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Panchkula- वर्षो से जेलों में बंद बंदी सिखों की रिहाई को लेकर प्रदर्शन, PM के नाम ज्ञापन भी सौंपा


देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के बाद भी उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है. अगर इतिहास को देख लिया जाए तो देश के लिए सबसे ज्यादा कुर्बानियां पंजाबियों ने ही दी है. आज भी सरहदों पर सबसे अधिक सिख हैं.



पंचकूला, डिजिटल डेक्स।। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर साहिब की अगुवाई में आज पंचकूला में लंबे समय से विभिन्न जेलों में बंद सीख बंदियों (कैदियों) को रिहा करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पंचकूला प्रशासन के माध्यम से एक ज्ञापन भी सौंपा गया।

पंचकूला के सेक्टर 1 जिला सचिवालय के बाहर 1984 के दंगों के दौरान गिरफ्तार किए गए सिख बंदियों( केदियो) की रिहाई सुधार की मांग करते हुए प्रदर्शन किया गया भारत के विभिन्न जेलों में बंद सिख बंदीयो की रिहाई की मांग को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक मांग पत्र भी प्रशासन को सौंपा गया। 

पंचकूला के नाडा साहिब गुरुद्वारा के हेड ग्रंथि सरदार जगजीत सिंह ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री ने गुरु नानक देव जी के 550 प्रकाश पूर्व सिख बंदी सीखो की रिहाई का ऐलान किया था परंतु वह आज तक लागू नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि दुख की बात तो यह है कि बहुत सारे सिक्ख कैदियों ने उम्र कैद से भी दुगनी सजा जेलों के अंदर काटी है।

उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के बाद भी उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है। अगर इतिहास को देख लिया जाए तो देश के लिए सबसे ज्यादा कुर्बानियां पंजाबियों ने ही दी है। आज भी सरहदों पर सबसे अधिक सिख हैं।

कहा कि 30-30 साल से देश की जेलों में बंद सिंहों के साथ इंसाफ नहीं किया जा रहा है और सरकार ऐलान करने के बाद भी सिंहों की रिहाई नहीं कर रही है। यह बेहद निदनीय है कि देश के लिए सबसे अधिक कुर्बानियां देने वाले सिखों के साथ धक्का किया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी की ओर से देश का प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को मुलाकात के लिए समय मांगने के बावजूद भी कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है।

इनमें लखविंदर सिंह लक्खा गुरमीत सिंह, शमशेर सिंह भाई परमजीत सिंह भियोरा, जगतार सिंह तारा समेत कई और सिक्ख कैदी शामिल है। उन्होंने कहा कि देश के हर नागरिक को बराबर अधिकार है तो फिर सिखों के साथ यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह मांग करते हैं कि अपनी सजा पूरी कर चुके सिख कैदियों को जल्द से जल्द रिहा किया जाए।


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