तीसरी बार हुई घोर लापरवाही, जानकारी देने से बचते रहे अधिकारी
यमुनानगर, डिजिटल डेक्स।। हाइडल प्रोजेक्ट पावर हाउस बी की मशीन में रात के समय अचानक फाल्ट आ गया। इस कारण हाइडल लिंक चैनल के बाईपास गेट के न खुलने से लिंक चैनल ओवरफ्लो हो गयी और खेतों में पानी घुस गया।
नहर ओवरफ्लों होने के कई घंटे भर बाद पानी को आरडी 𝟗𝟎𝟎 से पश्चिमी यमुना नहर में डाइवर्ट किया गया। घटना के बाद हाइडिल लिंक चैनल चैनल की सप्लाई रोक दी गई। प्रोजेक्ट पर पावर जनरेशन ठप हो गया है। पावर जेनरेशन बंद हो जाने के कारण लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है।
बाईपास के ऑटोमेटिक गेट खराब होने के कारण नहीं खुल पाए। जिस कारण हाईडल लिंक चैनल ओवरफ्लो हो गयी। घटना के समय लिंक चैनल को 𝟓𝟒𝟎𝟎 क्यूसेक पानी की आपूर्ति की जा रही थी। भारी मात्रा में हथनी कुंड बैराज से पानी की आपूर्ति जारी रहने के कारण हाइडल नहर का पानी साथ लगते गांवों नैनावाली, भूडकलां, मांडेवाला के खेतों में घुस गया।
लगातार पानी की आपूर्ति जारी रहने के कारण पानी भूडकलां की आबादी व पावर हाउस तक पहुंच गया। 𝟏 घंटे के बाद हाइडल प्रोजेक्ट के अधिकारियों की आंख खुली तो पानी की आपूर्ति को आरडी 𝟗𝟎𝟎 से पश्चिमी यमुना नहर की ओर डायवर्ट किया गया। लगभग 𝟏𝟓 घंटे के बाद पानी की आपूर्ति नॉर्मल हो पाई। इस दौरान नहर का पानी खेतों में ताजा बिजाई किए गेहूं के खेतों में भर गया। भूड कलां निवासी लियाकत अली ने बताया कि नहर का पानी खेतों में भर गया है।
पावर हाउस पर तैनात मेंटेनेंस डिपार्टमेंट के कर्मचारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि इससे पूर्व दो बार दिन के समय इसी प्रकार बाईपास के गेट ऑपरेट नहीं होने के कारण लिंक चैनल ओवरफ्लो हो चुकी है। लेकिन दिन का समय होने के कारण स्थिति को काबू कर लिया गया था।
बीती रात अधिकारियों के लापरवाही के कारण ऐसा नहीं हो पाया। और स्थिती बेकाबू हो हो गई। लिंक चैनल के किनारे टूटने से बाल-बाल बच गए। हा ईडल चैनल की पटरी से दर्जनों स्थानों से पानी ओवरफ्लो होकर खेतों की ओर घुस गया।
एसडीओ अमित यादव, एसडीओ पवन कुमार ने जानकारी देने से बचते हुए कहा कि रेजिडेंट इंजीनियर को पूरी जानकारी दे दी गई है। घटना के बारे में जब रेजिडेंट इंजीनियर विक्रांत ढांडा से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने एसई अशोक महेश्वरी का नंबर दे दिया।
अशोक महेश्वरी ने बताया कि उनकी लंबे समय से पोस्टिंग पानीपत है। हाइडल प्रोजेक्ट से उनका कोई लेना-देना ही नहीं है। इतनी बड़ी लापरवाही के बावजूद हाइडल प्रोजेक्ट के अधिकारी जानकारी देने से कन्नी काटते रहे।
एसडीओ अमित यादव, एसडीओ पवन कुमार ने जानकारी देने से बचते हुए कहा कि रेजिडेंट इंजीनियर को पूरी जानकारी दे दी गई है। घटना के बारे में जब रेजिडेंट इंजीनियर विक्रांत ढांडा से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने एसई अशोक महेश्वरी का नंबर दे दिया।
अशोक महेश्वरी ने बताया कि उनकी लंबे समय से पोस्टिंग पानीपत है। हाइडल प्रोजेक्ट से उनका कोई लेना-देना ही नहीं है। इतनी बड़ी लापरवाही के बावजूद हाइडल प्रोजेक्ट के अधिकारी जानकारी देने से कन्नी काटते रहे।
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