𝗜𝗻 𝗮 𝘀𝘁𝗮𝘁𝗲-𝗹𝗲𝘃𝗲𝗹 𝗽𝗿𝗼𝗴𝗿𝗮𝗺𝗺𝗲 𝗼𝗿𝗴𝗮𝗻𝗶𝘇𝗲𝗱 𝗶𝗻 𝗞𝘂𝗿𝘂𝗸𝘀𝗵𝗲𝘁𝗿𝗮 𝘁𝗼 𝗼𝗯𝘀𝗲𝗿𝘃𝗲 𝗣𝗮𝗿𝘁𝗶𝘁𝗶𝗼𝗻 𝗛𝗼𝗿𝗿𝗼𝗿𝘀 𝗥𝗲𝗺𝗲𝗺𝗯𝗿𝗮𝗻𝗰𝗲 𝗗𝗮𝘆 (𝗩𝗶𝗯𝗵𝗮𝗷𝗮𝗻 𝗩𝗶𝗯𝗵𝗶𝘀𝗵𝗶𝗸𝗮 𝗦𝗺𝗿𝗶𝘁𝗶 𝗗𝗶𝘄𝗮𝘀') 𝗮𝗻𝗻𝗼𝘂𝗻𝗰𝗲𝗱 𝘁𝗵𝗮𝘁 𝘄𝗼𝗿𝗹𝗱-𝗰𝗹𝗮𝘀𝘀 ‘𝗦𝗵𝗮𝗵𝗲𝗲𝗱𝗶 𝗦𝗺𝗮𝗿𝗮𝗸’ (𝘄𝗮𝗿 𝗺𝗲𝗺𝗼𝗿𝗶𝗮𝗹) 𝘄𝗶𝗹𝗹 𝗯𝗲 𝗯𝘂𝗶𝗹𝘁 𝗯𝘆 𝗣𝗮𝗻𝗰𝗵𝗻𝗮𝗱 𝗦𝗺𝗮𝗿𝗮𝗸 𝗧𝗿𝘂𝘀𝘁 𝗶𝗻 𝗮𝗯𝗼𝘂𝘁 𝟮𝟱 𝗮𝗰𝗿𝗲𝘀 𝗼𝗳 𝗹𝗮𝗻𝗱 𝗻𝗲𝗮𝗿 𝗣𝗶𝗽𝗹𝗶 𝗶𝗻 𝗞𝘂𝗿𝘂𝗸𝘀𝗵𝗲𝘁𝗿𝗮 𝗱𝗶𝘀𝘁𝗿𝗶𝗰𝘁 𝘁𝗼 𝗿𝗲𝗺𝗲𝗺𝗯𝗲𝗿 𝘁𝗵𝗼𝘀𝗲 𝘄𝗵𝗼 𝘄𝗲𝗿𝗲 𝗺𝗮𝗿𝘁𝘆𝗿𝗲𝗱 𝗮𝘁 𝘁𝗵𝗲 𝘁𝗶𝗺𝗲 𝗼𝗳 𝗽𝗮𝗿𝘁𝗶𝘁𝗶𝗼𝗻. 𝗛𝗲 𝗰𝗮𝗹𝗹𝗲𝗱 𝘂𝗽𝗼𝗻 𝘁𝗵𝗲 𝗧𝗿𝘂𝘀𝘁 𝘁𝗼 𝘀𝘁𝗮𝗿𝘁 𝘁𝗵𝗲 𝗰𝗼𝗻𝘀𝘁𝗿𝘂𝗰𝘁𝗶𝗼𝗻 𝘄𝗼𝗿𝗸 𝗼𝗳 𝘁𝗵𝗲 ‘𝗦𝗵𝗮𝗵𝗲𝗲𝗱𝗶 𝗦𝗺𝗮𝗿𝗮𝗸’ 𝗮𝘁 𝘁𝗵𝗲 𝗲𝗮𝗿𝗹𝗶𝗲𝘀𝘁. 𝗧𝗵𝗶𝘀 ‘𝗦𝗵𝗮𝗵𝗲𝗲𝗱𝗶 𝗦𝗺𝗮𝗿𝗮𝗸’ 𝘄𝗶𝗹𝗹 𝗯𝗲 𝗿𝘂𝗻 𝗯𝘆 𝗣𝗮𝗻𝗰𝗵𝗻𝗮𝗱 𝗧𝗿𝘂𝘀𝘁.
कुरुक्षेत्र, डिजिटल डेक्स।। कुरुक्षेत्र में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की कि विभाजन के समय शहीद हुए लाखों लोगों की स्मृति में कुरुक्षेत्र जिले में पीपली के पास लगभग 25 एकड़ में पंचनद स्मारक ट्रस्ट द्वारा शहीद स्मारक बनाया जाएगा।
उन्होंने ट्रस्ट से स्मारक का निर्माण का कार्य जल्दी शुरू करने का आह्वान किया। यह स्मारक पंचनद ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जाएगा। मनोहर लाल ने कहा कि वे चाहते हैं कि इस स्मारक की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बने जिसके लिए समाज के हर सदस्य को इसमें अपना योगदान करना चाहिए।
उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे अपने पूर्वजों के बलिदान को याद करें व इस कार्य में योगदान के लिए आगे आएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे भी अपनी और सरकार की तरफ से इस स्मारक के निर्माण में योगदान करेंगे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर देश के विभाजन के बाद हुए रक्तपात में मारे गए लोगों के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि आज का दिन भारत के इतिहास में युगांतकारी परिवर्तन लाने वाला दिन है। वर्ष 1947 में आज के दिन भारत की आजादी की प्रक्रिया चल रही थी तो दूसरी तरफ भारत माता की छाती पर लकीर खींच कर देश का विभाजन भी किया गया था।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर देश के विभाजन के बाद हुए रक्तपात में मारे गए लोगों के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि आज का दिन भारत के इतिहास में युगांतकारी परिवर्तन लाने वाला दिन है। वर्ष 1947 में आज के दिन भारत की आजादी की प्रक्रिया चल रही थी तो दूसरी तरफ भारत माता की छाती पर लकीर खींच कर देश का विभाजन भी किया गया था।
देश का विभाजन ऐसी त्रासदी है जिस पर आजादी के बाद का साहित्य भरा पड़ा है। मुख्यमंत्री ने विभाजन के समय को याद करते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों ने गर्दन कटाना सही समझा लेकिन धर्म बदलना नहीं। उन्होंने कहा कि अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम आने वाली पीढिय़ों को उस वक्त की कहानियां सुनाएं और आने वाली पीढिय़ों को पाने पूर्वजों के संघर्ष और बलिदान के बारे में जानकारी हो।
उन्होंने कहा कि उस वक्त में करीब एक करोड़ 20 लाख लोगों का विस्थापन हुआ था और लाखों लोग मारे गए थे। हमारे पूर्वजों ने जान से ज्यादा संस्कृति और देश से प्यार को दर्शाते हुए अपना बलिदान दिया। उन्होंने बताया कि जब वे लोग वहां से आए तो रोटी के लाले थे, सिर पर छत नहीं थी, पहनने को कपड़े नहीं थे लेकिन उन्होंने फिर भी हाथ नहीं फैलाया बल्कि मेहनत कर हमारे समाज के लोग अपने पांव पर खड़े हुए और अपने पुरुषार्थ से पुरुषार्थी बने शरणार्थी नहीं।
उन्होंने कहा कि उस वक्त में करीब एक करोड़ 20 लाख लोगों का विस्थापन हुआ था और लाखों लोग मारे गए थे। हमारे पूर्वजों ने जान से ज्यादा संस्कृति और देश से प्यार को दर्शाते हुए अपना बलिदान दिया। उन्होंने बताया कि जब वे लोग वहां से आए तो रोटी के लाले थे, सिर पर छत नहीं थी, पहनने को कपड़े नहीं थे लेकिन उन्होंने फिर भी हाथ नहीं फैलाया बल्कि मेहनत कर हमारे समाज के लोग अपने पांव पर खड़े हुए और अपने पुरुषार्थ से पुरुषार्थी बने शरणार्थी नहीं।
उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से बंजर भूमि को उपजाऊ बनाया। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि उपजाऊ भूमि पर मेहनत करने वालों को भी उस पर कुछ अधिकार मिले इस पर विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने युवा पीढ़ी से आह्वान किया कि अगर हमें देश को आगे बढ़ाना है तो हमारे समाज, संस्कृति, बोली भाषा को याद रखना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश के बंटवारे को 20वीं शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी कहा है। उन्होंने ही गत वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर आजादी के अमृत महोत्सव का शुभारंभ करते हुए 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाने की घोषणा की थी।
मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा की इस भूमि ने बंटवारे के दर्द को कुछ अधिक ही सहन किया है। यहां पाकिस्तान से उजड़ कर आने वाले लाखों परिवार इस बात का प्रमाण हैं। वे स्वयं उन्ही परिवारों के बीच पले-बढ़े हैं और उस दर्द को भली भांति जानता हैं।
मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा की इस भूमि ने बंटवारे के दर्द को कुछ अधिक ही सहन किया है। यहां पाकिस्तान से उजड़ कर आने वाले लाखों परिवार इस बात का प्रमाण हैं। वे स्वयं उन्ही परिवारों के बीच पले-बढ़े हैं और उस दर्द को भली भांति जानता हैं।
उन्होंने कहा कि देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। आजादी का जश्न मनाते हुए एक कृतज्ञ राष्ट्र, मातृभूमि के उन बेटे-बेटियों को भी नमन करता हैं, जिन्हें हिंसा के उन्माद में अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी।
यह दिवस हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी। साथ ही वर्तमान और आने वाली पीढिय़ों को विभाजन के दौरान लोगों द्वारा झेले गए दर्द और पीड़ा की याद दिलाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश को एक सूत्र में पिरोने के लिए सबका साथ-सबका विकास के विजन के साथ अनेक पहल की हैं। उन्होंने एक भारत-श्रेष्ठ भारत योजना के द्वारा देश के एक कोने में बैठे लोगों को दूसरे कोने के लोगों से मिलने और उन्हें जानने का अवसर प्रदान किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश को एक सूत्र में पिरोने के लिए सबका साथ-सबका विकास के विजन के साथ अनेक पहल की हैं। उन्होंने एक भारत-श्रेष्ठ भारत योजना के द्वारा देश के एक कोने में बैठे लोगों को दूसरे कोने के लोगों से मिलने और उन्हें जानने का अवसर प्रदान किया है।
इससे देश के सब लोग भारत को जानकर उससे अपना लगाव महसूस करेंगे। प्रधानमंत्री के विजन से प्रेरित होकर हमने हरियाणा में 'हरियाणा एक-हरियाणवी एक' का नारा दिया है। इसी भाव से हमने प्रदेश के सब क्षेत्रों में समान विकास और सब वर्गों के कल्याण के लिए निरंतर काम किया है।
इस अवसर पर रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों और मॉल जैसे प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर ‘विभाजन की भयावहता’ पर प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया। वहीं कार्यक्रम स्थल पर बंटवारे के समय शहीद हुए लगभग 1200 लोगों पर बनी लघु फिल्म भी दिखाई गई।
कार्यक्रम में सांसद नायब सैनी, करनाल से सांसद संजय भाटिया, अंबाला से सांसद रतनलाल कटारिया, रोहतक से सांसद अरविंद शर्मा, विधायक सुभाष सुधा, स्वामी धर्मदेव और गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद तथा प्रदेश सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
इस अवसर पर रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों और मॉल जैसे प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर ‘विभाजन की भयावहता’ पर प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया। वहीं कार्यक्रम स्थल पर बंटवारे के समय शहीद हुए लगभग 1200 लोगों पर बनी लघु फिल्म भी दिखाई गई।
कार्यक्रम में सांसद नायब सैनी, करनाल से सांसद संजय भाटिया, अंबाला से सांसद रतनलाल कटारिया, रोहतक से सांसद अरविंद शर्मा, विधायक सुभाष सुधा, स्वामी धर्मदेव और गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद तथा प्रदेश सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
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