काउंसिल ऑफ IIT’s के भारतीय संसद से एकमात्र निर्वाचित सदस्य दीपेन्द्र हुड्डा की पहल पर 1 नवंबर, 2011 को आईआईटी सलाहकार परिषद् की बैठक में हरियाणा में आईआईटी दिल्ली के दो ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ को मंजूरी दी गई
हाइलाइट्स
- आईआईटी पर सरकार के दावों की सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने खोली पोल
- 21 दिसम्बर 2013 को तत्कालीन केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ. एम.एम. पल्लमराजू ने आईआईटी दिल्ली के बाढ़सा कैम्पस का शिलान्यास किया
- अपनी अनुपलब्धि को उपलब्धि बता रही है सरकार
- भाजपा ने युवाओं को दिया धोखा, राजनीतिक कमजोरी के चलते मंजूरशुदा आईआईटी सहित दर्जनों बड़ी परियोजनाओं को या तो प्रदेश के बाहर भेजा या ठंडे बस्ते में डाला
- भाजपा सरकार बताए 8 वर्षों में बाढ़सा आईआईटी परिसर में एक भी नयी ईंट क्यों नहीं लगवाई
- प्रदेश में नकारा सरकार, रेल कोच फैक्ट्री, महम अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा जैसी परियोजनाओं को यहाँ से दूसरे प्रदेशों में उठा ले गए
- मनेठी एम्स, बाढ़सा एम्स-2 परिसर के बचे हुए 10 मंजूरशुदा संस्थानों का काम भी मौजूदा सरकार की राजनैतिक कमजोरी के चलते अटका
चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आईआईटी पर सरकार के दावों की पोल खोलते हुए कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष इस मुद्दे पर प्रदेश को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बतौर काउंसिल ऑफ 𝐈𝐈𝐓’𝐬 के भारतीय संसद से एकमात्र निर्वाचित सदस्य उनकी पहल पर ही 𝟏 नवंबर, 𝟐𝟎𝟏𝟏 को आईआईटी सलाहकार परिषद् की 𝟒𝟑वीं बैठक में हरियाणा में आईआईटी दिल्ली के दो ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ को मंजूरी दी गई। इनमें से एक बाढ़सा, झज्जर में और दूसरा राजीव गांधी एजुकेशन सिटी, सोनीपत में प्रस्तावित था।
𝟐𝟒 अक्टूबर, 𝟐𝟎𝟏𝟑 को हरियाणा के तकनीकी शिक्षा विभाग ने आईआईटी दिल्ली को 𝟓𝟎 एकड़ जमीन ट्रांसफर करने के ऑर्डर भी कर दिए थे। दोनों परिसरो की आधारशिला 𝟐𝟏 दिसम्बर, 𝟐𝟎𝟏𝟑 में काउंसिल ऑफ 𝐈𝐈𝐓’𝐬 के भारतीय संसद से एकमात्र निर्वाचित सदस्य एवं सांसद दीपेंद्र हुड्डा की उपस्थिति और पूर्व मुख्यमंत्री चौ. भूपेंद्र हुड्डा की अध्यक्षता में तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू द्वारा रखी गई थी। मगर 𝟖 साल बाद भी बाढ़सा आईआईटी दिल्ली कैम्पस में भाजपा सरकार ने एक नयी ईंट भी नहीं लगा पाई।
उन्होंने बताया कि वो लगातार हर स्तर पर इसका काम पूरा कराने के प्रयास करते रहे। बीते 𝟔 अप्रैल, 𝟐𝟎𝟏𝟖 को उन्होंने तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह से स्वयं मुलाकात कर आईआईटी का काम तेजी से पूरा कराने का अनुरोध भी किया था। इस पर 𝟏𝟕, जुलाई, 𝟐𝟎𝟏𝟖 को केन्द्रीय मंत्री सत्य पाल सिंह ने लिखित तौर पर बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा अभी तक आईआईटी दिल्ली को जमीन नहीं सौंपी गई, जिसके कारण काम शुरू नहीं हो सका।
जबकि, पिछले 8 साल से ज्यादा समय से उनकी सरकार ने इसका काम अटकाये रखा है। इसके साथ-साथ, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ मुख्यमंत्री द्वारा गुमराह करने वाली इस घोषणा को बड़ी सौगात बताते हुए इसके लिए उनका आभार जता रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि भाजपा सरकार अपनी अनुपलब्धि को भी अपनी उपलब्धि बनाकर पेश कर रही है।
सांसद दीपेन्द्र ने आगे कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार पूरी तरह नकारा साबित हुई है... उसने केवल बाढ़सा में प्रस्तावित आईआईटी के ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के काम को ही ठंडे बस्ते में नहीं डाला, बल्कि राजनीतिक कमजोरी के चलते हमारे द्वारा मंजूर करायी गयी दर्जनों बड़ी परियोजनाओं जैसे मनेठी एम्स, बाढ़सा एम्स-𝟐 परिसर के बचे हुए 𝟏𝟎 मंजूरशुदा संस्थान, रेल कोच फैक्ट्री, महम अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा, 𝐑𝐑𝐓𝐒 प्रोजेक्ट आदि को या तो दूसरे प्रदेशों में भेज दिया या काम ही अटका दिया।
सांसद दीपेन्द्र ने आगे कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार पूरी तरह नकारा साबित हुई है... उसने केवल बाढ़सा में प्रस्तावित आईआईटी के ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के काम को ही ठंडे बस्ते में नहीं डाला, बल्कि राजनीतिक कमजोरी के चलते हमारे द्वारा मंजूर करायी गयी दर्जनों बड़ी परियोजनाओं जैसे मनेठी एम्स, बाढ़सा एम्स-𝟐 परिसर के बचे हुए 𝟏𝟎 मंजूरशुदा संस्थान, रेल कोच फैक्ट्री, महम अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा, 𝐑𝐑𝐓𝐒 प्रोजेक्ट आदि को या तो दूसरे प्रदेशों में भेज दिया या काम ही अटका दिया।
उन्होंने कहा कि उनका सपना रहा है कि हरियाणा को उच्च शिक्षा के मामले में दुनिया के मानचित्र में एजुकेशन हब के रूप में जाना जाये। इसी सोच के साथ उन्होंने खुद कड़ी मशक्कत के बाद हरियाणा के युवाओं के हित में देश के सबसे प्रतिष्ठित तकनीकी और इंजीनियरिंग संस्थान आईआईटी को यहां खोलने का रास्ता तैयार किया था। उन्होंने यहाँ आईआईटी के अलावा आईआईएम, एम्स-𝟐 परिसर में एनसीआई समेत 𝟏𝟏 अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों को मंजूरी दिलवायी।
झज्जर के बाढ़सा में 𝟏𝟐𝟓 एकड़ भूमि पर आईआईटी दिल्ली का रिर्सच एंड डेवलवमेंट सेंटर भी प्रस्तावित किया गया था। बाढ़सा एम्स-𝟐परिसर में ही एनसीआई के अलावा राष्ट्रीय महत्व के कुल 𝟏𝟎 संस्थान और बनने थे, जिनके अब तक न बनने से इलाके में भारी रोष है। सांसद दीपेन्द्र ने कहा ये प्रोजेक्ट उनके राजनीतिक जीवन का सबसे महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है और इससे वो भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं।
दीपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश की भाजपा सरकार में बैठे लोगों के सामान्य ज्ञान का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि... रोहतक में मुख्यमंत्री जाकर कहते हैं कि प्रदेश में एक भी आईआईएम नहीं है वो कोशिश करेंगे कि हरियाणा को एक आईआईएम मिले। जबकि उस समय तक आईआईएम से 𝟐 बैच पास होकर निकल भी चुके थे।
दीपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश की भाजपा सरकार में बैठे लोगों के सामान्य ज्ञान का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि... रोहतक में मुख्यमंत्री जाकर कहते हैं कि प्रदेश में एक भी आईआईएम नहीं है वो कोशिश करेंगे कि हरियाणा को एक आईआईएम मिले। जबकि उस समय तक आईआईएम से 𝟐 बैच पास होकर निकल भी चुके थे।
आईआईएम के 𝟐 बैच पास होने तक खुद मुख्यमंत्री को भी पता नहीं था कि प्रदेश में आईआईएम मौजूद है। इसी प्रकार साक्षी मलिक जब ओलंपिक पदक जीतकर गांव मोखरा में आयोजित सम्मान समारोह में पहुंची तो प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस खुशी के मौके पर हमने फैसला किया है कि गांव में जल्द एक महिला गवर्नमेंट कॉलेज खुलवाया जाएगा, जबकि पूरा कार्यक्रम ही सरकारी कॉलेज में हो रहा था। उनके इस बयान पर समारोह में मौजूद गाँव वाले काफी हँसे थे।
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