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Chandigarh- मुख्यमंत्री ने विधानसभा में डाडम क्षेत्र में अवैध खनन पर लाए गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर दिया बयान

𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫, 𝐌𝐚𝐧𝐨𝐡𝐚𝐫 𝐋𝐚𝐥 𝐰𝐡𝐢𝐥𝐞 𝐬𝐩𝐞𝐚𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐝𝐮𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐨𝐧𝐠𝐨𝐢𝐧𝐠 𝐁𝐮𝐝𝐠𝐞𝐭 𝐒𝐞𝐬𝐬𝐢𝐨𝐧 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐕𝐢𝐝𝐡𝐚𝐧 𝐒𝐚𝐛𝐡𝐚 𝐭𝐨𝐝𝐚𝐲 𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐚𝐥𝐥𝐢𝐧𝐠 𝐀𝐭𝐭𝐞𝐧𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐌𝐨𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐫𝐞𝐠𝐚𝐫𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐢𝐥𝐥𝐞𝐠𝐚𝐥 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐢𝐧 𝐃𝐚𝐝𝐚𝐦 𝐚𝐫𝐞𝐚 𝐢𝐧 𝐁𝐡𝐢𝐰𝐚𝐧𝐢 𝐝𝐢𝐬𝐭𝐫𝐢𝐜𝐭 𝐜𝐥𝐚𝐫𝐢𝐟𝐢𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐚𝐭𝐭𝐞𝐫 𝐢𝐬 𝐛𝐞𝐢𝐧𝐠 𝐢𝐧𝐯𝐞𝐬𝐭𝐢𝐠𝐚𝐭𝐞𝐝 𝐛𝐲 𝐭𝐡𝐫𝐞𝐞 𝐚𝐠𝐞𝐧𝐜𝐢𝐞𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐭𝐨 𝐰𝐚𝐢𝐭 𝐭𝐢𝐥𝐥 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐢𝐧𝐚𝐥 𝐫𝐞𝐩𝐨𝐫𝐭 𝐢𝐬 𝐨𝐮𝐭. 𝐈𝐟 𝐧𝐞𝐜𝐞𝐬𝐬𝐚𝐫𝐲, 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐢𝐬 𝐫𝐞𝐚𝐝𝐲 𝐭𝐨 𝐠𝐞𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐢𝐧𝐯𝐞𝐬𝐭𝐢𝐠𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐝𝐨𝐧𝐞 𝐛𝐲 𝐚𝐧𝐲 𝐛𝐢𝐠 𝐚𝐠𝐞𝐧𝐜𝐲.



चंडीगढ़ /
𝐂𝐢𝐭𝐲𝐥𝐢𝐟𝐞𝐡𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚.𝐂𝐨𝐦 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान आज भिवानी जिले के डाडम क्षेत्र में अवैध खनन पर लाए गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि सरकार ने राजस्व बढ़ोतरी के लिए डाडम में खनन कार्य 𝟏𝟏𝟓 करोड़ रुपये की बोली लगाने वाले मैसर्स सुन्दर मार्केटिंग एसोसिएट और कर्मजीत सिंह एण्ड कम्पनी लिमिटेड के संयुक्त उद्यम को 𝟏𝟎 साल के लिए दिया था।

इस दौरान वेदपाल नाम के एक व्यक्ति ने 𝟏𝟓𝟎 करोड़ रुपये में डाडम कार्य को करने की सहमति दी और सरकार ने उसे यह कार्य आवंटित कर दिया। लेकिन वेदपाल का चेक डिसऑनर हो गया। तत्पश्चात इसके लिए दोबारा से 𝟐 बार नीलामी की गई, जिसमें कोई भी बोलीदाता 𝟏𝟏𝟓 करोड़ रुपये में इस कार्य के लिए नहीं आया और यह निलामी असफल रही। इसके बाद तीसरे चक्र में इसे 𝟗𝟐.𝟏𝟐 करोड़ रुपये में नीलाम किया गया।

𝐓𝐡𝐞 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐚𝐩𝐩𝐫𝐢𝐬𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐇𝐨𝐮𝐬𝐞 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐒𝐩𝐞𝐜𝐢𝐚𝐥 𝐈𝐧𝐯𝐞𝐬𝐭𝐢𝐠𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐂𝐨𝐦𝐦𝐢𝐭𝐭𝐞𝐞 𝐜𝐨𝐧𝐬𝐭𝐢𝐭𝐮𝐭𝐞𝐝 𝐮𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐡𝐚𝐢𝐫𝐦𝐚𝐧𝐬𝐡𝐢𝐩 𝐨𝐟 𝐉𝐮𝐬𝐭𝐢𝐜𝐞 𝐏𝐫𝐢𝐭𝐚𝐦 𝐏𝐚𝐥, 𝐍𝐆𝐓, 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐒𝐚𝐟𝐞𝐭𝐲 𝐂𝐨𝐦𝐦𝐢𝐭𝐭𝐞𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐃𝐞𝐩𝐮𝐭𝐲 𝐂𝐨𝐦𝐦𝐢𝐬𝐬𝐢𝐨𝐧𝐞𝐫, 𝐁𝐡𝐢𝐰𝐚𝐧𝐢 𝐢𝐬 𝐩𝐫𝐨𝐛𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐚𝐭𝐭𝐞𝐫. 𝐓𝐡𝐞 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐟𝐮𝐫𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐜𝐥𝐚𝐫𝐢𝐟𝐢𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐚𝐭 𝐩𝐫𝐞𝐬𝐞𝐧𝐭 𝐭𝐡𝐞𝐫𝐞 𝐢𝐬 𝐧𝐨 𝐧𝐞𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐠𝐞𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐚𝐭𝐭𝐞𝐫 𝐢𝐧𝐯𝐞𝐬𝐭𝐢𝐠𝐚𝐭𝐞𝐝 𝐛𝐲 𝐚𝐧 𝐚𝐠𝐞𝐧𝐜𝐲 𝐥𝐢𝐤𝐞 𝐂𝐁𝐈.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व को देखते हुए 𝟏𝟓𝟎 करोड़ रुपये में सहमति जताने वाले बोलीदाता को यह कार्य दिया जाना था, लेकिन एक व्यक्ति ने न्यायालय में जाकर यह पूरी प्रक्रिया रद्द करवा दी। जिससे राजस्व का नुकसान हुआ।

कहा कि 𝟏𝟏𝟓 करोड़ रुपये से लेकर अंततः 𝟗𝟐.𝟏𝟐 करोड़ रुपये में नीलामी हुई, जिससे 𝟐𝟐.𝟖𝟖 करोड़ रुपये के राजस्व की हानि हुई है। उन्होंने कहा कि यहां पर भ्रष्टाचार का कोई सवाल पैदा ही नहीं होता, न ही किसी को फायदा पहुंचाने का कोई सवाल पैदा होता है। राज्य में कोई भी अवैध खनन का मामला नहीं है तथा खनिजों की चोरी की छुटपुट घटनाएं संज्ञान में आ रही हैं, जिन्हें कानून के अनुसार निपटाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा राजस्व का एक-एक पैसा बचाने के लिए सफल प्रयास किए गये।

विधानसभा के उपरांत पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि डाडम खनन मामले में ओपन बिड में कोई ठेकेदार नहीं आया, परंतु साजिश रच कर तकनीकी कारणों से इस बिड को रद्द करवा दिया। याचिकाकर्ता ने न्यायालय के समक्ष यह कहां था कि खनक पहाड़ की एचएसआईआईडीसी को नीलामी करने से मुझे नुकसान हो रहा है, जिसके कारण ही याचिकाकर्ता की याचिका ख़ारिज हुई थी। इससे राजस्व की हानि हुई है और इस प्रकरण की छानबीन करवाई जाएगी।

कहा कि विपक्ष का आरोप है कि अपात्र बोलीदाता को लाभ पहुँचाने के लिए लीज़ दी गयी, जोकि बेबुनियाद है, क्योंकि बाद में बोली 𝟐𝟐 करोड़ रुपये कम में छूटी थी। कुछ लोगों की गलत मानसिकता से प्रदेश को 𝟐𝟐 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

उन्होंने कहा कि हमनें नई खनन पालिसी बनाई, जिसमें खनन प्रक्रिया को सरल बनाया गया है और पारदर्शी तरीके से खनन कार्यों का नीलामी की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डाडम मामले की जांच के लिए 𝟑 अलग अलग कमेटियां कार्यरत हैं। यदि तीनों कमेटी की रिपोर्ट एक जैसी हुई तो सरकार आगामी कार्रवाई अमल में लाएगी, परंतु यदि कमेटियों की रिपोर्ट अलग हुई तो किसी दूसरी एक्सपर्ट एजेंसी से जांच कराएंगे, लेकिन किसी दोषी को बख्शेंगे नहीं।

उन्होंने बताया कि अभी जस्टिस प्रीतमपाल से जो अंतरिम रिपोर्ट मिली है, उसमें कहा गया है कि 𝟏𝟎𝟗 मीटर तक खोदने का काम पिछले ठेकेदार ने किया। परंतु अप्रैल माह तक अंतिम रिपोर्ट आएगी। उन्होंने कहा कि 𝟐𝟎𝟏𝟑 में पिछली सरकार ने डाडम साइट को आक्शन किया, लेकिन एचएसआईआईडीसी का बहाना बनाकर बड़े पक्षकार ने काम करने से मना किया, जिसके बाद ऐजी की सलाह पर हमने 𝟒𝟗 फीसदी के हिस्सेदार को काम दिया।














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