सांसद दीपेन्द्र हुड्डा
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने हरियाणा के नगर निकाय क्षेत्रों में की
गई विकास शुल्क बढ़ोत्तरी का नोटिफ़िकेशन तुरंत रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि
ये ‘विकास शुल्क’ नहीं विनाश शुल्क है। बजट
सत्र से पहले हरियाणा सरकार द्वारा जारी ‘विकास
शुल्क’ नोटिफ़िकेशन जनता से बड़ा
धोखा है। आर्थिक तंगी का शिकार जनता से विकास शुल्क के नाम पर लूट न केवल लोगों की
जेब पर नाजायज़ डाका है, बल्कि
ये सरेआम तहसील-नगर निकाय स्तर पर भ्रष्टाचार को न्योता है। सांसद दीपेन्द्र
हुड्डा ने आगे कहा कि सरकारी वसूली अब जनता के खून चूसने के स्तर तक पहुंच चुकी
है। एक तरफ सरकारी महकमे भ्रष्टाचार से लूटे जा रहे हैं वहीँ दूसरी तरफ सरकार अपने
बजट को संवारने के नाम पर आम लोगों के घरेलू बजट को बिगाड़ने पर उतारू हो रही है।
पहले से ही आर्थिक तंगी की शिकार जनता से विकास शुल्क के नाम पर अत्याधिक सरकारी
वसूली पर लगाम लगनी चाहिए। उन्होंने इस फैसले को जनविरोधी और विकास विरोधी फैसला
बताया।
हाइलाइट्स
‘विकास शुल्क’ नोटिफ़िकेशन तुरंत रद्द करे सरकार
ये ‘विकास शुल्क’ नहीं विनाश शुल्क है
विकास शुल्क के नाम पर आम लोगों पर कमरतोड़ प्रहार कर रही सरकार
बजट सत्र से पहले हरियाणा सरकार द्वारा जारी ‘विकास शुल्क’ नोटिफ़िकेशन जनता से बड़ा धोखा
विकास शुल्क के नाम पर लूट लोगों की जेब पर नाजायज़ डाका और तहसील-नगर निकाय स्तर पर भ्रष्टाचार को न्योता है
सरकारी वसूली अब जनता का खून चूसने के स्तर तक पहुंच चुकी है
𝐃𝐈𝐑𝐄𝐂𝐓𝐎𝐑𝐀𝐓𝐄 𝐎𝐅 𝐔𝐑𝐁𝐀𝐍
शहरी स्थानीय
निकाय निर्देशालय
हरियाणा
सं. 𝟏𝟏-𝟏𝟒, सैक्टर-𝟒 पाकूला, हरियाणा
𝐁𝐚𝐱𝐲 𝐍𝐨 𝟏𝟏𝟒𝟒, 𝐁𝐞𝐜𝐭𝐨𝐫 𝟒 𝐏𝐚𝐫𝐢𝐜𝐡𝐚 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚
𝐇𝐀𝐑𝐘𝐀𝐍𝐀
𝐓𝐞𝐥. +𝟗𝟏𝟕𝟐 𝟐𝟓𝟕𝟎𝟎𝟐𝟎. 𝐅𝐚𝐱 +𝟗𝟏 𝟗𝟕𝟐 𝟐𝟓...
𝐖𝐞𝐛𝐬𝐢𝐭𝐞: 𝐰𝐰𝐰.𝐮𝐧𝐲𝐨𝐯 𝐧𝐞𝐦𝐚𝐥 𝐝𝐮𝐥𝐨𝐡𝐫𝐲
𝐓𝐨,
𝟏. 𝐀𝐥𝐥 𝐭𝐡𝐞 𝐃𝐞𝐩𝐮𝐭𝐲 𝐂𝐨𝐦𝐦𝐢𝐬𝐬𝐢𝐨𝐧𝐞𝐫𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐞𝐬𝐩𝐞𝐜𝐭𝐡𝐞 𝐃𝐢𝐬𝐭𝐫𝐢𝐜𝐭𝐬 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐒𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐨𝐟 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚
𝟐. 𝐀𝐥𝐥 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐨𝐦𝐦𝐢𝐬𝐬𝐢𝐨𝐧𝐞𝐫𝐬 𝐨𝐟 𝐫𝐞𝐬𝐩𝐞𝐜𝐭𝐢𝐯𝐞 𝐌𝐮𝐧𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐂𝐨𝐫𝐩𝐨𝐫��𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐒𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐨𝐟 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚
𝟑. 𝐀𝐥𝐥 𝐭𝐡𝐞 𝐃𝐢𝐬𝐭𝐫𝐢𝐜𝐭 𝐌𝐮𝐧𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐂𝐨𝐦𝐦𝐢𝐬𝐬𝐢𝐨𝐧𝐞𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐞𝐬𝐩𝐞𝐜𝐭𝐢𝐯𝐞 𝐃𝐢𝐬𝐭𝐫𝐢𝐜𝐭𝐬 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐒𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐨𝐟 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚
𝟒. 𝐀𝐥𝐥 𝐭𝐡𝐞 𝐄𝐱𝐞𝐜��𝐭𝐢𝐯𝐞 𝐎𝐟𝐞𝐫𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐞𝐬𝐩𝐞𝐜𝐭𝐢𝐯𝐞 𝐌𝐮𝐧𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐂𝐨𝐮𝐧𝐜𝐢𝐥𝐬 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐒𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐨𝐟 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚
𝟓. 𝐀𝐥𝐥 𝐭𝐡𝐞 𝐒𝐞𝐜𝐫𝐞𝐭𝐚𝐫𝐢𝐞𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐞𝐬𝐩𝐞𝐜𝐭𝐢𝐯𝐞 𝐌𝐮𝐧𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐂𝐨𝐦𝐦𝐢𝐭𝐭𝐞𝐞 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐒𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐨𝐟 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚
𝐌𝐞𝐦𝐨 𝐍𝐨. 𝐃𝐔𝐋𝐔𝐓𝐏/𝟐𝟎𝟑𝟐/ 𝐠𝐨𝐮𝐭𝐥𝐨𝐮𝐨
𝐃𝐚𝐭𝐞𝐝:
#𝟏𝟖/𝟎𝟗/𝟐𝟑
𝐒𝐮𝐛𝐣𝐞𝐜𝐭: 𝐋𝐞𝐯𝐲𝐢𝐧𝐠 𝐨𝐟 𝐔𝐧𝐢𝐟𝐢𝐞𝐝 𝐃𝐞𝐯𝐞𝐥𝐨𝐩𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐂𝐡𝐚𝐫𝐠𝐞𝐬 𝐰𝐢𝐭𝐡𝐢𝐧 𝐌𝐮𝐧𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐋𝐢𝐦𝐢𝐭𝐬 𝐰𝐡𝐞𝐫𝐞 𝐏𝐫𝐨𝐯𝐢𝐬𝐢𝐨𝐧𝐬 𝐨𝐫
𝐂𝐨𝐧𝐭𝐫𝐨𝐥𝐥𝐞𝐝 𝐀𝐫𝐞𝐚 𝐚𝐫𝐞 𝐧𝐨𝐭 𝐚𝐩𝐩𝐥𝐢𝐜𝐚𝐛𝐥𝐞.
𝐈𝐭 𝐢𝐬 𝐭𝐨 𝐢𝐧𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐆𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐨𝐟 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐡𝐚𝐬 𝐝𝐞𝐜𝐢𝐝𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐨𝐥𝐥𝐨𝐰𝐢𝐧𝐠𝐬 𝐨𝐧 𝐝𝐞𝐯𝐞𝐥𝐨𝐩𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐜𝐡𝐚𝐫𝐠𝐞𝐬 𝐚𝐬
𝐚𝐩𝐩𝐥𝐢𝐜𝐚𝐛𝐥𝐞 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐔𝐫𝐛𝐚𝐧 𝐋𝐨𝐜𝐚𝐥 𝐁𝐨𝐝𝐢𝐞𝐬 𝐃𝐞𝐩𝐚𝐫𝐭𝐦𝐞𝐧𝐭𝟏. 𝐓𝐡𝐞 𝐩𝐫𝐞𝐯𝐢𝐨𝐮𝐬 𝐢𝐧𝐬𝐭𝐫𝐮𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬 𝐛𝐞𝐚𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐦𝐞𝐦𝐨 𝐧𝐨 𝐂𝐓𝐏/𝟐𝟎𝟎𝟒 𝐀-𝐉𝐈/𝟏𝟒𝟐𝟗-𝟗𝟓. 𝐝𝐚𝐭𝐞𝐝 𝟏𝟎.𝟎𝟏 𝟐𝟎𝟎𝟓. 𝐂𝐓𝐏/𝐀𝟏𝟏𝟏/𝟐𝟎𝟎𝟓/𝟏𝟕𝟗𝟐𝟓-𝟗𝟏, 𝐝𝐚𝐭𝐞𝐝 𝟏𝟑.𝟎𝟒.𝟐𝟎𝟎𝟔 𝐚𝐧𝐝 𝐨𝐫𝐝𝐞𝐫 𝐝𝐚𝐭𝐞𝐝 𝟎𝟑.𝟎𝟒.𝟐𝟎𝟏𝟐. 𝐢𝐬𝐬𝐮𝐞𝐝 𝐯𝐢𝐝𝐞 𝐞𝐧𝐝𝐨𝐫𝐬𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐧𝐨
𝟐𝟎/𝟑𝟓/𝟐𝟎𝟏𝟎-𝟔𝐂𝟏. 𝐝𝐚𝐭𝐞𝐝 𝟎𝟒.𝟎𝟒.𝟐𝟎𝟏𝟐 𝐰.𝐭𝐭 𝐥𝐞𝐯𝐲 𝐨𝐟 𝐝𝐞𝐯𝐞𝐥𝐨𝐩𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐜𝐡𝐚𝐫𝐠𝐞𝐬 𝐟𝐨𝐫 𝐜𝐨𝐦𝐞𝐫𝐜𝐢𝐚𝐥 𝐮𝐬𝐞 𝐢𝐧 𝐜𝐨𝐫𝐞
𝐚𝐫𝐞𝐚 𝐨𝐥𝐝 𝐌𝐂 𝐋𝐢𝐦𝐢𝐭 (𝐰𝐡𝐞𝐫𝐞 𝐩𝐫𝐨𝐯𝐢𝐬𝐢𝐨𝐧𝐬 𝐨𝐟 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐫𝐨𝐥𝐥𝐞𝐝 𝐚𝐫𝐞𝐚 𝐚𝐫𝐞 𝐧𝐨𝐭 𝐚𝐩𝐩𝐥𝐢𝐜𝐚𝐛𝐥𝐞) 𝐚𝐫𝐞 𝐡𝐞𝐫𝐞𝐛𝐲 𝐰𝐢𝐭𝐡𝐝𝐫𝐚𝐰𝐧
𝟐. 𝐅𝐮𝐫𝐭𝐡𝐞𝐫, 𝐧𝐨𝐭𝐢𝐟𝐢𝐜𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐧𝐨. 𝟏𝟗/𝟏/𝟗𝟖-𝐈𝐂𝐈. 𝐝𝐚𝐭𝐞𝐝 𝟏𝟒,𝟎𝟐 𝟐𝟎𝟎𝟑 𝐢𝐬𝐬𝐮𝐞𝐝 𝐮𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐬𝐞𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝟐𝟎𝟑𝐀 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐇𝐚𝐧𝐚𝐧𝐚
𝐌𝐮𝐧𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐀𝐜𝐭, 𝟏𝟗𝟕𝟑, 𝐬𝐞𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝟐𝟔𝟕𝐀 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐌𝐮𝐧𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐂𝐨𝐫𝐩𝐨𝐫𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐀𝐜𝐭. 𝟏𝟗𝟗𝟒, 𝐢𝐧𝐬𝐭𝐫𝐮𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬
𝐛𝐞𝐚𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐦��𝐦𝐨 𝐧𝐨, 𝐃𝐔𝐋𝐁/𝐓𝐏/𝐀𝟑/𝟐𝟎𝟏𝟐,𝟓𝟕𝟑𝟕𝟒-𝟒𝟕𝟔. 𝐝𝐚𝐭𝐞𝐝 𝟐𝟕 𝟏𝟐 𝟐𝟎𝟏𝟑 𝐚𝐧𝐝 𝐂𝐓𝐏/𝐀𝟐 𝟐𝟎𝟏𝟒/𝟏𝟕𝟐𝟔-𝟏𝟖𝟐𝟖.
𝐝𝐚𝐭𝐞𝐝 𝟏𝟗.𝟎𝟔.𝟐𝟎𝟏𝟒 𝐢𝐬𝐬𝐮𝐞𝐝 𝐮𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐌𝐚𝐧𝐚𝐠𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐨𝐟 𝐂𝐢𝐯𝐢𝐜 𝐀𝐦𝐞��𝐢𝐭𝐢𝐞𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐈𝐧𝐟𝐫𝐚𝐬𝐭𝐫𝐮𝐜𝐭𝐮𝐫𝐞
𝐃𝐞𝐟𝐢𝐜𝐢𝐞𝐧𝐭 𝐌𝐮𝐧𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐀𝐫𝐞𝐚𝐬 (𝐒𝐩𝐞𝐜𝐢𝐚𝐥 𝐏𝐫𝐨𝐯𝐢𝐬𝐢𝐨𝐧) 𝐀𝐜𝐭 𝟐𝟎𝟏𝟑 𝐚𝐧𝐝 𝐢𝐧𝐬𝐭𝐫𝐮𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬 𝐛𝐞𝐚𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐄𝐧𝐝𝐬𝐭. 𝐧𝐨.
𝟖/𝟐𝟕/𝟐𝟎𝟏𝟖-𝟏𝐂𝟏, 𝐝𝐚𝐭𝐞𝐝 𝟐𝟕.𝟎𝟗.𝟐𝟎𝟏𝟖 𝐢𝐬𝐬𝐮𝐞𝐝 𝐮𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐌𝐚𝐧𝐚𝐠𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐨𝐟 𝐂𝐣𝐯𝐢𝐜 𝐀𝐦𝐞𝐧𝐢𝐭𝐢𝐞𝐬 𝐚𝐧𝐝
𝐈𝐧𝐟𝐫𝐚𝐬𝐭𝐫𝐮𝐜𝐭𝐮𝐫𝐞 𝐃𝐞𝐟𝐢𝐜𝐢𝐞𝐧𝐭 𝐌𝐮𝐧𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐀𝐫𝐞𝐚𝐬 (𝐒𝐩𝐞𝐜𝐢𝐚𝐥 𝐏𝐫𝐨𝐯𝐢𝐬𝐢𝐨𝐧) 𝐀𝐜𝐭. 𝟐𝟎𝟏𝟔 𝐚��𝐝 𝐢𝐭𝐬 𝐬𝐮𝐛𝐬𝐞𝐪𝐮𝐞𝐧𝐭
𝐚𝐦𝐞𝐧𝐝𝐦𝐞𝐧𝐭𝐬, 𝐟𝐨𝐫 𝐧𝐨𝐭𝐢𝐟𝐢𝐞𝐝 𝐫𝐞𝐬𝐢𝐝𝐞𝐧𝐭𝐢𝐚𝐥 𝐚𝐧𝐝 𝐜𝐨𝐦𝐦𝐞𝐫𝐜𝐢𝐚𝐥 𝐛𝐮𝐢𝐥𝐝𝐢𝐧𝐠𝐬 𝐩𝐥𝐨𝐭𝐬, 𝐚𝐫𝐞 𝐡𝐞𝐫𝐞𝐛𝐲 𝐚𝐜𝐜𝐨𝐫𝐝𝐞𝐝 𝐟𝐨𝐫
𝐫𝐞𝐯𝐢𝐬𝐢𝐨𝐧
𝟑. 𝐕𝐢𝐝𝐞 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐨𝐫𝐝𝐞𝐫, 𝐢𝐭 𝐢𝐬 𝐢𝐧𝐟𝐨𝐫𝐦𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐚𝐥𝐥 𝐭𝐡𝐞 𝐝𝐞𝐯𝐞𝐥𝐨𝐩𝐢𝐧𝐞𝐧𝐭 𝐜𝐡𝐚𝐫𝐠𝐞𝐬 𝐬𝐡𝐚𝐥𝐥 𝐛𝐞 𝐮𝐧𝐢𝐟𝐢𝐞𝐝 𝐚𝐧𝐝 𝐬𝐡𝐚𝐥𝐥 𝐛𝐞
𝐚𝐩𝐩𝐥𝐢𝐜𝐚𝐛 𝐟𝐨𝐫 𝐠𝐫𝐚𝐧𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐩𝐞𝐫𝐦𝐢𝐬𝐬𝐢𝐨𝐧 𝐟𝐨𝐫 𝐚𝐥𝐥 𝐜𝐨𝐦𝐦𝐞𝐫𝐜𝐢𝐚𝐥, 𝐫𝐞𝐬𝐢𝐝𝐞𝐧��𝐢𝐚𝐥, 𝐢𝐧𝐝𝐮𝐬𝐭𝐫𝐢𝐚𝐥 𝐚𝐧𝐝 𝐢𝐧𝐬𝐭𝐢𝐭𝐮𝐭𝐢𝐨𝐧𝐚𝐥 𝐮𝐬𝐞
𝐰𝐢𝐭𝐡𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐨𝐥𝐝 𝐦𝐮𝐧𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐥𝐢𝐦𝐢𝐭. 𝐜𝐨𝐫𝐞 𝐚𝐫𝐞𝐚. 𝐈𝐥 𝐝𝐨𝐫𝐚 𝐚𝐧𝐝 𝐚𝐥𝐥 𝐫𝐞𝐠𝐮𝐥𝐚𝐫𝐢𝐳𝐞𝐝 𝐧𝐨𝐭𝐢𝐟𝐢𝐞𝐝 𝐜𝐨𝐥𝐨𝐧𝐢𝐞𝐬 𝐰𝐢𝐭𝐡𝐢𝐧
𝐌𝐮𝐧𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐋𝐢𝐦𝐢𝐭 𝐚𝐬 𝐩𝐞𝐫 𝐫𝐚𝐭𝐞𝐬 𝐛𝐞𝐥𝐨𝐰:
𝐃𝐞𝐯𝐞𝐥𝐨𝐩𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐜𝐡𝐚𝐫𝐠𝐞𝐬 𝐟𝐞𝐞𝐬
𝐒𝐫. 𝐌𝐮𝐧𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐀𝐫𝐞𝐚
𝐃𝐞𝐯𝐞𝐥𝐨𝐩𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐜𝐡𝐚𝐫𝐠𝐞𝐬 𝐟𝐨𝐫 𝐃𝐞𝐯𝐞𝐥𝐨𝐩𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐜𝐡𝐚𝐫𝐠𝐞𝐬
𝐫𝐞𝐬𝐢𝐝𝐞𝐧𝐭𝐢𝐚𝐥 𝐢𝐧𝐝𝐮𝐬𝐭𝐫𝐢𝐚𝐥 𝐟𝐨𝐫 𝐜𝐨𝐦𝐦𝐞𝐫𝐜𝐢𝐚𝐥 𝐮𝐬𝐞.
𝐈𝐧𝐬𝐭𝐢𝐭𝐮𝐭𝐢𝐨𝐧𝐚𝐥 𝐮𝐬𝐞
𝐃𝐎.
𝐌𝐮𝐧𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐂𝐨𝐫𝐩𝐨𝐫𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐆𝐮𝐫𝐠𝐚𝐨𝐧
𝐚𝐧𝐝 𝐅𝐚𝐫𝐢𝐝𝐚𝐛𝐚𝐝,
𝟐
𝐎𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐌𝐮𝐧𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐂𝐨𝐫𝐩𝐨𝐫𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬.
𝟓% 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐫𝐞𝐯𝐚𝐢𝐥𝐢𝐧𝐠
𝐜𝐨𝐥𝐥𝐞𝐜𝐭𝐨𝐫 𝐫𝐚𝐭𝐞𝐬 (𝐑𝐞𝐬𝐢𝐝𝐞𝐧𝐭𝐢𝐚𝐥
𝐑𝐚𝐥𝐞𝐬)
𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐫𝐞𝐯𝐚𝐢𝐥𝐢𝐧𝐠
𝐜𝐨𝐥𝐥𝐞𝐜𝐭𝐨𝐫 𝐫𝐚𝐭𝐞𝐬
(𝐂𝐨𝐦𝐦𝐞𝐫𝐜𝐢𝐚𝐥 𝐑𝐚𝐭𝐞𝐬)
𝟑
𝐀𝐥𝐥 𝐌𝐮𝐧𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐂𝐨𝐮𝐧𝐜𝐢𝐥𝐬.
𝟒
𝐀𝐥𝐥 𝐌𝐮𝐧𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐂𝐨𝐦𝐦𝐢𝐭𝐭𝐞𝐞𝐬
𝐍𝐨𝐭𝐞:𝟏. 𝐓𝐡𝐞 𝐚𝐛𝐨𝐯𝐞 𝐢𝐝 𝐝𝐞𝐯𝐞𝐥𝐨𝐩𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐜𝐡𝐚𝐫𝐠𝐞𝐬 𝐬𝐡𝐚𝐥𝐥 𝐛𝐞 𝐚𝐩𝐩𝐥𝐢𝐜𝐚𝐛𝐥𝐞 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐢𝐦𝐦𝐞𝐝𝐢𝐚𝐭𝐞 𝐞𝐟𝐟𝐞𝐜𝐭.
𝟐. 𝐓𝐡𝐞 𝐚𝐛𝐨𝐯𝐞 𝐜𝐡𝐚𝐫𝐠𝐞𝐬 𝐚𝐫𝐞 𝐧𝐨𝐭 𝐚𝐩𝐩𝐥𝐢��𝐚𝐛𝐥𝐞 𝐢𝐧 𝐌𝐮𝐧𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐈𝐥𝐦𝐢𝐭𝐬 𝐡𝐞𝐫 𝐩𝐫𝐨𝐯𝐢𝐬𝐢𝐨𝐧𝐬 𝐨𝐟 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐫𝐨𝐥𝐥𝐞𝐝 𝐚𝐫𝐞𝐚 𝐚𝐫𝐞
𝐚𝐩𝐩𝐥𝐢𝐜𝐚𝐛𝐥𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐬𝐮𝐜𝐡 𝐚𝐫𝐞𝐚𝐬 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐚𝐫𝐞 𝐧𝐨𝐭 𝐩𝐚𝐧 𝐨𝐟 𝐨𝐥𝐝 𝐌𝐮𝐧𝐢𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐥𝐢𝐦𝐢𝐭 𝐜𝐨𝐫𝐞 𝐚𝐫𝐞𝐚. 𝐋𝐚𝐥 𝐃𝐨𝐫𝐚 𝐚𝐧𝐝 𝐚𝐥𝐥
𝐫𝐞𝐠𝐮𝐥𝐚𝐫𝐢𝐳𝐞𝐝 𝐧𝐨𝐭𝐢𝐟𝐢𝐞𝐝 𝐜𝐨𝐥𝐨𝐧𝐢𝐞𝐬.
𝟑. 𝐓𝐡𝐞 𝐝𝐞𝐯𝐞𝐥𝐨𝐩𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐜𝐡𝐚𝐫𝐠𝐞 𝐬𝐡𝐚𝐥𝐥 𝐛𝐞 𝐚𝐬 𝐩𝐞𝐫 𝐜𝐨𝐥𝐥𝐞𝐜𝐭𝐨𝐫 𝐫𝐚𝐭𝐞𝐬 𝐚𝐬 𝐭𝐡𝐞 𝐝𝐚𝐭𝐞 𝐨𝐟 𝐚𝐩𝐩𝐥𝐢𝐜𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐬𝐮𝐛𝐦𝐢𝐭𝐭𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞
𝐚𝐩𝐩𝐥𝐢𝐜𝐚𝐧𝐭 𝐟𝐨𝐫 𝐨𝐛𝐭𝐚𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐩𝐞𝐫𝐦𝐢𝐬𝐬𝐢𝐨𝐧
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा विकास शुल्क वृद्धि के फैसले से शुल्क दरों में 10 गुना तक बढ़ोत्तरी होगी। जिसका सीधा दुष्प्रभाव आम जनता की जेब पर पड़ेगा। उन्होंने बताया कि कांग्रेस की हुड्डा सरकार के समय लाल डोरे (पुरानी आबादी) में पहले कोई शुल्क नहीं देना पड़ता था, लेकिन मौजूदा बीजेपी-जेजेपी सरकार ने उस पर विकास शुल्क लगा दिया। इसके अलावा, जो विकास शुल्क पहले 100 गज के प्लाट पर 120 रुपये के हिसाब से 12,000 रुपये था, वो सरकार के इस फैसले के बाद अब कहीं 50 हजार, तो कहीं 70 हज़ार और बड़े शहरों में 1 लाख रुपये तक भी भरना होगा। और तो और, जिन लोगों ने पहले से विकास शुल्क जमा करा रखा है और किसी कारण से निर्माण नहीं करा पाए उनको भी नयी दरों के हिसाब से अंतर धनराशि का भुगतान करना होगा।
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सरकार विकास शुल्क के नाम पर आम लोगों पर कमरतोड़ प्रहार कर रही है। बड़ी-बड़ी कंपनियों का कॉर्पोरेट टैक्स तो सरकार कम कर रही है और आम गरीब व मध्यम वर्ग पर टैक्स का बोझ बढ़ाती जा रही है। भाजपा सरकार की गलत नीतियों के चलते हर धंधा मंदा हो गया है। बेरोज़गारी और महंगाई बढ़ती जा रही है, सरकार राहत देने की बजाय आम लोगों पर और अधिक आर्थिक चोट मार रही है। सरकार ने पहले सारे धंधे ख़तम करके आम लोगों की जेब खाली कर दी, फिर रिकॉर्डतोड़ महंगाई बढ़ाकर आम आदमी की चमड़ी उतार दी और अब इस प्रकार के टैक्स लगाकर लोगों के घाव पर नमक छिड़कने का काम कर रही है। जिससे लोगों का जीना दुश्वार हो गया है और अपना परिवार पालना तक मुश्किल हो रहा है। ऐसे में विकास शुल्क के नाम पर आम आदमी अतिरिक्त धन कहाँ से लाएगा।
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने विकास के नाम पर हरियाणा में एक नये पैसे का काम नहीं किया और हरियाणा को ढाई लाख करोड़ रुपये के कर्ज में डुबो दिया। 2014 के बाद के 7 साल में बीजेपी सरकार के दौरान प्रदेश पर कर्ज साढ़े तीन गुना बढ़कर करीब ढाई लाख करोड़ हो गया। जबकि इस दौरान प्रदेश में कोई भी बड़ी परियोजना स्थापित नहीं हुई। सवाल है कि यह हजारों करोड़ रुपया किसके विकास में खर्च हुआ? इसके उलट, मौजूदा सरकार ने हमारे द्वारा मंजूर कराई गई रेल कोच फैक्ट्री, अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा जैसी विकास और रोज़गार से जुड़ी बड़ी परियोजनाओं को चुपचाप दूसरे प्रदेशों में जाने दिया।