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Chandigarh- शिक्षा और स्वास्थ्य तंत्र को पूरी तरह बर्बाद करना चाहती है बीजेपी-जेजेपी सरकार: हुड्डा


𝐅𝐨𝐫𝐦𝐞𝐫 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐚𝐧𝐝 𝐋𝐞𝐚𝐝𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐎𝐩𝐩𝐨𝐬𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐁𝐡𝐮𝐩𝐢𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡 𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚 𝐡𝐚𝐬 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞𝐫𝐞 𝐚𝐫𝐞 𝐧𝐞𝐢𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐭𝐞𝐚𝐜𝐡𝐞𝐫𝐬 𝐢𝐧 𝐬𝐜𝐡𝐨𝐨𝐥𝐬 𝐧𝐨𝐫 𝐝𝐨𝐜𝐭𝐨𝐫𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐨𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐬𝐭𝐚𝐟𝐟 𝐢𝐧 𝐡𝐨𝐬𝐩𝐢𝐭𝐚𝐥𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐢𝐭 𝐬𝐞𝐞𝐦𝐬 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐁𝐉𝐏-𝐉𝐉𝐏 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐰𝐚𝐧𝐭𝐬 𝐭𝐨 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐥𝐞𝐭𝐞𝐥𝐲 𝐫𝐮𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐞𝐝𝐮𝐜𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐚𝐧𝐝 𝐡𝐞𝐚𝐥𝐭𝐡 𝐬𝐲𝐬𝐭𝐞𝐦 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞. 



हाइलाइट्स

  1. प्रदेश के इतिहास में पहली बार छोटे-छोटे बच्चों को करनी पड़ रही है भूख हड़ताल
  2. चिराग योजनाजैसी नीतियां लागू कर शिक्षा तंत्र को निजी हाथों में सौंपना चाहती है सरकार
  3. करनाल समेत पूरे प्रदेश में डॉक्टर व मेडिकल स्टाफ का टोटा
  4. सरकारी अस्पतालों में मरीजों को ना दवाईयां मिल रहीं, ना इलाज
  5. विधानसभा में शिक्षा व स्वास्थ्य के मुद्दों को प्रमुखता से उठाएगी कांग्रेस 


चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। बीजेपी-जेजेपी सरकार प्रदेश के शिक्षा और स्वास्थ्य तंत्र को पूरी तरह बर्बाद करना चाहती है। इसीलिए ना स्कूलों में टीचर्स उपलब्ध करवाए जा रहे हैं और ना ही अस्पतालों में डॉक्टर व अन्य स्टाफ। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। 

हुड्डा फतेहाबाद के जाखल मंडी स्थित मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल में चल रही विद्यार्थियों की भूख हड़ताल पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। यहां पर शिक्षकों की मांग को लेकर छात्र-छात्राएं कई दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। स्कूल में 33 में से आधे 16 टीचर्स के पद खाली पड़े हुए हैं। लेकिन सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही।

हुड्डा ने कहा कि इससे पहले टीचर्स की मांग को लेकर ही मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र वाले करनाल में छोटे-छोटे बच्चों को भीषण गर्मी में पैदल मार्च करना पड़ा था। प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि छोटे-छोटे बच्चों को पैदल मार्च और भूख हड़ताल करनी पड़ रही है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि प्रदेश के स्कूलों में अध्यापकों के लगभग 50 हजार पद खाली पड़े हुए हैं। 

पिछले 8 साल में सरकार ने जेबीटी की एक भी भर्ती नहीं निकाली। टीचर्स नहीं होने की वजह से से सरकारी स्कूलों से अभिभावक किनारा कर रहे हैं। सरकारी स्कूलों में लगातार विद्यार्थियों की संख्या घटती जा रही है। पिछले साल पहली कक्षा के लिए 2,29,315 बच्चों ने रेजिस्ट्रेशन करवाया था, जो इसबार घटकर 1,23,624 रह गया है। विद्यार्थियों की संख्या में इतनी गिरावट सरकार की नाकामी का जीता जागता सबूत है।

“𝐓𝐡𝐢𝐬 𝐢𝐬 𝐡𝐚𝐩𝐩𝐞𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐛𝐞𝐜𝐚𝐮𝐬𝐞 𝐚𝐛𝐨𝐮𝐭 𝟓𝟎,𝟎𝟎𝟎 𝐩𝐨𝐬𝐭𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐞𝐚𝐜𝐡𝐞𝐫𝐬 𝐚𝐫𝐞 𝐥𝐲𝐢𝐧𝐠 𝐯𝐚𝐜𝐚𝐧𝐭 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐜𝐡𝐨𝐨𝐥𝐬. 𝐈𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐥𝐚𝐬𝐭 𝟖 𝐲𝐞𝐚𝐫𝐬, 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐝𝐢𝐝 𝐧𝐨𝐭 𝐫𝐞𝐜𝐫𝐮𝐢𝐭 𝐞𝐯𝐞𝐧 𝐚 𝐬𝐢𝐧𝐠𝐥𝐞 𝐉𝐁𝐓 𝐭𝐞𝐚𝐜𝐡𝐞𝐫 𝐚𝐧𝐝 𝐩𝐚𝐫𝐞𝐧𝐭𝐬 𝐚𝐫𝐞 𝐰𝐢𝐭𝐡𝐝𝐫𝐚𝐰𝐢𝐧𝐠 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐬𝐜𝐡𝐨𝐨𝐥𝐬 𝐛𝐞𝐜𝐚𝐮𝐬𝐞 𝐭𝐡𝐞𝐲 𝐝𝐨𝐧’𝐭 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐞𝐧𝐨𝐮𝐠𝐡 𝐭𝐞𝐚𝐜𝐡𝐞𝐫𝐬. 𝐋𝐚𝐬𝐭 𝐲𝐞𝐚𝐫, 𝟐,𝟐𝟗,𝟑𝟏𝟓 𝐜𝐡𝐢𝐥𝐝𝐫𝐞𝐧 𝐡𝐚𝐝 𝐫𝐞𝐠𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫𝐞𝐝 𝐟𝐨𝐫 𝐜𝐥𝐚𝐬𝐬 𝐈, 𝐰𝐡𝐢𝐜𝐡 𝐡𝐚𝐬 𝐜𝐨𝐦𝐞 𝐝𝐨𝐰𝐧 𝐭𝐨 𝟏,𝟐𝟑,𝟔𝟐𝟒 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐭𝐢𝐦𝐞. 𝐒𝐮𝐜𝐡 𝐚 𝐝𝐫𝐨𝐩 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐧𝐮𝐦𝐛𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐬𝐭𝐮𝐝𝐞𝐧𝐭𝐬 𝐢𝐬 𝐚 𝐜𝐥𝐞𝐚𝐫 𝐩𝐫𝐨𝐨𝐟 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐢𝐥𝐮𝐫𝐞 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭,” 𝐡𝐞 𝐩𝐨𝐢𝐧𝐭𝐞𝐝 𝐨𝐮𝐭. 

हुड्डा ने बताया कि शिक्षा तंत्र प्रदेश का वर्तमान और भविष्य तय करता है। इस बात को समझते हुए हरियाणा में कांग्रेस सरकार के दौरान उन्होंने 27 नए विश्वविद्यालय जिनमें 12 सरकारी विश्वविद्यालय शामिल थे, स्थापित किए। इसी तरह प्रदेश में आईआईटी और आईआईएम जैसे राष्ट्रीय स्तर के संस्थान लेकर आए। 

हरियाणा में मॉडल स्कूल, किसान मॉडल स्कूल और आरोही मॉडल स्कूलों की शुरुआत की। इसके अलावा सैकड़ों नई स्कूल, आईटीआई, एंजीनियरिंग कॉलेज, बीएड, जेबीटी कॉलेज निर्माण, पुराने स्कूलों को अपग्रेड करने का काम भी उन्हीं की सरकार के दौरान हुआ था। लेकिन मौजूदा सरकार ‘चिराग योजना’ जैसी नीतियां लागू करके पूरे शिक्षा तंत्र को ध्वस्त कर निजी हाथों में सौंपना चाहती है।

“𝐓𝐡𝐞 𝐞𝐝𝐮𝐜𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐬𝐲𝐬𝐭𝐞𝐦 𝐬𝐡𝐚𝐩𝐞𝐬 𝐧𝐨𝐭 𝐨𝐧𝐥𝐲 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐫𝐞𝐬𝐞𝐧𝐭, 𝐛𝐮𝐭 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐟𝐮𝐭𝐮𝐫𝐞 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞. 𝐓𝐡𝐢𝐬 𝐢𝐬 𝐰𝐡𝐲 𝐰𝐞 𝐞𝐬𝐭𝐚𝐛𝐥𝐢𝐬𝐡𝐞𝐝 𝟐𝟕 𝐧𝐞𝐰 𝐮𝐧𝐢𝐯𝐞𝐫𝐬𝐢𝐭𝐢𝐞𝐬, 𝐢𝐧𝐜𝐥𝐮𝐝𝐢𝐧𝐠 𝟏𝟐 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐮𝐧𝐢𝐯𝐞𝐫𝐬𝐢𝐭𝐢𝐞𝐬 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐝𝐮𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐨𝐧𝐠𝐫𝐞𝐬𝐬 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭. 𝐒𝐢𝐦𝐢𝐥𝐚𝐫𝐥𝐲, 𝐧𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧𝐚𝐥 𝐥𝐞𝐯𝐞𝐥 𝐢𝐧𝐬𝐭𝐢𝐭𝐮𝐭𝐞𝐬 𝐥𝐢𝐤𝐞 𝐈𝐈𝐓𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐈𝐈𝐌𝐬 𝐰𝐞𝐫𝐞 𝐛𝐫𝐨𝐮𝐠𝐡𝐭 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞,” 𝐡𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝.  

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि शिक्षा के साथ स्वास्थ्य तंत्र की खस्ता हालत के लिए भी सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं। आज स्वास्थ्य महकमे में 10,000 पद खाली पड़े हुए हैं। खुद मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र करनाल के सामान्य अस्पताल में डॉक्टर और बाकी स्टाफ का टोटा है। अस्पताल में पिछले 6 महीने से महिला रोग विशेषज्ञ का पद खाली पड़ा हैं। इतना ही नहीं मरीजों को सरकारी अस्पतालों में दवाईयां तक नहीं मिल रही। ऐसे में लोग इलाज और दवाइयों के लिए निजी अस्पतालों में जाने को मजबूर हैं।

𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐚𝐥𝐨𝐧𝐠 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐞𝐝𝐮𝐜𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧, 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐨𝐥𝐢𝐜𝐢𝐞𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐚𝐫𝐞 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐫𝐞𝐬𝐩𝐨𝐧𝐬𝐢𝐛𝐥𝐞 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐨𝐨𝐫 𝐜𝐨𝐧𝐝𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐡𝐞𝐚𝐥𝐭𝐡 𝐬𝐲𝐬𝐭𝐞𝐦. “𝐓𝐨𝐝𝐚𝐲 𝟏𝟎,𝟎𝟎𝟎 𝐩𝐨𝐬𝐭𝐬 𝐚𝐫𝐞 𝐥𝐲𝐢𝐧𝐠 𝐯𝐚𝐜𝐚𝐧𝐭 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐡𝐞𝐚𝐥𝐭𝐡 𝐝𝐞𝐩𝐚𝐫𝐭𝐦𝐞𝐧𝐭. 𝐓𝐡𝐞𝐫𝐞 𝐢𝐬 𝐚 𝐬𝐡𝐨𝐫𝐭𝐚𝐠𝐞 𝐨𝐟 𝐝𝐨𝐜𝐭𝐨𝐫𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐨𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐬𝐭𝐚𝐟𝐟 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐞𝐧𝐞𝐫𝐚𝐥 𝐡𝐨𝐬𝐩𝐢𝐭𝐚𝐥 𝐨𝐟 𝐊𝐚𝐫𝐧𝐚𝐥, 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐧𝐬𝐭𝐢𝐭𝐮𝐞𝐧𝐜𝐲 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐡𝐢𝐦𝐬𝐞𝐥𝐟. 𝐓𝐡𝐞 𝐩𝐨𝐬𝐭 𝐨𝐟 𝐆𝐲𝐧𝐚𝐞𝐜𝐨𝐥𝐨𝐠𝐢𝐬𝐭 𝐢𝐬 𝐥𝐲𝐢𝐧𝐠 𝐯𝐚𝐜𝐚𝐧𝐭 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐡𝐨𝐬𝐩𝐢𝐭𝐚𝐥 𝐬𝐢𝐧𝐜𝐞 𝐥𝐚𝐬𝐭 𝟔 𝐦𝐨𝐧𝐭𝐡𝐬. 𝐍𝐨𝐭 𝐨𝐧𝐥𝐲 𝐭𝐡𝐢𝐬, 𝐩𝐚𝐭𝐢𝐞𝐧𝐭𝐬 𝐚𝐫𝐞 𝐧𝐨𝐭 𝐞𝐯𝐞𝐧 𝐠𝐞𝐭𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐦𝐞𝐝𝐢𝐜𝐢𝐧𝐞𝐬 𝐢𝐧 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐡𝐨𝐬𝐩𝐢𝐭𝐚𝐥𝐬. 𝐈𝐧 𝐬𝐮𝐜𝐡 𝐚 𝐬𝐢𝐭𝐮𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧, 𝐩𝐞𝐨𝐩𝐥𝐞 𝐚𝐫𝐞 𝐟𝐨𝐫𝐜𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐠𝐨 𝐭𝐨 𝐩𝐫𝐢𝐯𝐚𝐭𝐞 𝐡𝐨𝐬𝐩𝐢𝐭𝐚𝐥𝐬 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐫𝐞𝐚𝐭𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐚𝐧𝐝 𝐦𝐞𝐝𝐢𝐜𝐢𝐧𝐞𝐬,” 𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞𝐝, 𝐩𝐨𝐢𝐧𝐭𝐞𝐝 𝐭𝐨𝐰𝐚𝐫𝐝𝐬 𝐫𝐢𝐬𝐢𝐧𝐠 𝐨𝐮𝐭-𝐨𝐟-𝐩𝐨𝐜𝐤𝐞𝐭 𝐦𝐞𝐝𝐢𝐜𝐚𝐥 𝐞𝐱𝐩𝐞𝐧𝐬𝐞𝐬.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र को बेहतर बनाने के लिए कांग्रेस कार्यकाल के दौरान उन्होंने 4 नए मेडिकल कॉलेज बनवाने का काम किया था। एम्स और कैंसर इंस्टीट्यूट जैसे राष्ट्रीय स्तर के संस्थान भी उन्हीं के कार्यकाल के दौरान प्रदेश में आए। कांग्रेस सरकार के दौरान प्रदेशभर में दर्जनों नए अस्पतालों का निर्माण और पुराने अस्पतालों को अपग्रेड करने का काम किया गया था।

लेकिन पिछले 8 साल में बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी सरकार के दौरान ना प्रदेश में कोई बड़ा मेडिकल संस्थान आया और ना कोई नया मेडिकल कॉलेज बना। यहां तक कि सरकार पहले से स्थापित अस्पतालों में जरूरत के मुताबिक मशीनें और स्टाफ तक मुहैया नहीं करवा रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विधासनभा के मानसून सत्र में कांग्रेस शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति सरकार के उदासीन रवैए के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएगी। आधारभूत जन सुविधाओं के प्रति सरकार की अनदेखी के लिए उससे जवाब मांगा जाएगा।

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