, एसडीएम होशियार सिंह, सांसद डा अरविंद शर्मा के राजनीतिक सलाहकार पंडित राज पारिक, मेजर डा टीसी राव,वेस्ट कमांड चंडी मंदिर के सुबेदार मेजर अनिल कुमार, समाजसेवी विजय भूरथला, सुबेदार मेजर सुरेश कुमार, जिला सैनिक बोर्ड की सचिव लैफ्टिनेंट कर्नल सरिता यादव, तहसीलदार जितेंद्र कुमार, भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष प्रीतम सिंह चौहान, जिला क्षेत्रीय महासभा के जिलाध्यक्ष रणविजय तंवर, रोहडाई थाना प्रभारी रतनलाल, निवर्तमान सरपंच जयभगवान, दल सिंह चौहान, रामफल कोसलिया, बलजीत यादव, ओमप्रकाश ड़ाबला, दीवान सिंह चौहान, मनोज कोसलिया के अलावा गांवों के ग्रामीणों ने भाग लेकर अंतिम विदाई दी। 

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