𝙃𝙖𝙧𝙮𝙖𝙣𝙖 𝙀𝙙𝙪𝙘𝙖𝙩𝙞𝙤𝙣 𝙈𝙞𝙣𝙞𝙨𝙩𝙚𝙧, 𝙆𝙖𝙣𝙬𝙖𝙧𝙥𝙖𝙡 𝙂𝙪𝙧𝙟𝙖𝙧
उल्लेखनीय है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के नियम 𝟏𝟑𝟒-ए के तहत मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में दूसरी से आठवीं कक्षा में शिक्षा ग्रहण कर रहे बीपीएल, ईडब्ल्यूएस विद्यार्थियों के शुल्क की प्रतिपूर्ति विद्यालयों को प्रदेश सरकार के द्वारा की जाती है।
कंवर पाल ने बताया कि जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस संबंध में अपने अधिकार-क्षेत्र में आने वाले निजी विद्यालयों के क्लेम शीघ्रता से भिजवाएं ताकि पुष्टि उपरांत उनके शुल्क की प्रतिपूर्ति विभाग द्वारा शीघ्रातिशीघ्र की जा सके। उन्होंने बताया कि कुछ ऐसे विद्यालय भी हैं, जिनके पुराने क्लेम वर्ष 𝟐𝟎𝟏𝟓-𝟏𝟔 से लंबित हैं। उनके लिए विभाग द्वारा अलग पोर्टल तैयार कराया जा रहा है और ऐसे केस विभाग द्वारा शीघ्र ही मांगे जाएंगे।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि 𝟑𝟏 दिसंबर, 𝟐𝟎𝟐𝟏 को अभिभावकों की वार्षिक आय के संबंध में निर्देश जारी किए गए थे कि यदि किसी भी अभिभावक की आय के संबंध में किसी प्रकार का संशय है तो संबंधित विद्यालय इस बारे में जिला स्तरीय कमेटी के समक्ष अपनी शिकायत रख सकता है। यह कमेटी तीन दिन के अंदर-अंदर ऐसी शिकायतों का निपटान करेगी और यदि कमेटी द्वारा पारित योग्य दाखिले के केस में कोई विद्यालय बच्चे को दाखिला नहीं देता है तो उस विद्यालय के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि यदि कोई बच्चा अपने स्कूल से स्थानांतरण प्रमाण पत्र ले चुका है और उसके अभिभावक की आय 𝟐 लाख रुपये से अधिक है अर्थात वे ईडब्ल्यूएस वर्ग में नहीं आते हैं तो वह बच्चा वापस अपने पूर्व के स्कूल में या सरकारी स्कूल में दाखिला ले सकता है। इस संबंध में जिन बच्चों के दस्तावेज नियमानुसार हैं, विद्यालयों द्वारा उनके दाखिले बिना किसी विलंब के किए जाएं।
उन्होंने बताया कि कक्षा पहली से पांचवीं तक प्रतिपूर्ति राशि ग्रामीण क्षेत्र में 𝟑𝟎𝟎 रुपये से बढ़ाकर 𝟓𝟎𝟎 रुपये की गई है। वहीं शहरी क्षेत्र में प्रतिपूर्ति राशि 𝟓𝟎𝟎 रुपये से बढ़ाकर 𝟕𝟎𝟎 रुपये की गई है। इसके अलावा, कक्षा छठी से आठवीं तक ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिपूर्ति राशि 𝟓𝟎𝟎 रुपये से बढ़ाकर 𝟕𝟎𝟎 रुपये तथा शहरी क्षेत्र में 𝟕𝟎𝟎 रुपये से बढ़ाकर 𝟗𝟎𝟎 रुपये की गई है। प्रवेश की तिथि को भी 𝟕 जनवरी से बढ़ाकर 𝟏𝟓 जनवरी कर दिया गया है।
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