𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫, 𝐌𝐚𝐧𝐨𝐡𝐚𝐫 𝐋𝐚𝐥, 𝐰𝐡𝐨 𝐢𝐬 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐥𝐞𝐚𝐝𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐇𝐨𝐮𝐬𝐞, 𝐰𝐡𝐢𝐥𝐞 𝐜𝐥𝐚𝐫𝐢𝐟𝐲𝐢𝐧𝐠, 𝐓𝐡𝐞 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐏𝐫𝐞𝐯𝐞𝐧𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐨𝐟 𝐔𝐧𝐥𝐚𝐰𝐟𝐮𝐥 𝐂𝐨𝐧𝐯𝐞𝐫𝐬𝐢𝐨𝐧 𝐨𝐟 𝐑𝐞𝐥𝐢𝐠𝐢𝐨𝐧 𝐁𝐢𝐥𝐥, 𝟐𝟎𝟐𝟐, 𝐰𝐡𝐢𝐜𝐡 𝐰𝐚𝐬 𝐫𝐞𝐢𝐧𝐭𝐫𝐨𝐝𝐮𝐜𝐞𝐝 𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐭𝐡𝐢𝐫𝐝 𝐝𝐚𝐲 𝐝𝐮𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐨𝐧𝐠𝐨𝐢𝐧𝐠 𝐁𝐮𝐝𝐠𝐞𝐭 𝐒𝐞𝐬𝐬𝐢𝐨𝐧 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐕𝐢𝐝𝐡𝐚𝐧 𝐒𝐚𝐛𝐡𝐚, 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐁𝐢𝐥𝐥 𝐝𝐨𝐞𝐬 𝐧𝐨𝐭 𝐬𝐭𝐨𝐩 𝐚𝐧𝐲𝐨𝐧𝐞 𝐰𝐡𝐨 𝐢𝐬 𝐰𝐢𝐥𝐥𝐢𝐧𝐠𝐥𝐲 𝐝𝐨𝐢𝐧𝐠 𝐚 𝐜𝐨𝐧𝐯𝐞𝐫𝐬𝐢𝐨𝐧, 𝐩𝐫𝐨𝐯𝐢𝐝𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐬𝐮𝐜𝐡 𝐩𝐞𝐫𝐬𝐨𝐧 𝐡𝐚𝐬 𝐭𝐨 𝐬𝐮𝐛𝐦𝐢𝐭 𝐚𝐧 𝐚𝐩𝐩𝐥𝐢𝐜𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐟𝐨𝐫 𝐰𝐢𝐥𝐥𝐟𝐮𝐥 𝐜𝐨𝐧𝐯𝐞𝐫𝐬𝐢𝐨𝐧 𝐛𝐞𝐟𝐨𝐫𝐞 𝐭𝐡𝐞 𝐃𝐢𝐬𝐭𝐫𝐢𝐜𝐭 𝐌𝐚𝐠𝐢𝐬𝐭𝐫𝐚𝐭𝐞.
Haryana Chief Minister, Manohar Lal |
चंडीगढ़ / City Life Haryana. Com
हरियाणा
के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विधानसभा सत्र के तीसरे दिन आज पेश किया गया
विधिविरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक,
2022 किसी को बांटने के लिए नहीं, बल्कि समाज में सौहार्द एवं भाईचारा बनाए रखने के
लिए है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों धोखे, लालच
और विदेश ले जाने व व्यवसाय बढ़ाने के नाते तथा घर से भाग कर धर्म परिवर्तन करने की
यमुनानगर, पानीपत, फरीदाबाद, गुरुग्राम
व नूह में काफी घटनाएं हुई हैं, जो
चिंताजनक हैं। कई मामलों में एफआईआर भी दर्ज हुई हैं। इस तरह की घटनाएं पूरे देश
में हो रही हैं और अलग-अलग प्रदेशों ने अपने हिसाब से कानून बनाए हैं।
𝐇𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐚𝐧𝐲 𝐫𝐞𝐥𝐢𝐠𝐢𝐨𝐮𝐬 𝐩𝐫𝐢𝐞𝐬𝐭 𝐨𝐫 𝐚𝐧𝐲 𝐩𝐞𝐫𝐬𝐨𝐧 𝐢𝐧𝐭𝐞𝐧𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐨 𝐨𝐫𝐠𝐚𝐧𝐢𝐳𝐞 𝐚 𝐜𝐨𝐧𝐯𝐞𝐫𝐬𝐢𝐨𝐧 𝐬𝐡𝐚𝐥𝐥 𝐠𝐢𝐯𝐞 𝐩𝐫𝐢𝐨𝐫 𝐧𝐨𝐭𝐢𝐜𝐞 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐃𝐢𝐬𝐭𝐫𝐢𝐜𝐭 𝐌𝐚𝐠𝐢𝐬𝐭𝐫𝐚𝐭𝐞 𝐢𝐧 𝐚𝐝𝐯𝐚𝐧𝐜𝐞 𝐠𝐢𝐯𝐢𝐧𝐠 𝐢𝐧𝐟𝐨𝐫𝐦𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐚𝐛𝐨𝐮𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐯𝐞𝐧𝐮𝐞 𝐰𝐡𝐞𝐫𝐞 𝐬𝐮𝐜𝐡 𝐜𝐨𝐧𝐯𝐞𝐫𝐬𝐢𝐨𝐧 𝐢𝐬 𝐩𝐫𝐨𝐩𝐨𝐬𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐛𝐞 𝐨𝐫𝐠𝐚𝐧𝐢𝐳𝐞𝐝. 𝐀 𝐜𝐨𝐩𝐲 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐧𝐨𝐭𝐢𝐜𝐞 𝐬𝐡𝐚𝐥𝐥 𝐛𝐞 𝐩𝐚𝐬𝐭𝐞𝐝 𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐧𝐨𝐭𝐢𝐜𝐞 𝐛𝐨𝐚𝐫𝐝 𝐨𝐮𝐭𝐬𝐢𝐝𝐞 𝐭𝐡𝐞 𝐃𝐢𝐬𝐭𝐫𝐢𝐜𝐭 𝐌𝐚𝐠𝐢𝐬𝐭𝐫𝐚𝐭𝐞’𝐬 𝐨𝐟𝐟𝐢𝐜𝐞.
मुख्यमंत्री
ने यह प्रतिक्रिया आज विधानसभा सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर चल रही बहस
के बाद पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए दी।
उन्होंने
कहा कि यह विधेयक किसी व्यक्ति को इच्छापूर्वक धर्म परिवर्तन के लिए रोक नहीं
लगाता, बशर्ते
कि इसके लिए उसे जिला मैजिस्ट्रेट को एक महीने पहले आवेदन करना होगा। उन्होंने कहा
कि भारतीय दण्ड संहिता की धाराओं में भी धर्म परिवर्तन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई
का प्रावधान है, लेकिन
इससे समस्या का पूर्ण निदान नहीं होता। इसलिए यह कानून बनाने की जरूरत पड़ी।
एक
प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिल पारित होने के बाद आगे तो यह लागू
होगा ही होगा, परन्तु
अगर पुराने मामलों में यदि कोई शिकायत आती है तो उसमें भी कार्रवाई की जाएगी।
मिशनरी
के सम्बन्ध में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी
धर्म के व्यक्तियों को कहीं भी धर्मस्थल बनाने पर प्रतिबंध नहीं है। जिस धर्म के
बारे प्रश्न किया गया है, उसके
चंगाई सम्मेलनों में धार्मिक ओरा देकर लोगों में बीमारियां दूर करने का आश्वासन
देकर अंधविश्वास फैलाते हैं, यह
विधेयक उनके खिलाफ भी है।
लाल
डोरा के सम्बन्ध में सदन में हुई चर्चा के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने
कहा कि करनाल जिले के सिरसी गांव से 26 जनवरी, 2020 को आरम्भ की गई इस योजना को
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामित्व योजना के नाम के कई राज्यों में
लागू किया है।
मुख्यमंत्री
ने स्पष्ट किया कि पंचायत को ग्राम सभा की बैठक में यह बताना होता है कि लाल डोरे
के अन्दर उक्त जमीन पर किसका कब्जा है। उसके बाद उसकी मैपिंग करवाई जाती है। यदि
किसी को आपत्ति होती है तो वह एक महीने के अन्दर उपायुक्त को अपील कर सकता है।
उन्होंने कहा कि अब तक 3000 गांवों
में लाल डोरे के अन्दर 10 लाख
सम्पत्तियों का चयन किया गया है और साढे तीन लाख रजिस्ट्रियां हो चुकी हैं।
ऑपरेशन
गंगा के बारे पूछे गये एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक
हरियाणा के 1815 छात्रों
की पहचान की गई है, जो
पहले 1785 थी।
उन्होंने कहा कि अब तक 1014 छात्र
वापस लौट चुके हैं और यूक्रेन के विभिन्न शहरों में 123 छात्र फसे हुए हैं। इसके अलावा, 599 छात्र पोलेंड, हंगरी व स्लोवाकिया देशों के बोर्डर पर पहुंच चुके
हैं तथा 59 से
सम्पर्क नहीं हो पाया है और हरियाणा के 20 विद्यार्थी
पहंचने वाले हैं। उन्होंने कहा कि यह समस्या भारत की ही नहीं बल्कि दुनिया की
समस्या बन गई है। इसलिए सभी को सुरक्षित लाना पहली प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री
ने कहा कि सदन में पूर्व स्पीकर डा. रघुबीर सिंह कादियान व अन्य कांग्रेस के
सदस्यों द्वारा किया गया आज का व्यवहार लोकतंत्र पद्वति के खिलाफ है और सदन की
मर्यादा का उल्लंघन है। बेहतर होता कि डा. कादियान
विधानसभा अध्यक्ष द्वारा खेद व्यक्त करने का दिए गये मौके पर सदन में खेद व्यक्त
करते तो मामला यहीं समाप्त हो जाता। बहुमत के साथ पारित प्रस्ताव पर सदन में
विधानसभा अध्यक्ष का निर्णय सर्वोपरि होता है। इससे पहले भी पिछले सत्र में तीन
कृषि कानूनों की प्रतियां विपक्ष के सदस्यों द्वारा फाड़ी गई थी और आज सदन में बिल
का प्रस्ताव रखे जाने के बावजूद फिर धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक, 2022 की प्रतियां फाड़ी गई। इसलिए
उन्हें सत्र की शेष अवधि के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने निलंबित किया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य व अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।